फिर क्या था? रवीना आंटी मुझे एक एक दो दिन में कुछ ना कुछ बता देती और सामान मंगवाती रहती थी और में उनके घर में जाता रहता था.. लेकिन में कभी भी उनके घर के अंदर नहीं जाता था और बाहर से ही उनको सामान देकर चला जाता था। एक दिन आंटी ने मुझे कॉल किया और कहा कि राहुल मेरे साथ तुम मार्केट चलो.. मुझे कुछ सामान लेना है और उन दिनों बारिश हो रही थी और में आंटी के घर के बाहर आया और कॉल किया और कहा कि आंटी में आ गया हूँ। फिर आंटी ने क्या साड़ी पहनी थी? लाल कलर की सिल्क वाली साड़ी.. लेकिन मैंने इतना ध्यान नहीं दिया क्योंकि में आंटी के बारे में कभी भी गलत नहीं सोचता था। फिर में आंटी को बाईक पर ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया।
तो आंटी ने कुछ घर का सामान लिया और फिर आंटी एक दुकान पर गई जहाँ पर पेंटी और ब्रा मिलती थी और में दुकान के बाहर ही रुक गया.. तो आंटी बोली कि राहुल क्या हुआ? फिर में बोला कि आंटी आप ही जाइए.. तो आंटी बोली कि चलो ना कोई दिक्कत नहीं है और फिर में भी आंटी के साथ अंदर चला गया.. आंटी ने दुकानदार से कुछ पेंटी और ब्रा निकलवाई आंटी का साईज़ 42 था आंटी ने 3 पेंटी और एक ब्रा खरीद ली और आंटी को में वापस घर लाने लगा। तभी बारिश होने लगी आंटी और हम थोड़ा भीग गये और हम जैसे ही आंटी के घर पर पहुंचे तभी बारिश और तेज़ हो गई। तो आंटी बोली कि राहुल अंदर चलो.. मैंने जल्दी से बाईक साईंड में लगा दी और आंटी के घर के अंदर चल दिया.. आंटी ने अपने घर का ताला खोल दिया और हम अंदर चले गये.. में आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। फिर आंटी ने कहा कि राहुल यह लो टावल जल्दी से ड्रेस उतार लो नहीं तो ठंड लग जाएगी। तो मैंने कहा कि आंटी कोई बात नहीं में बारिश कम होते ही चला जाऊंगा। फिर आंटी ने कहा कि अरे राहुल तुम्हारे कपड़े तो पूरे भीग गए है और तुम बीमार हो जाओगे। तो मैंने आंटी की बात मान ली और मैंने कपड़े उतार लिए और टावल को पहन लिया और आंटी भी अपने रूम में कपड़े चेंज करने चली गई। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी? उन्होंने गुलाबी कलर की नाईटी पहन रखी थी और वो मेरे सामने आकर बैठ गई। फिर आंटी बोली कि राहुल तुम बैठो में चाय बनाकर लाती हूँ.. उस समय तक मेरे दिल में आंटी के लिए कुछ ग़लत नहीं आ रहा था। फिर थोड़ी देर बाद आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आकर बैठ गई और हम दोनों चाय पीने लगे और आंटी इधर उधर की बातें करने लगी और कहा कि राहुल वैसे तुम क्या करते हो? और क्या करना चाहते हो? फिर आंटी कहने लगी कि राहुल में सभी ब्रा चेक कर लूँ कि साईज़ सही है या नहीं.. अगर सही नहीं होगा तो तुम चेंज कर लाना।
फिर आंटी अंदर गई और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझे आवाज़ लगाई.. राहुल ज़रा अंदर आना। में टावल में ही अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गई.. आंटी पेंटी और ब्रा में थी ब्रा पहनने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उनकी छाती में अंदर नहीं जा रही था। तो आंटी बोली कि अंदर आ जाओ.. में दरवाजा खोलकर अंदर गया और आंटी बोली कि राहुल ज़रा इसको पहनाना मुझे.. मुझसे इसका हुक नहीं लग रहा। तो मैंने बोला कि आंटी क्या में? आंटी बोली कि हाँ तो क्या हुआ? तो में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और कांच में से चुपके चुपके उनके मोटे मोटे बूब्स देख रहा था। आंटी मुझसे पूछने लगी कि राहुल क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? में उस टाईम चुप रहा.. आंटी फिर बोली कि बताओ ना.. में कैसी को कुछ भी नहीं बताऊँगी? तो में बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं.. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। तो आंटी बोली कि क्यों झूठ बोल रहा है? फिर मैंने बोला कि आंटी मुझे कोई मिली नहीं। तो आंटी बोली कि तुमको किस तरह की लड़की चाहिए? तो मैंने बोला कि जो मुझे बहुत प्यार करे। फिर आंटी बोली कि हाँ सही है और मैंने आंटी की ब्रा का हुक लगा दिया।
तभी आंटी मेरे सामने सीधी होकर खड़ी हो गई और उनके मोटे मोटे बूब्स देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और टावल से साफ दिखने लगा.. आंटी ने शायद देखा लिया। फिर आंटी बोली कि राहुल ज़रा वो वाली लाना जो बेड पर है। तो में उस दूसरी ब्रा को लेने लगा तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और मेरा दिमाग़ काम ही नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि जल्दी से लाओ ना। तो में ब्रा लेकर आंटी के पास गया और फिर आंटी बोली कि क्या हुआ राहुल? क्या कभी किसी औरत को ऐसे नहीं देखा? फिर मैंने कहा कि नहीं और आंटी मेरे लंड की तरफ़ देखने लगी और बोली कि यह क्या है? तो मैंने कहा कि आंटी कुछ नहीं.. आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी और बोली कि तू यह सब कुछ कहाँ छुपाता है और में आंटी की बातें सुनकर पागल सा हो रहा था और आंटी ने मेरा टावल निकाल दिया.. में अब सिर्फ अपने अंडरवियर में था। आंटी बोली कि में इसको अभी शांत करती हूँ और आंटी मेरे लंड को अंडरवियर के अंदर से हिलाने लगी.. लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको किस करने लगा। तो आंटी बोली कि राहुल बहुत समय से तेरे अंकल ने मुझे प्यार नहीं किया इसलिए मैंने यह सब किया.. अगर में तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नहीं करता क्योंकि तुम को मुझमें क्या मिलेगा? फिर मैंने बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं है.. में आपको आज से प्यार करूंगा। यह बात सुनकर आंटी मुझे किस करने लगी। फिर मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड पर लेटा दिया। में आंटी की पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा और आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैंने आंटी की पेंटी उतार दी और मैंने देखा कि आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं है और पूरी लाल चूत थी। फिर आंटी बोली कि मैंने आज ही बाल साफ किये है.. मुझे आज तुझसे जो मिलना था। तो मैंने कहा कि क्या बात है साली.. वो हंसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। में उसके बूब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस करने लगा। फिर उसने कहा कि राहुल अपनी आंटी को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो।फिर मैंने कहा कि ठीक है और मैंने आंटी के पैरों को फैलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा और धीरे से अंदर डालना शुरू किया और एक धक्का दिया आंटी की चीख निकल गई और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की आवाज़ मुझे दीवाना करने लगी आआआअहहा हम्म माँ मरी। फिर में स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपना लंड करता रहा और फिर थोड़ी देर बाद आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन मेरी स्पीड वही रही। फिर करीब 15 मिनट बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि आंटी कहाँ पर निकालूँ? फिर वो बोली कि बाहर निकाल दो और मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के ऊपर ही वीर्य निकाल दिया। तो आंटी बोली कि अरे तूने अपनी आंटी को गंदा कर दिया। मैंने कहा कि आंटी लो इसे चूसो ना.. आंटी बोली कि यह सब अच्छा नहीं होता। तो मैंने कहा कि आंटी प्लीज़.. लेकिन वो मना करने लगी और मैंने जबरदस्ती अपना लंड उसके मुहं के अंदर डाल दिया और उनको चूसने को कहा वो मना करने लगी.. लेकिन मैंने कहा कि क्या आप मुझसे प्यार नहीं करती?
[irp]
फिर आंटी ने कहा कि ऐसा नहीं है चलो में तुम्हारा लंड चूसती हूँ और वो मेरा लंड चूसने लगी और मेरे लंड को उसने पूरी साफ कर दिया और कहने लगी कि तुम सबको इसमें क्या मज़ा आता है? तो मैंने कहा कि आंटी थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार होने वाला है और आंटी अपने आपको साफ करने बाथरूम में गई और फिर आंटी साफ होकर बाहर आई.. लेकिन मेरा मन और ही था। तो आंटी को मैंने अपने हाथों से फिर गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया। फिर आंटी बोली कि अब क्या करना है? मैंने कहा कि आंटी अभी और भी चोदना है। आंटी बोली.. क्यों नहीं? में आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा। मैंने आंटी की चूत में फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक धक्का मारा और अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा और आंटी अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और में चुदाई करता रहा। फिर आंटी को मैंने अपने ऊपर बैठाया और वो मेरे ऊपर लंड को पड़कर ऊपर नीचे होने लगी और में करीब 15 मिनट तक लगातार चुदाई करता रहा। फिर मैंने आंटी को एक टेबल के ऊपर बैठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर एक जोर का धक्का मारा और मैंने उनके साथ 5-6 पोज़िशन में चुदाई की। फिर में उनको बेड पर लेटाकर चुदाई करने लगा और 30 मिनट के बाद मेरा वीर्य निकलने को तैयार था और मेंने आंटी के अंदर ही छोड़ दिया। आंटी बोली कि राहुल यह क्या किया? तो मैंने कहा कि आंटी इसका असली मज़ा अंदर ही है और वो बोली कि तू बड़ा बदमाश है.. चल हट मेरे ऊपर से.. फिर में आंटी के ऊपर ही हट गया और बोला कि आंटी रूको ना ज़रा आपको किस करने दो और में आंटी के बूब्स चूसता रहा और आंटी के साथ थोड़ी देर लेटा रहा। शाम के 5 बज गये थे.. लेकिन मेरा मन घर जाने को नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि क्यों आज घर नहीं जाना? तो मैंने कहा कि आंटी आपको छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि तो क्या हुआ? यहीं पर रुक जा अपनी आंटी के पास और पूरी रात प्यार कर। तभी में बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि आज सही टाईम है और फिर मैंने घर पर कॉल करके बोला दिया कि आज में अपने एक दोस्त के यहाँ पर रुक गया हूँ कुछ जरूरी काम है।
फिर में आंटी को बाहों में लेकर किस करने लगा.. तो आंटी बोली कि रुक जा थोड़ा आज पूरी रात ही तेरी है तू पूरी रात मुझे प्यार करना। मैंने ख़ुशी से आंटी को किस किया और बाहों में जकड़ लिया और किस करता रहा और वो भी मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे। फिर उसने कहा कि अभी थोड़ा आराम कर लो हम बाद में प्यार करेंगे। फिर वो अपनी मेक्सी पहन कर किचन में गई और थोड़ा खाने के लिए स्नेक्स लाई और बोली कि चलो खाते है। मैंने कहा कि आंटी आप मेरी गोद में बैठ जाईए और आप मुझे अपने हाथों से खिलाओ। तो आंटी बोली कि यह ठीक बात है चलो तुम टावल पहन लो और में बोला कि नहीं आंटी.. में ऐसे ही आपको गोद में बैठाऊंगा और आंटी मेरी गोद में आकर बैठ गई और मुझे अपने हाथों से स्नेक्स खिलाने लगी और हम आपस में बातें करने लगे.. मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आपने कितने टाईम से सेक्स नहीं किया था? तो आंटी बोली कि मुझे दो साल से ज्यादा हो गया है.. मैंने सेक्स नहीं किया।
फिर मैंने बोला कि आंटी आप कैसे अपने आप को सम्भाल रही थी? वो बोली कि में अपनी ऊँगली से ही दिल खुश कर रही थी। तो मैंने बोला कि आंटी आपके साथ सेक्स करके मज़ा आ रहा है लगता ही नहीं है कि आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है। तो आंटी बोली कि में आज तुम को और मज़ा दूंगी। में बहुत खुश हुआ और आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स दबाने लगा और मैंने कहा कि आंटी मुझे आपकी गांड का मज़ा चाहिए। तो आंटी ने कहा कि नहीं बहुत दर्द होगा.. मैंने कहा कि आंटी लेने दो ना.. फिर आंटी ने कहा कि चलो ले लो और आंटी फ्रिज से मक्खन लेकर आई और मेरे लंड पर लगाने लगी और थोड़ा अपनी गांड में भी लगा लिया। फिर मैंने बेड पर ले जाकर आंटी को घोड़ी बना लिया और उनकी गांड में अपना लंड डालने लगा.. मक्खन लगा होने की वजह से लंड उनकी गांड में आराम से जाने लगा और आंटी की आवाज़ आने लगी आआहह उफ्फ्फ ईईईईइ माँ और आंटी को बहुत दर्द होने लगा.. आंटी बोली कि राहुल निकाल लंड। फिर मैंने कहा कि आंटी रूको अभी दर्द कम हो जाएगा और मैंने चुदाई शुरू कर दी। मेरा लंड आंटी की गांड में पूरा चला गया और आंटी तड़पती रही.. लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और अपना लंड आंटी की गांड के अंदर बाहर करता हुआ जोर जोर से धक्के मारता रहा।
फिर धीरे धीरे आंटी की आवाज़ भी कम होती रही और उनको भी मज़ा आने लगा.. मैंने आंटी की गांड 15 मिनट तक मारी। मेरा लंड पूरा जोश में था और फिर मैंने आंटी की सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा और जोर के धक्के मारने शुरू किए और में आंटी को किस भी करने लगा और धक्के मारता रहा और मेरा अब निकलने वाला था.. तो मैंने अपनी स्पीड को और तेज किया और मैंने आंटी की चूत में ही पूरा वीर्य निकाल दिया और अब मेरा लंड शांत हो गया और मैंने जब टाईम देखा तो 10 बज गये थे। फिर मैंने कहा कि आंटी अब में चलता हूँ बाकि काम कल नाईट करना है आंटी बोली कि आज की नाईट ही करो ना। तो मैंने कहा कि आंटी आज नहीं.. कल ही करेंगे और फिर कल के लिए भी तो तैयार होना है में आज आराम कर लूँ। आंटी बोली कि ठीक है और फिर में वहां से चला आया ।।
[irp]