लंड ले कर काम सीखा – Chudakar Neetu ne lund le ke chudna sikh liya – Hot Hindi Font kahani
नीतू हमारे थिएटर ग्रुप में नई नई आई थी और वो शुरू से ही हर चीज़ में सुपर इन्वोल्व रहती थी फिर भले वो कॉस्टयूम डिपार्टमेंट हो, आर्ट या फिर म्यूजिक डिपार्टमेंट. मैं उसे शुरू से ओब्सर्व कर रहा था और वो शायद चाहती भी यही थी क्यूंकि उसने कहीं सुन रखा था की मैं पहले एक कास्टिंग डायरेक्टर था लेकिन पारिवारिक कारणों से मुंबई छोड़कर भोपाल वापस आगया था. यूँ तो वो बड़ी ही डेडिकेटेड एक्ट्रेस थी लेकिन उसका डेडिकेशन सबसे ज्यादा या तो हामरे बॉस कनक माथुर जी को रिझाने में था या फिर मेरे से करीबी बढाने में था और मुझे इसकी भनक उसी दिन लग गयी थी जब मैं सब को प्ले की लाइन्स याद करवा रहा था और वो सारे किरदारों की लाइन्स याद कर के आई थी. नीतू के काम से मैं अच्छा ख़ासा इम्प्रेस्ड था लेकिन वो आगे जा कर वही सब डेली सोप करना चाहती थी ये मुझे नहीं पसंद आया, खैर अपनी अपनी चॉइस अपना अपना भाग्य सोच कर मैंने उसे उसके हाल पर छोड़ दिया.
एक दिन सब लोग मास बंक कर गए और नीतू को पता नहीं था तो वो आ कर पहले तो थिएटर की सीढ़ियों और फिर माथुर जी के पास बैठ गयी, मुझे मास बंक का पता तो था लेकिन मुझे माथुर जी से कुछ काम था सो मैं वहीँ पहंच गया जहाँ नीतू उनके साथ हंसी ठट्ठा कर रही थी. मैं माथुर जी से बात निपटा कर निकल ही रहा था कि नीतू नए मुझसे पूछा “आप मुझे ड्राप कर दोगे क्या” मैंने माथुर जी की तरफ देखा तो उन्होंने भी ले जाओ का इशारा कर दिया. मैं नीतू को ले कर चल पड़ा लेकिन उस में कुछ इंटरेस्ट नहीं दिखाया हालाँकि उसने उस दिन जो ड्रेस पहनी हुई थी वो किसी का क़त्ल करने के इरादे से ही आई थी और कुछ हद तक मैं क़त्ल होने के कगार पर खड़ा खुद को बचने की नाकाम कोशिश कर रहा था, और बाइक स्टार्ट करते ही मेरी कमर पर जैसे ही नीतू का हाथ आया मेरा होश काफूर हो गया.
मैंने बाइक पार्किंग में ही रोक दी और उस से पूछा “तुम्हे क्या तकलीफ है” वो रुआंसी हो गयी और बोली “मैं आपको खुश करने की कितनी कोशिश करती हूँ, इतनी मेहनत से सब याद करती हूँ सब काम करती हूँ और आज तो मैं खासतौर पर आपके लिए ही तैयार हो कर आई थी लेकिन आपने ध्यान ही नहीं दिया और अब मुझ पर गुस्सा और कर रहे हो” वो ये सब एक ही सांस में बोल गयी और रोने लगी. मैंने उसे शांत करवाने की कोशिश की तो वो मेरे गले लग गयी, दोपहर में पार्किंग में कोई नहीं होता था लेकिन मेरी फटी पड़ी थी की कहीं किसी नए देख लिया तो बवाल हो जाएगा और मेरा नाम अलग बिगड़ेगा कि ये साला रंगकर्मी नहीं लड़कीबाज़ है. मैंने उसे चुप करवाने की कोशिश की तो वो और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो मैंने उसे बाइक पर बिठाया और पास ही में अपने एक दोस्त के रूम पर ले गया जिसकी चाबी का ठिकाना मुझे पता था.
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वहां पहुंचकर मैंने उसे समझाया कि वो जिस रास्ते जा रही है वहां से लौटना नामुमकिन है लेकिन वो नहीं मानी और मेरे पैर पकड़ कर मुझसे प्यार की भीख मांगने लगी आखिर ऐसी सुंदर लड़की पर किसका दिल नहीं पिघलेगा सो मैं भी पिघल गया और मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया, नीतू जैसे ही मेरी बाहों में आई उसका रोना बंद हो गया और वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी. मैं भी अपने होश खो बैठा और उसके प्यार का जवाब अपने होठों से उसके होठों पर देने लगा, नीतू नए अपना टॉप उतरा तो उसके नन्हे नन्हे कोमल चुचे उसकी स्पोर्ट्स ब्रा में से झाँक रहे थे जिन्हें मैंने अपने हाथों से सहलाया और उसकी ब्रा खोल कर उन्हें पीने लगा ये वाकई एक अजब एक्सपीरियंस था क्यूंकि मेरी पिछली गर्ल फ्रेंड अदिति के चूचों के मुकाबले नीतू के चुचे काफी टाइट और तने हुए थे.
नीतू मीठी मीठी सिस्कारियां भरते हुए अपने बाकि कपडे उतारने लगी और मैंने उसके जिस्म पर हाथ फिराता हुआ उसके जिस्म के उतार चढ़ाव महसूस कर रहा था जिस में उसकी गांड काफी स्पेशल थी, एक डीएम बाहर निकली हुई गांड और बेहतरीन कमर खूबसूरत नैन नक्श और किसी पेंटिंग की तरह बने हुए उसके होंठ जिन्हें मैं अब चूम रहा था. नीतू ने मेरे लंड पर हाथ फेरा और उसने कहा “आपका लंड कितना सख्त है” और इतना कहकर उसने मेरी पेंट और अंडरवियर खोल कर मेरे लंड को अपने हाथ में ले कर उसकी तारीफ़ की और उसे जमकर चूसा. मैं अलग ही ट्रिप पर चला गया था और नीतू मेरे लंड की अपने मुंह में सर्विसिंग कर रही थी, वो पलट कर घोड़ी बन गयी और मैंने उसकी गांड पर सवारी करनी शुरू कर दी जिस में मुझे काफी मज़ा आ रहा था और नीतू सिसकारी भरते हुए बोली “सर प्लीज़ अन्दर डालो ना”.
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मैंने उसकी चूत के किनारे पर अपना लंड रख कर एक भरपूर धक्के से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो और ज़ोर से कराह उठी और बोली “सर आई लव यू सर” मैं उसकी पीठ को चूम रहा था उसके चुचे मसल रहा था और वो बस कराह रही थी. हालाँकि उसकी चूत टाइट थी लेकिन फिर भी शायद उसके एक्सपीरियंस के आगे मेरे लंड नए हार मान ली थी सो उसे ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था वरना मेरे लंड से तो अदिति भी रो पड़ी थी. नीतू को मैंने पांच सात मिनट तक उसी पोजीशन में चोदा और फिर उसे कुर्सी पर बिठा कर उसकी टांगें कुर्सी के हत्थों पर टिका कर मैंने लंड को उसकी चूत में फिर से पेल दिया तो नीतू चिल्लाई “ऊऊह्ह्ह सर आप कमाल हो प्लीज़ फक मी हार्डर” मैंने धक्के और तेज़ कर दिए और उसे पूरी ताकत से चोदने लगा. नीतू दो ही मिनट मिएँ झड़ गयी और उसने हार मान ली लेकिन मैं नहीं थका था और कुछ तो मुझ पर काफी टाइम बाद एक्स करने की वजह से जूनून तगड़ा ही छाया हुआ था इसलिए मैंने उसे गोदी में उठाया और ज़मीन पर पड़े गद्दे पर उसे लिटा कर उसकी दोनों टांगें हवा में ले कर उसकी ज़बरदस्त चुदाई की.
जैसे ही मैं झड़ने वाला था मैंने उसकी चूत में से लंड निकाल कर उसके पेट पर अपना सारा वीर्य छोड़ दिया, नीतू निढाल पड़ी थी और उसके मुंह से रह रह कर यही शब्द निकल रहे थे “सर प्लीज़ छोड़ना मत एक बार और करो ऐसे ही” मैंने सोचा क्या ये पागल हो गयी है लेकिन उसके इंसिस्ट करने पर मैंने अपने लंड को दुबारा तैयार किया और उसे मिशनरी पोजीशन में ही आधे घंटे तक और चोदा, थोड़ी देर बाद जब मैं वापस झड़ गया तो मैं देखा की नीतू नए रिस्पोंड करना बंद कर दिया है. मैंने उसकी नब्ज़ चेक की तो पता चला की वो इतनी गज़ब की चुदाई से बेह्सोह हो गयी है, मैंने उसे होश में लाने के भरपूर प्रयास किये और वो जैसे ही होश में आई मुझसे लिपट कर बोली “बस अब से आप मेरे हो और मैं आपकी”. मुंबई जाने से पहले तक नीतू और मैं अमूमन हर रोज़ ऐसे ही पेश्नेट चुदाई करते, आज वो स्ट्रगल कर रही है फिल्मों और सीरियल में जगह बनाने की और मैं यहीं थिएटर कर रहा हूँ.
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