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बीवी की मौसी का कामरस

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मुकेश है और मेरी 37 साल है. हाईट 5 फुट 7 इंच, अच्छी बॉडी और लंड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. में एक कंपनी में इलेक्ट्रॉनिक सिक्यूरिटी इंजिनियर हूँ और में दिल्ली में जॉब करता हूँ. में आज आपको अपनी पहली और रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि ये कहानी आप सबको पसंद आयेगी.

मेरी शादी अक्टूबर 2004 में हुई थी और मेरी पत्नी रेखा उस टाईम पढ़ रही थी तो में उसे सेक्स के लिए ज़्यादा फोर्स नहीं करता था, लेकिन उसको भी सेक्स में ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था तो वो ज़्यादा मेरे पास नहीं आती थी. खैर इन सबके चलते वो प्रेग्नेंट हो गई और हमें एक बेटा हुआ. फिर कुछ टाईम के बाद हम मेरे ससुराल के सब रिश्तेदारो के यहाँ घूमने जा रहे थे. फिर एक रविवार को हम मेरी मौसी सास के यहाँ गये, वो दिल्ली में ही एक सोसाइटी में तीसरे फ्लोर पर रहती है. (मेरी पत्नी की मौसी बहुत ही सेक्सी औरत है, अभी पिछले साल 2012 में उनकी बेटी की भी शादी हुई है, मौसी का फिगर बड़ा मस्त है और उनका फिगर साईज 35-32-36, हाईट 5 फुट 2 इंच और वो दिखने में बिल्कुल जवान लगती है और सरकारी नौकरी करती है) ख़ैर अब में वापस कहानी पर आता हूँ.

फिर हम लोग उनके घर लंच पर गए थे और उस दिन घर पर मौसी और उनकी बेटी ही थे. फिर हमने लंच करने के बाद खूब बातें की. इस बीच हमें वहाँ के मार्केट का भी पता चला तो मेरी पत्नी और उनकी बेटी ने मार्केट जाने का प्रोग्राम बना लिया. फिर हम लोग आराम करने के लिए दूसरे रूम में चले गये, उस रूम में अंधेरा था. फिर मेरी पत्नी ने बच्चे को सुलाया और मार्केट जाने की तैयारी करने लगी, उसने बच्चे को दीवार की तरफ सुलाया था और में बेड के दूसरी तरफ लेटा हुआ सोने का नाटक कर रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी पत्नी अपनी मौसी को बच्चे का ध्यान रखने की कहकर साली जी के साथ मार्केट निकल गई और प्यारी सेक्सी मौसी जी बच्चा ना जागे इसलिए मेरे साथ आकर लेट गई, उनको लगा कि में सोया हुआ हूँ और वो कुछ देर तक लेटी हुई बच्चे को सहलाती रही.

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने पलटी ली और मौसी के ऊपर टांगे रखकर लेट गया और उन्हें पीछे से पकड़कर किस करने लगा तो वो कुछ बोलने लगी. फिर मैंने उनका मुँह बंद करके उन्हें चुप रहने को कहा और कहा कि आवाज़ सुनकर मौसी जी आ जायेगी, चुप रहो. फिर ये कहते हुए मैंने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और अपने हाथ उनकी कमीज़ में डालकर उनके बूब्स दबाने लगा और फिर उनकी सलवार का नाडा खोलकर उनकी चूत सहलाने लगा.

अब वो बहुत ही धीरे धीरे विरोध कर रही थी, जिससे उनके मन की इच्छा भी पता चल रही थी कि वो भी क्या चाहती है. फिर मैंने अपना लंड भी बाहर निकाल लिया और उनके हाथ से रगड़ने लगा. फिर उन्होंने थोड़ा डरते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे से मेरे लंड को सहलाने लगी. फिर अब मेरी हिम्मत भी थोड़ी और बड़ गई और मैंने उनकी सलवार पूरी अपने पैरों से उतार दी और अपनी पेंट और अंडरवियर भी उतार फेंका और अपने लंड को उनकी चूत के मुँह पर रखकर हल्के से रगड़ने लगा.

फिर अब उनकी साँसे भी तेज हो चुकी थी और वो कुछ बोले बिना ही धीरे-धीरे से मेरा साथ दिए जा रही थी. फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के अन्दर डालना शुरू कर दिया और वो जल्दी से मेरी टी-शर्ट उतारने लगी. फिर मैंने लंड को वापस बाहर निकाला और अपनी टी-शर्ट उतार कर पूरा नंगा हो गया और उनको सीधा बैठाकर उनकी कमीज़ भी उतार दी और ब्रा खोलकर फेंक दी.

अब हम दोनों उस अंधेरे रूम में एकदम नंगे एक दूसरे की बाहों में झूल रहे थे और एक दूसरे के होंठो का रसपान कर रहे थे कि तभी मौसी जी बोली कि मेरा स्वाद ज्यादा अच्छा लग रहा है क्या? ये सुनकर मैंने एकदम से छिपने का नाटक किया और थोड़ा पीछे होकर बोला “अरे मौसी जी आप” ये कहते हुए में उठा और लाईट चालू कर दी. उस टाईम में और मौसी जी एक दूसरे के सामने एकदम नंगे थे और मेरा लंड बुरी तरह से तना हुआ था. उस टाईम मौसी जी सच में बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी.

फिर मैंने मौसी जी का हाथ पकड़ते हुए बोला कि मौसी जी सच में मैंने समझा कि रेखा मेरे साथ लेटी हुई है और में ये सब उसके साथ कर रहा हूँ. अब उनके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखते हुए बोली कि चलो छोड़ो अभी ये सब बातें करने का टाईम नहीं है और मुझे लेकर बेड पर लेट गई.

फिर मैंने भी उनकी आँखों में देखते हुए उनको फिर से किस करना शुरू कर दिया और कहा कि सच में आपका स्वाद रेखा से ज़्यादा अच्छा है और उनको किस करते हुए उनका पूरा बदन चाट डाला. फिर मौसी ने मेरा मुँह पकड़कर अपनी चूत पर रखा और चूत पर किस करने को कहा तो मैंने उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया. अब वो सिसकारियां लेने लगी और फिर थोड़ा मुड़कर मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है, कहीं ये मेरा सत्यानाश ही ना कर दे.

फिर मैंने कहा कि नहीं मौसी जी इससे कोई सत्यानाश नहीं होता, ये जितना ज्यादा बड़ा होगा उतना ज़्यादा आपको मजा आयेगा. ये सुनते हुए उन्होंने मेरे लंड को चूमा और फिर धीरे से चूसना शुरू कर दिया. पहली बार कोई मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा और अब में अपना लंड उनके मुँह में और अन्दर डालने लगा जो उनके गले में जाकर लगा और उनको खाँसी आने लगी.

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सीधा लेटकर उनके होंठ चूसने लगा और उनकी चूत को ज़ोर- ज़ोर से सहलाने लगा. फिर थोड़ी ही देर में मौसी जी इतनी गर्म हो गई कि उनके बदन की गर्मी मुझे अपने बदन में महसूस होने लगी. अब में उनसे पूरी तरह से चिपक गया और उंगली को और तेज़ी से हिलाने लगा तो वो भी मेरे साथ और ज़्यादा कसकर चिपक गई.

फिर में उनके होंठो को चूसते हुए उनकी चूत को रगड़ता रहा. फिर थोड़ी ही देर में उनका नशीला बदन अकड़ने लगा तो में समझ गया कि अब मौसी जी झड़ने वाली है. फिर मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ाते हुए और तेज कर दी तो अब उनकी पकड़ टाईट होते-होते एकदम ढीली हो गई और वो झड़ गई. अब मेरा पूरा हाथ उनके रस से गीला हो गया था, अब वो मेरे सामने अपनी आँखे बंद किए हुए आराम से लेटी हुई थी. फिर मैंने उनके पूरे बदन को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले जाकर सटा दिया तो अब उन्होंने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डालना शुरू कर दिया.

अब मैंने पहले कोई ज़ोर नहीं लगाया तो वो खुद ही सारा काम कर रही थी, बस में तो उनकी टाईट चूत के मज़े ले रहा था. फिर जब मेरा लंड 2 इंच तक अंदर चला गया तो मौसी जी बोली कि तुम्हारा लंड तो सच में बड़ा ज़ोरदार है मुझे तो अंदर लेते ही मज़ा आ गया. फिर मैंने कहा कि मौसी जी अभी ये पूरा अंदर तक कहाँ गया है, अभी तो थोड़ा सा ही गया है, जब पूरा जायेगा तो जन्नत का मजा मिलेगा. फिर वो गहरी सांस लेते हुए बोली कि हाय जानू फिर तो इसे पूरा अंदर तक अभी ही डाल दो, में भी तो देखूं कि मेरी बिटिया रानी रोज़ कैसे लंड से खेलती है और उसे कितना मज़ा मिलता है? ये सुनते ही मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे उनकी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया और उनको अपनी बाहों में कसकर उनके चेहरे को पूरा चूमना और चाटना शुरू कर दिया.
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अब वो भी मुझे अपनी बाहों में जकड़े जा रही थी, अब जैसे-जैसे लंड अंदर जाता जा रहा था तो उनकी पकड़ और टाईट होती जा रही थी. अब मेरा लंड करीब पूरा अंदर घुस चुका था और मौसी जी अपनी आँखे बंद किए हुए अपने होंठो को दबाये हुए यू ही मेरे नीचे प्यार से लेटी हुई थी और मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. अब उनका प्यार उनके चेहरे पर पूरी तरह से दिखाई दे रहा था. फिर मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से आगे पीछे करना शुरू किया और नीचे मुँह करके उनके बूब्स को चूसने लगा.

अब उनकी उंगलियाँ मेरे बालों में घूम रही थी और अब मुझे उनकी चूत सच में बहुत टाईट और हॉट महसूस हो रही थी और मौसी जी की चूत की दीवारों की रगड़ मेरे सुपाड़े को सहला रही थी. अब सच में मुझे बहुत मजा भी आ रहा था और आश्चर्य भी हो रहा था कि लगभग 40 साल में भी उनकी चूत इतनी टाईट और हॉट कैसे है? ख़ैर मुझे क्या में तो उनकी चूत मारने का पूरा मज़ा लूट रहा था. अब मैंने भी अपने लंड की स्पीड तेज कर दी थी और उनकी चूत भी गीली हो चुकी थी, जिसकी वजह से रूम में पच-पच की आवाज़ गूँजने लगी थी.


अब में उनके ऊपर लेटा हुआ, उनकी चूत में पूरा लंड डाले हुए उनको जोरदार चोद रहा था. अब मुझे उनको चोदते हुए करीब 20 मिनिट हो चुके थे, अब में भी अपनी फुल स्पीड से चोदने की वजह से थोड़ा थक चुका था. फिर मैंने उन्हें चोदना रोककर उन्हें किस करता हुआ उनको पलटकर अपने ऊपर ले आया और उन्हें सेक्स करने के लिये कहा तो अब वो मेरे ऊपर लेटकर आगे पीछे हिलने लगी. इस पोजिशन में उनको खूब मजा आ रहा था तो उनके मुँह से अहहा आआआअ हाईई में मर गइईईईई अहहा जैसी आवाज़े आने लगी.

फिर इसी पोज़िशन में सेक्स करने के बाद वो हिलती हुई धीरे-धीरे मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और हिलने लगी, जिससे उनके बड़े और टाईट बूब्स भी ऊपर नीचे उछलने लगे, जिन्हें देखकर मुझे बड़ा मज़ा आने लगा और में भी नीचे से उछल-उछलकर शॉट मारने लगा. इस बीच वो झड़ गई और मेरे ऊपर लेटकर मुझे कसकर पकड़ लिया और किस करते हुए बोली कि आज में कई सालों के बाद ऐसे झड़ी हूँ, सच में बहुत मजा आ गया, लेकिन इस बीच मैंने नीचे से अपना लंड उनकी चूत में हिलाना बंद नहीं किया और धीरे-धीरे शॉट मारता रहा.

अब वो और उनकी चूत थोड़ी ढीली हो चुकी थी तो में उठकर बैठ गया और उन्हें अपनी गोद और बाहों में लेकर किस करता हुआ चोदता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उन्हें वापस बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर आकर शॉट मारने लगा. इस बीच मैंने अपना लंड एक बार भी उनकी चूत से बाहर नहीं निकाला.

अब हमें सेक्स करते हुए करीब 1 घंटा हो गया था और अब में भी झड़ने वाला था फिर मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी, जिसे वो भी समझ गई और मुझे अपनी बाहों में कसकर मेरे होंठो को चूमते हुए मेरी पीठ पर अपने हाथ ज़ोर-ज़ोर से फेरने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और किस करते हुए में भी उनके अंदर ही झड़ गया और मौसी जी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपनी चूत को टाईट कर लिया और बोली कि में फिर झड़ गई हूँ.

अब हम इसी तरह करीब 5 मिनट तक लेटे रहे और एक दूसरे को किस करते रहे. अब मेरे लंड का तनाव थोड़ा कम हो चुका था, मगर अभी भी उसमें काफ़ी जान थी तो में अपने लंड को मौसी जी की चूत से बाहर निकाले बिना धीरे-धीरे उसे ऐसे ही हिलाए जा रहा था. फिर हम जब अलग हुए तो हम दोनों बुरी तरह से पसीने से भीगे हुए थे. फिर उन्होंने एक टावल लिया और मुझे और अपने आपको अच्छे से साफ़ किया और मेरे लंड को बड़े प्यार से अपने नाज़ुक मुलायम हाथों में लेकर बड़े आराम से साफ़ किया और उसे 5-6 किस की.

फिर हम दोनों अलग हो गये और फिर उन्होंने अपनी बेटी को फ़ोन करके उनकी मार्केटिंग और उनके आने के बारे में पूछा. मेरी साली ने उनसे कहा कि वो अभी दूर है और उनको आने में करीब 2 घंटे लग जायेगें. फिर हम ये सुनकर बहुत खुश हो गये और एक साथ नहाने के लिए बाथरूम में घुस गये. फिर वहाँ पर हम दोनों ने खूब मस्ती की और वहाँ पर मैंने एक शॉट और लगाया.

फिर बाथरूम में मैंने उन्हें कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े होकर तो कभी गोद में लेकर चोदा. हम करीब 25 मिनट तक शॉवर के नीचे ये सेक्स का खेल खेलते रहे. फिर हम दोनों अच्छी तरह से नहाकर रूम में आ गये और फिर मौसी जी ने मेरे बच्चे को दूध पिलाया. फिर वो मेरे लिए चाय बनाकर ले आई. फिर हमने चाय पीने के बाद फिर से उसी रूम में जाकर खूब प्यार की मस्तियाँ की. फिर मेरी पत्नी और साली के आने के बाद हम आराम से बैठे और कुछ देर तक बातें करने के बाद डिनर करके हम घर वापस आ गये.

इसके बाद हमें एक और मौका करीब 1 साल के बाद मिला जब में ऑफिस के काम से वहाँ गया था. मैंने मौका अच्छा समझकर मौसी को फोन किया. मैंने सोचा था कि मेरे बारे में सुनकर वो जल्दी ऑफिस से आ जायेगी और हम आज फिर से मज़े करेगें, लेकिन मेरी किस्मत उस दिन कुछ ज़्यादा ही अच्छी थी. मौसी जी ने कहा कि में तो आज घर पर ही हूँ और में उनके घर के बिल्कुल पास में ही था तो में जल्दी से उनके घर पहुँच गया और उस दिन मौसी जी घर पर अकेली थी और नहाने की तैयारी कर रही थी.

फिर जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो में उन्हें देखता ही रह गया, वो सिर्फ़ पेंटी पहने हुए मेरा इंतजार कर रही थी. अब दरवाजा खोलते ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद करते ही उन्होंने मुझ पर किस की बरसात कर दी और झट से मेरे पूरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और सिर्फ़ 1 मिनट में उन्होंने मुझे चूमते हुए पूरा नंगा कर दिया.

अब में अभी तक कुछ भी नहीं कर पाया था, लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने भी मौसी जी को बाहों में भर लिया और किस करते हुए उनकी पेंटी भी उतार फेंकी और गोद में उठाकर उसी रूम में ले गया और उन्हें बेड पर पटककर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे बदन को किस करता हुआ बूब्स और कूल्हों को दबाते हुए उनकी चूत में उंगली करता रहा.

फिर जैसे ही मैंने अपने लंड को चूत के मुँह पर रखा तो वो पीछे हो गई और मेरे लंड को पकड़कर अंदर डालने को मना करने लगी. ये सुनकर में हैरान हो गया और फिर वो बोली कि में अभी तक नहाई नहीं हूँ तो हम बाथरूम में जाकर आज नहाते हुए सेक्स और प्यार करते है. फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये. बाथरूम में जाते ही उन्होंने झट से शॉवर चालू कर दिया और मुझे लेकर शॉवर के नीचे बैठ गई और मेरे पूरे बदन पर किस करते हुए मुझे वहीं पर ही लेटा दिया. अब वो मेरे भीगे हुए बदन को अपनी जीभ से चाटने लगी और वो मेरे नंगे बदन से बहते हुए पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रही थी. उनकी इस हरकत से में बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया और उनके बाल पकड़कर उन्हें अपने ऊपर खींच लिया.

फिर मैंने उन्हें किस करते हुए नीचे फर्श पर लेटा दिया और अब में उनका बदन चाटने लगा और पास में पड़ी बाल्टी से उन पर और पानी डालते हुए अपने बदन को उनके बदन से मसलने लगा. फिर अपने मुँह को उनकी चूत के पास ले जाकर डब्बे से पानी डालते हुए चाटने लगा. में पहली बार किसी की चूत को चाट रहा था और जीभ भी अंदर तक डाल रहा था. अब मौसी जी भी इसका पूरा आनन्द ले रही थी और मुँह से हल्की-हल्की आवाज़े निकाल रही थी. ये सब करते हुए हमें करीब 20 मिनट हो गये थे.

फिर हमने उठकर एक दूसरे के बदन को साबुन और शेंपू से अच्छी तरह रगड़ा और अच्छी तरह से साफ़ और चिकना करके वहीं पर ही सेक्स करना शुरू कर दिया. फिर उन्होंने मुझे एक पट्टी पर दीवार के साथ बैठा दिया और खुद मेरे खड़े लंड पर अपनी चूत को फैलाते हुए बैठ गई. अबकी बार मेरा लंड बड़े आराम से उनकी चूत के अंदर समा गया और वो मेरे से लिपटी हुई ऊपर नीचे होने लगी. इस बीच शॉवर का पानी लगातार हमारे ऊपर पड़ता रहा और हम भीगते हुए एक दूसरे से चिपके हुए सेक्स का मज़ा लेते रहे.

फिर मैंने पोजिशन चेंज करते हुए उनको अपनी गोद में उठा लिया और बाँहो के झूले में झूलाते हुए लंड अंदर बाहर करने लगा. उनके बूब्स आज मुझे अपनी छाती पर कुछ ज़्यादा ही टाईट और मखमली से महसूस हो रहे थे. अब मेरे दोनों हाथ उनकी गांड के नीचे झूले की तरह बने हुए थे और हमारे होंठ एक दूसरे के मुँह में दबे हुए थे. हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुँह में मज़े से घूम रही थी और अब मौसी जी की टाँगे मेरी कमर पर कसती जा रही थी और हम आज एक दूसरे में पूरी तरह से समाये हुए थे.

फिर कुछ देर के बाद हम अलग हुए और अपना बदन पोंछकर बेडरूम में आ गये, लेकिन में तो अभी तक भी नहीं झड़ा था तो मैंने मौसी जी को पकड़कर अपना लंड उनके मुँह में दे दिया. अब वो ज़ोरदार तरीके से मेरे लंड को चूसने लगी. आज उनकी चूसने की स्टाईल भी बड़ी टाईट थी और स्पीड भी काफ़ी ज़्यादा थी तो मेरा लंड अब ज़ोर मारने लगा.

फिर मैंने कहा कि मौसी जी अब में झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकालकर फटाफट अपनी चूत में डाल लिया और वो मेरे ऊपर लेटकर ज़ोर-जोर से सेक्स करने लगी. अब वो बीच-बीच में अपनी चूत को भींच भी रही थी, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था और कुछ ही देर में उनकी चूत में झड़ गया. फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को प्यार करते रहे. फिर मौसी जी ने उठकर मेरे और अपने लिए चाय बनाई. इस बीच में भी जाने के लिए तैयार हो गया था. फिर हम दोनों ने चाय पीने के बाद एक दूसरे को खूब किस किया और फिर विदा लेकर में भी घर आ गया, ये मेरी जिंदगी का सबसे लंबा सेक्स टाईम था.

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