हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रीत है और मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है, जिनको पढ़कर मुझे बहुत अच्छा. अब में कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय भी करवा देता हूँ, दोस्तों में एक व्यापारी हूँ और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ और यह घटना मेरे साथ एक सेल्स करने वाली भाभी जो की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है जिसका नाम रूबी है उसके साथ कुछ समय पहले घटित हुई थी.
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यह मेरा रूबी भाभी के साथ पहला सेक्स अनुभव था जिसके हम दोनों ने बहुत मज़े लिए. दोस्तों रूबी भाभी दिखने में बहुत सुंदर और उनके फिगर का आकार 36-32-36 था जो मुझे उनकी चुदाई करने के बाद उनसे पता चला. में उनको देखता ही रह गया और मेरी नजर उनके गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी. में पहली बार उनको देखकर उनका दीवाना हो चुका था, क्योंकि वो बहुत हॉट सेक्सी थी और मैंने उनसे उनका फोन नंबर ले लिया और अपना नंबर उनको दे दिया.
फिर उसके बाद धीरे धीरे हमारी फोन पर बातें शुरू हो गई और मैंने उससे बहुत दिनों तक लगातार बात की. वो भी अब मुझसे खुलकर बातें करने लगी थी और हमारे बीच हंसी मजाक ऐसे ही चलता रहा और उसके बाद एक दिन मैंने उससे बोला कि मुझे आपसे मिलना है तो कुछ देर बाद सोचकर मुझे उसकी तरफ से हाँ का जवाब मिला और फिर में उनसे मिलने चला गया फिर हमारी बातचीत हुई और धीरे धीरे प्यार हो गया.
दोस्तों वो मुझसे उम्र में करीब 4 साल बड़ी है और उसका एक बेटा भी है और सबसे जरूरी बात उसका पति एक नंबर का नशेड़ी है जिसने उसको शुरू से ही बहुत दुखी किया वो उससे बिल्कुल भी खुश नहीं थी, लेकिन वो अपनी मजबूरी की वजह से उसके साथ रह रही थी और रूबी ने उसके साथ पिछले तीन साल से सेक्स नहीं किया था, क्योंकि वो हर रात को देरी से आता और हमेशा नशे में होता था. उसके पति ने कभी भी उसको चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया था और वो अपने पति से बहुत परेशान थी.
दोस्तों यह सभी बातें मुझे उससे मिलने के बाद खुद उसके मुहं से पता चली और अब में उससे हर रोज़ मिलता और फिर हम दोनों धीरे धीरे एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते रहे. फिर हम रोज़ मौका देखकर हर कभी स्मूच करते और कुछ टाइम बाद में उसके बूब्स चूसता और उसकी चूत में ऊँगली भी करता.
एक दिन उसका जन्मदिन था और उस दिन उसने अपने ऑफिस से छुट्टी ली हुई थी और फिर हम दोनों बाहर घूमने निकल पड़े और जब वो गाड़ी में बैठने लगी तो में उसको घूर घूरकर देखने लगा क्योंकि उसने काले कलर का सूट पहना हुआ था जिसमें वो बहुत ही हॉट सेक्सी लग रही थी और बैठते ही मैंने उसको अपनी तरफ से जन्मदिन की बधाईयाँ दी और उसको स्मूच किया और बूब्स को भी दबाने लगा. फिर हम निकल पड़े और वहां पर हमने एक अच्छी सी होटल में एक रूम लिया और फिर हमने सबसे पहले केक काटा. उसके बाद हम दोनों बैठकर बातें करने लगे और एक बार फिर से स्मूच किया अब हमे रोकने वाला कोई नहीं था.
मैंने उसके बूब्स को उसके सूट के ऊपर से बहुत मज़े लेकर दबाए. फिर उसने मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी. मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ फिर मैंने उसके कपड़े उतारे और मैंने देखा कि वो काली कलर की ब्रा, पेंटी में थी और उसने मुझे हग किया हुआ था और उसके बूब्स ब्रा को फाड़कर बाहर आने को थे और अब मैंने तुरंत बूब्स को आज़ाद किया और सक किया इतने मुलायम और बड़े बूब्स थे कि मुझे मज़ा आ गया और उसने मेरा लंड बाहर निकला और उसको मुहं में ले लिया.
मेरा यह पहला टाइम था तो में तीन मिनट के बाद ही उसके मुहं में झड़ गया और मुझे इतना अच्छा लगा कि में बता नहीं सकता. फिर में जोश में आ गया और मैंने उसके निप्पल पर बीट किया और उसकी गर्दन पर सक किया और उसके पूरे शरीर को अपनी जीभ से चाटा तो वो मुझसे बोली कि प्लीज अब मुझे इतना मत तड़पाओ, मुझे अब आपका लंड चाहिए और में अब उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो अब अपने होंठो को खुद काट रही थी और वो मुझसे बार बार बोल रही थी कि प्रीत मुझे लंड चाहिए, प्लीज मुझे लंड दो और मेरी चूत का फालूदा बना दो आह्ह्ह प्रीत चोदो मुझे आह्ह्ह्ह बेबी और वो भी करीब दस मिनट के बाद झड़ गई थी और मैंने रूबी से कहा कि में अब तुम्हे चोदना चाहता हूँ.
फिर उसने मुझसे बोला कि हाँ प्लीज थोड़ा जल्दी करो मेरी जान और अब चोद दो तुम मेरी चूत और मुझे अपने लंड के मज़े दे दो उह्ह्ह्ह. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोल दिया अब उसकी चिकनी बिना बालों वाली चूत को देखकर में बहुत खुश था और मैंने लंड को चूत के ऊपर रखा और एक झटका मारा तो लंड फिसल गया, लेकिन अब रूबी ने मेरा लंड पड़का और अपनी चूत पर रखकर बोली कि अब मारो धक्का और मुझे अपनी रखेल बना लो चोदकर.
फिर मैंने धक्का मारा और लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. दर्द की वजह से उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और में वैसे ही रुक गया क्योंकि दोस्तों इतने समय से उसने सेक्स नहीं किया था और उसकी चूत आकार में छोटी थी इसलिए उसको इतना दर्द हुआ था और मुझे लंड के अंदर जाते ही ऐसा लगा कि जैसे उसकी चूत कोई गरम गुफा हो.
फिर मैंने जब वो थोड़ी शांत हो गई तो धीरे झटके मारने शुरू किए और रूबी आह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आईईईइ प्रीत हाँ थोड़ा और अंदर डाल दो हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोदो मुझे, वाह मज़ा आ गया बोल रही थी. फिर में भी उसके साथ साथ बहुत जोश में आकर धक्के मारने लगा था उस समय हम दोनों बहुत जोश में थे, लेकिन दोस्तों कुछ देर की चुदाई करने के बाद अब में झड़ने वाला था इसलिए अचानक से अब मेरी धक्के देने की स्पीड थोड़ी अब कम हो चुकी थी, लेकिन फिर भी में लगातार धक्के देता रहा. फिर मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि हाँ अब मुझे कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा है और अब हम दोनों का काम खत्म होने वाला था.
फिर कुछ देर के धक्को के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. उसका और मेरा माल उसकी चूत के अंदर मिक्स हो गया जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और फिर जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो हम दोनों का माल उसकी चूत से टपक रहा था, वो उसकी चूत से बाहर निकलकर अब उसकी जांघ से होता हुआ उसकी गांड तक पहुंच चुका था जिसकी वजह से उसकी चूत और गांड दोनों ही उस सफेद चिपचिपे पदार्थ से गीली हो चुकी थी.
दोस्तों इस तरह मैंने अपनी लाइफ की पहली चूत मारी और मुझे ऐसा करने में बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन में थोड़ा थक सा गया था. फिर हमने एक दूसरे को पूरे जोश में आकर अपनी बाहों में लेकर समूच किया और हम हग करके आधे घंटे के लिए सो गये. फिर मैंने कुछ देर बाद देखा कि अब मेरी छाती पर रूबी अपनी जीभ को घुमा रही है में तुरंत उठा और मैंने उसको स्मूच किया और अब उसे अपने ऊपर कर लिया. फिर मैंने उसके बूब्स चूसे निप्पल पर बीट करके उन्हें एकदम लाल कर दिए और अब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था. तो मैंने रूबी को अपने ऊपर बैठा दिया और लंड को चूत पर सेट किया.
फिर वो धीरे धीरे नीचे बैठती हुई लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी थी, लेकिन दोस्तों इस बार मेरे लंड ने रूबी की कुछ ज्यादा ही चीखे निकलवा दी. उसको जैसे जैसे लंड अंदर जाता बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, लेकिन उसके साथ साथ मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब वो लंड को एक बार पूरा अंदर लेने के बाद कुछ देर रुककर धीरे धीरे लंड पर ऊपर नीचे होकर उसे अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी थी मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया और करीब बीस मिनट के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गए.
फिर कुछ देर लेटे रहने के बाद मैंने अब उसकी गांड पर अपना हाथ लगा दिया गांड को सहलाते हुए में उससे बोला कि मुझे अब मेरा लंड यहाँ पर डालना है. फिर उसने मुझसे कहा कि नहीं प्रीत उस जगह पर मुझे बहुत दर्द होता है, प्लीज यहाँ पर नहीं, चाहे तुम मेरे साथ कहीं और कुछ भी कर लो. फिर मैंने उससे कहा कि जब तुम मुझसे प्यार करती हो तो क्या तुम मेरे लिए इतना भी दर्द नहीं सह सकती प्लीज एक बार करने दो. तो उसने मुझसे बोला कि चलो ठीक है, लेकिन तुम बहुत आराम से करना वरना में मर जाउंगी और उसके हाँ कहते ही में बहुत खुश हो गया मैंने तुरंत अपना लंड रूबी के मुहं में दे दिया और वो उसे चूसने लगी. फिर जब लंड कुछ देर में खड़ा हो गया तो मैंने लंड को उसकी गांड पर रखकर एक ज़ोर से धक्का मारा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट होने की वजह से वो अंदर नहीं गया और फिसने लगा.
फिर में दोबारा अंदर डालने की कोशिश करने लगा और फिर बहुत ज़ोर लगाने पर मेरा आधा लंड उसकी टाइट गांड को छीलता हुआ अंदर चला गया, लेकिन रूबी उस असहनी दर्द से रो पड़ी और चीखने चिल्लाने लगी और वो मुझसे बोली कि प्लीज इसको तुम बाहर निकालो उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह में मर गई प्रीत, प्लीज बाहर निकालो उईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने उसकी बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी कमर को पकड़कर एक और जोरदार धक्का मारा जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया था और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. में अब थोड़ा सा रुक गया. तो मैंने करीब दस मिनट के बाद धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब उसको मज़ा आ रहा था और वो मुझसे बोल रही थी कि प्रीत में अब तुम्हारी हूँ उफ्फ्फ्फ़ हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से हाँ थोड़ा और अंदर डालो उफ्फ्फ हाँ बहुत मज़ा आ रहा है चोदो मुझे बेबी आह्ह्ह.
फिर कुछ देर धक्के देने के बाद अब में झड़ गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उसकी गांड में भर दिया और फिर में उसके ऊपर गिर गया और हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. तब तक शाम भी हो गई थी और फिर हम दोनों उठकर हम बाथरूम चले गये और फिर रूबी को बहुत दर्द हो रहा था फिर हम दोनों एक साथ में नहाए और एक दूसरे हो हग करके खड़े रहे और स्मूच किया हमने एक बार और चूत मारी और चुदाई के पूरे मज़े लिए. फिर हम दोनों कुछ देर बाद बाहर आकर तैयार होकर वापसी के लिए निकल पड़े.