ये कहानी में मैं आप को बताऊंगा की कैसे मैंने अपनी पड़ोसन आंटी को पटा के उसकी चुदाई की. मैं 19 साल का हूँ और दिखने में हेंडसम हूँ. मैं अपने दोस्तों के साथ में एक अपार्टमेंट में रहता हूँ. हमारे फ्लेट के एकदम सामने ये हॉट आंटी रहती हैं अपनी फेमली के साथ. उसका नाम जयश्री हैं और वो एकदम सुडोल फिगरवाली और सेक्सी लुक्स वाली हैं. आंटी का रंग एकदम साफ़ हैं और उसके आम (बूब्स) एकदम बड़े और मस्त शेप में हैं. आंटी की एक लड़की भी हैं जिसका नाम प्रिया हैं, जो दो साल की हैं.
मैंने जब आंटी को पहली बार अपने अपार्टमेन्ट में देखा तभी से मैं तो जैसे उसके प्यार में पड़ गया था. उसके पति का अपना खुद का कारपेट का बिजनेश था जिसके लिए वो अक्सर बहार जाता था. प्रिया अक्सर हमारे फ्लेट में खेलने के लिए आती थी. और वो हम सब को बड़ी पसंद थी. और मैं भी अक्सर जयश्री आंटी के घर प्रिया को खेल लगाने के लिए जाता था.
एक दिन मैं शाम को जल्दी आ गया था. और फिर मैं टाइम पास करने के लिए प्रिया के पास गया. मैंने सोचा की उसे अपने कमरे पर ले आता हूँ. मैंने दरवाजे को नोक किया तो आंटी ने ही दरवाजा खोला. और पहली बार ही मैंने जयश्री आंटी को नाइटी के अन्दर देखा. आंटी ने एक गुलाबी रंग की स्लीवलेस नाइटी पहन रखी थी जिसके अन्दर वो बड़ी ही हॉट लग रही थी. मैं तो उसे ऊपर से निचे तक देखता ही रह गया. आज तो आंटी क डीप क्लीवेज और भी हॉट लग रहा था क्यूंकि वो मेरे बेहद करीब खड़ी हुई थी.
उसके बूब्स का रंग भी उसके जैसा ही गोरा ही था. मैं अपनी नजर हटा नहीं सका वहा से. जैसे ही आंटी ने नोटिस किया की मैं उसके बूब्स को ताड़ रहा हूँ तो उसने दुपट्टे से उन्हें ढँक लिया. मैंने मन ही मन सोचा की साला इसका हसबंड कितना लकी हैं जो उसे ऐसा पटाखा चोदने के लिए मिला हुआ हैं. और फिर मैं अन्दर जा के उसकी बेटी के साथ खेलने लगा.
कुछ देर बच्ची के साथ खेलने कके बाद मैं किचन में गया. इरादा तो मेरा आंटी के बूब्स देखने का ही था. लेकिन वहां पर मुझे आंटी की गांड के दर्शन हो गए. और उस दिन के लिए वो सिन मेरा लंड पूरा दिन खड़ा रखने के लिए काफी था. आंटी की नाइटी के अंदर उसके बदन का अंग अंग और उसका मोड़ मुझे दिख रहा था. मैंने जैसे तैसे कर के अपने लंड पर कंट्रोल किया और मेरा लंड इतना खड़ा हुआ था की जैसे पेंट को ही फाड़ देगा. मैं जल्दी से अपने कमरे पर चला गया और आंटी के बूब्स और गांड को सोच के मुठ मार ली.
आंटी के दूध जैसे सेक्सी बूब्स और उसकी फैली हुई गांड ने मुझे पागल सा कर दिया था. और मैंने आज सोचा की कुछ भी कर के बस एक बार तो इस जयश्री के साथ सेक्स करना ही करना हैं! मैं उसके बूब्स के रस को पीना चाहता था और उसे अपनी गोदी में बिठाना चाहता था. और इसलिए अब मुझे जब भी चांस मिलता था मैं आंटी के घर चला जाता था. और मैं आंटी के साथ एकदम कूल हो के बातें करता था. लेकिन साला आंटी को वो सेक्सी नाइटी में देखने का मौका ही नहीं मिला फिर तो!
मैं आंटी के बूब्स को देखता रहता था. और उसे जताना चाहता था की मैं उसके अन्दर इंटरेस्टेड हूँ. बातचीत के वक्त मैं उसके बदन को कभी यहाँ तो कभी वहां देखता था. और कुछ ही समय में आंटी भी मेरे से करीब हो गई थी. मैं आंटी के साथ नयी मूवीज और अपनी कोलेज लाइफ की बातें भी करता था. अब आंटी अपने बूब्स को पहले जैसे छिपाती नहीं थी. शायद वो भी मेरे में इंटरेस्टेड थी लेकिन कह नहीं सकती थी. लेकिन अब आंटी की तरफ से सिग्नल मिलने लगे थे की वो भी इंटरेस्टेड हैं.
और फिर मैंने जयश्री आंटी के बदन के साथ टचिंग चालू कर दी ये जताते हुए की जानबूझ के नहीं हुआ हे. अक्सर उनकी बेटी को आंटी की गोदी से लेते हुए मैं उसके बूब्स को टच कर लेता था. ऐसे ही एक दिन किचन के अन्दर मैंने आंटी की बेटी को उनके पास से लिया. और आज तो मैंने बूब्स को टच कर के हल्का सा पुश भी कर दिया. और जब आंटी कुछ भी नहीं बोली तो मैं और भी पुश करने लगा.
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और आंटी ने अपने चहरे के ऊपर ऐसे भाव बनाए हुए थे जैसे उसको कुछ पता ही नहीं था. और शायद उसको भी मेरा बूब्स के उपर पुश करना अच्छा लग रहा था. और वो जैसे मुझे सामने से पुश करने में मदद कर रही थी अब तो क्यूंकि वो खुद भी मेरी तरफ आगे बढ़ी थी. और मैं समझ गया की आंटी को भी अपनी चूत म मेरा लोडा डलवाना हैं! लेकिन तब कुछ नहीं हुआ आगे क्यूंकि मुझे किसी ने बुला लिया. खड़े लंड पर धोखा हो गया!
और फिर अगले दिन जब मैं आंटी के घर पर गया तो वो वही सेक्सी नाइटी के अन्दर थी. मैं बहुत ही एक्साइट हो गया था और आज तो आंटी को चोदना ही चोदना था मुझे.
मैंने अपनी हिम्मत जुटा ली और आंटी को कहा की अआप जब भी ये नाइटी पहनती हो तो बड़ी ही सेक्सी लगती हो. आंटी ने एक मस्त खुशनुमा स्माइल दे दी. और मैं जान गया की आंटी की बॉडी के बाकी के पार्ट्स के बारे में भी बोला तो वो गुस्सा नहीं करेगी. और फिर मैंने आंटी क कहा की आप की बॉडी काफी सेक्सी हैं. आंटी को देखा तो वो कुछ नहीं बोली और किचन की तरफ चली गई. मैं भी उसके पीछे पीछे चला गया. वो अपने बड़े कुल्हें दिखाते हुए खड़ी थी मैंने पीछे से जा के आंटी को पकड़ लिया.
आंटी एकदम से हुए इस हमले से जैसे घबरा गई और उसने जबरन मेरे हाथ को दूर कर दिया. और फिर वो पलट गई और मुझे गुस्सा करते हुए बोली, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की. मैने कहा आंटी मेनन आप को बहुत प्यार करता हु और आप की सुन्दरता ने मुझे बहावला कर दिया हैं. आंटी ने कहा मैं अपने पति को बहुत प्यार करती हूँ और मैं ये सब नहीं कर सकती हूँ.
मैंने कहा आंटी मैं आप को सच में बहुत ही प्यार करता हूँ और आप इस दुनिया में वो अकेली औरत हैं जिसके लिए मेरी ऐसी फिलिंग हैं.
कैसे कर के मैं आंटी को कन्विंस करने के कामियाब हुआ लेकिन आंटी सिर्फ अपने बूब चटवाने के लिए ही मानी थी. मैने आंटी को कहा आज मेरे लिए ये मेरी लाइफ की सब से बड़ी गिफ्ट होगी. और फिर मैंने धीरे से अपने हाथ को आंटी के बूब्स के ऊपर रख दिया. जयश्री आंटी के बूब्स एकदम सॉफ्ट थे. आंटी मेरा हाथ बूब्स से हटा के किचन से चली गई. ये देख के मैं दुखी हो गया!
मैं भी उसके पीछे आ गया किचन से. आंटी ने घर के दरवाजे को लॉक कर दिया और फिर जिस कमरे में उसकी बेटी सोयी हुई थी उसको भी बंद कर दिया. मेरा दिल तो जैसे पानी की मोटर जैसा फ़ास्ट हो चूका था और मेरा लंड लोहा हो चूका था. और आंटी अब मेरे पास प्रफुल्लित चहरे के साथ आ के खड़ी हो गई. मैंने आंटी को पकड़ के उसे एकदम जोर से हग कर लिया. आंटी के बूब्स की सॉफ्ट फिलिंग मुझे अपनी छाती के ऊपर हो रही थी जो मुझे बड़ी ही मस्त लग रही थी.
मैंने आंटी के कान और गले के ऊपर किस करना चालू कर दिया. आंटी भी चुदासी हो गई थी और वो मुझे एकदम जोर से हग करने लगी थी. फिर मैंने आंटी के सॉफ्ट लिप्स के ऊपर धीरे से अपने होंठो को लगाया और लिप लोक कर दिया. हम दोनों एक दुसरे के होंठो को 15 मिनिट तक चूसते रहे. मैंने अपनी जबान को आंटी के मुहं में डाल के उसे चूसने को दिया. और मैंने खुद ने भी आंटी की जबान को खूब चूसा. हम दोनों का मूड बन चूका था. मेरा लंड उस वक्त आंटी की चूत को ही दबा रहा था.
मैंने धीरे से अपने हाथ को आंटी की नाइटी के ऊपर रखा और उसकी चूत को फिल किया. आंटी ने मेरे हाथ को चूत के ऊपर से हटा दिया और वो बोली वहां कुछ मत करो प्लीज. मैं हाथ को आंटी के दाहिने बूब के ऊपर रख दिया. मैं उस मखमली चूची को अपने हाथ से मसलने लगा और दबाने लगा. आंटी का बूब काफी बड़ा था और मेरे एक हाथ से तो जैसे वो संभल भी नहीं रहा था.
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अब मैंने आंटी की ब्रा के हुक को खोल दिया और उस वक्त मेरा हाथ आंटी की नाइटी में ही था. हम दोनों सोफे के ऊपर थे. अब मैने आंटी को सोफे के ऊपर लिटा दिया और आंटी के पुरे चहरे, लिप्स, गले के ऊपर किस करना चालू कर दिया. और फिर मैं धीरे से आंटी के बूब्स के उपार आ गया. मैंने उसकी नाइटी को ऊपर खिंच ली और उसके बूब्स बहार आ गए.
और फिर मैं आंटी के बूब्स को एकदम जोर जोर से चूसने लगा. जैसे किसी को बहुत दिनों के बाद खाना मिला हो! आंटी ने भी मेरी मर्दानगी को और ललकारा जब वो बोली, और जोर से चुसो ना! मैंने बूब्स को मसले और एकदम कस कस के चूसने लगा. आंटी ने कहा, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह प्लीज़ स्लो करो वरना मैं कंट्रोल नहीं कर पाउंगी खुद के ऊपर! वैसे मैं चाहता भी तो यही था. आंटी सोफे के उपर नंगी पड़ी हुई थी और चुदास के मारे कराह रही थी. आंटी ने अब मेरी टी शर्ट को उतार दिया और मेरे नंगे बदन को वो अपने हाथ से टच करने लगी.
मैंने अपनी पेंट को खोल दिया और मेरा 6 इंच का लंड आंटी के सामने आ गया. मेरा लंड देख के वो चौंक गई क्यूंकि मेरा लोडा उसके हसबंड के लोडे से बड़ा जो था. मैंने आंटी को लंड मुहं में लेने के लिए बोला लेकिन उसने मना कर दिया क्यूंकि उसने ऐसा पहले कभी नहीं किया था. मैंने आंटी की पेंटी को खोल के हलके से एक पप्पी दे दी उसकी पुसी के ऊपर. वैसे आंटी की चूत एकदम क्लीन और हायजेनिक थी लेकिन उसके उपर बाल जरुर उगे हुए थे.
मैंने आंटी की चूत के ऊपर खुस किस की और फिर उसकी लिप्स को अपनी जबान से चाटने लगा. आंटी एकदम अराउज हो चुकी थी और अब उसने मुझे जल्दी से जोर की चुदाई करने के लिए आमन्त्रण भी दे दिया. हम दोनों ने पुसी लिकिंग एन्जॉय की थी. और फिर मैंने अपनी दो ऊँगली को आंटी की चूत में डाल दिया. आंटी कराह रही थी और उसकी चूत एंठने लगी थी.
आंटी की चूत को एकदम गिला करने के बाद अब मैं धीरे से अपना लंड उसके अन्दर घुसाने की ट्राय करने लगा. मैंने पहले पहले तो आंटी को एकदम स्लो स्लो चोदा लेकिन फिर जब पूरा लंड उसकी चूत में घुसा तो मैंने अपनी स्पीड को बढा दिया. आंटी प्लीजर ले रही थी अब स्पीड वाली चुदाई का भी. मैं आंटी के बूब्स दबा रहा था, उसको लिप किस भी दे रहा था चोदते हुए. करीब 10 मिनीट तक मैंने आंटी को ऐसे ही कस कस के छोड़ा और फिर मैं आंटी की चूत में ही झड़ गया. वो भी मेरे साथ ही अपना पानी छोड़ गई!
मैंने आंटी को अपनी गोदी में बिठा दिया और कुछ ही देर में मेरी चोदने फिर से की इच्छा जाग गई. मैने आंटी को कहा की मुझे अब फिर से चोदना हैं तो वो जल्दी से मान गई. आंटी को पहले सेशन में मजा आया था इसलिए वो खुद भी चुदना ही चाहती थी.
और फिर आंटी अब मुझे बेडरूम में ले के चली गई. हम दोनों बेड के ऊपर लेट गए. मैंने आंटी के ऊपर एकदम प्यार से हाथ घुमाया और उसको कहा की आंटी मैं आप को बहुत प्यार करता हूँ. आंटी ने कहा मैं भी तुम्हे काफी समय से पसंद करने लगी हूँ. लेकिन कभी कह नहीं पाई. मुझे पता था की तुम मेरे बदन को देखना पसंद करते थे. मैं भी जब तुम घर नहीं आते थे तो तुम्हारी राह देखती थी.
मैंने आंटी को कहा आंटी मैं आप को आगे भी चोदना चाहता हु अपनी लाइफ में. वो बोली जयश्री तो अब तुम्हारी ही हैं, जब मन करे मुझे बता देना.
मैंने खुश हो गया और आंटी से लिपट गया. अब की मैंने आंटी को और भी लम्बा चोदा. वो भी अलग अलग पोज में मेरा लंड एकदम आराम से ले रही थी. उसको मेरे लंड पर बैठना था तो उसकी ये हसरत भी मैंने पूरी कर दी.
हम दोनों चुदाई के बाद पुरे थक चुके थे. आंटी के बाथरूम में मैंने उसकी चूत साफ़ कर के चाटी. उसने भी आज मेरे लंड को साबुन से धो के मुहं में ले लिया. लेकिन उसने 20-25 सेकंड के लिए ही लंड को चूसा था. मैंने जल्दबाजी नहीं की क्यूंकि मैं जानता था की आगे आगे ये आंटी गांड भी मरवाएगी और मुहं में भी ले लेगी!!!
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