Papa Ne Apne Lund Par Baitha Ke Sexy Maja Diya
मेरे घर में 5 रूम है, एक में मेरे मम्मी पापा और दूसरे में मेरे दादा दादी, जो अब 60 से ज्यादा उम्र के है और ज़्यादातर अपने कमरे में ही लेटे रहते है और तीसरे में में खुद रहती हूँ और बाकि के दो कमरे हम अलग-अलग कामों के लिए उपयोग में लेते है। मेरे पापा की उम्र 38 साल की है। मेरी माँ वैसे तो बहुत खूबसूरत है, लेकिन बहुत ही पुराने विचारो वाली एक साधारण औरत है, जो अपना ज़्यादातर वक़्त पूजा पाठ या अपने सास ससुर की सेवा में और घर के काम काज में गुजारती है। मेरे पापा जो एक बिजनसमैन है और अपना खुद का बिजनेस चलाते है। हम बहुत अमीर तो नहीं है, लेकिन हमारे घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है। मेरे पापा भी बहुत हैंडसम है, लेकिन मेरी माँ तो उन्हें टाईम ही नहीं दे पाती है, सिर्फ़ रात में जब उनके सोने का वक़्त होता है जब ही उनके पास जाती है।
यह बात तब की है, जब मेरी उम्र 18 साल की थी। एक रात हम सब खाना खाकर सोने के लिए अपने अपने रूम में चले गये थे कि तभी अचानक से मुझे लगा कि मेरे मम्मी पापा के रूम से लड़ने की आवाज़े आ रही है। मम्मी पापा का रूम मेरे रूम से ही लगा हुआ था, मुझे ज़िंदगी में पहली बार लगा था कि मम्मी पापा की लड़ाई हो रही है इसलिए में यह जानना चाहती थी कि वो लड़ क्यों रहे है? तो पहले तो मैंने सोचा कि में मम्मी से जाकर पूंछू, लेकिन फिर बाद में सोचा कि वो लोग मेरे सामने शर्मिंदा हो जाएगे इसलिए मैंने पूछना उचित नहीं समझा, लेकिन फिर भी मेरे मन में वजह जानने की इच्छा तेज होती गयी और जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उठकर देखने की कोशिश की। मेरे रूम में एक खिड़की थी, जो उनके कमरे में खुलती थी, वो खिड़की बहुत पुरानी तो नहीं थी, लेकिन उसमें 2-3 जगह छेद थे। फिर मैंने अपने रूम की लाईट ऑफ की और उस छेद में आँख लगा दी। अब अंदर का नज़ारा देखकर मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया था।
अब मेरी मम्मी जो कि सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में थी और बेड पर बैठी थी और मेरे पापा सिर्फ़ अपनी वी-शेप अंडरवेयर में खड़े थे और बार-बार मम्मी को अपनी ब्रा उतारने के लिए कह रहे थे और मेरी मम्मी उन्हें बार-बार मना कर रही थी। फिर मैंने देखा कि मेरे पापा की टाँगों के बीच में जहाँ मेरी पेशाब करने की जगह है, वहाँ कुछ फूला हुआ है। अब मेरी नजर तो बस वही टिक गयी थी और में चाहकर भी अपनी नजर हटा नहीं पा रही थी। अब वो लोग कुछ बात कर रहे थे, लेकिन मेरा ध्यान तो सिर्फ पापा की टाँगों के बीच में ही था और उनकी बातें सुनने का ध्यान भी नहीं था। अब मेरा दिल ज़ोर- ज़ोर से धड़क रहा था और मेरा बदन बिल्कुल अकड़ गया था और इसके साथ ही मुझ पर एक और बिजली गिरी और फिर मेरे पापा ने झटके से अपना अंडरवेयर भी उतार दिया। ओह गॉड मेरी तो जैसे साँसे ही रुक गयी थी। मेरे पापा की टाँगों के बीच में एक लकड़ी के डंडे की तरह कोई चीज लटकी हुई थी, जो कि मेरे हिसाब से 8 इंच लंबी और 3 इंच मोटी थी, उस चीज को क्या कहते है? मुझे उस वक़्त पता नहीं था। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
फिर मेरी मम्मी उस चीज को देखकर पहले तो गुस्सा हुई और फिर शर्म से अपनी नजरे झुका ली। अब उन्हें भी मस्ती आने लगी थी और फिर उन्होंने इशारे से पापा को अपने पास बुलाया और उनके उस हथियार को प्यार से सहलाने लगी थी। फिर मम्मी ने अपनी ब्रा उतारी और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और फिर बिल्कुल नंगी होकर सीधी लेट गयी और अपनी टांगे खोलकर पापा को अपनी चूत दिखाई और इशारे से उन्हें पास बुलाने लगी थी। फिर मेरे पापा कुछ देर तक तो गुस्से में सोचते रहे और फिर जैसे अपना मन मारकर उनके ऊपर उल्टे लेट गये और अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़कर मम्मी की चूत में डाला और हिलते हुए मम्मी को किस करने लगे थे और फिर लगभग 10 मिनट तक हिलने के बाद वो शांत हो गये और ऐसे ही पड़े रहे।
फिर थोड़ी देर के बाद मम्मी ने उन्हें अपने ऊपर से हटाया और अपने कपड़े पहने और लाईट बंद करके सोने के लिए लेट गयी। अब कमरे में बिल्कुल अंधेरा होने की वजह से मुझे कुछ नहीं दिख रहा था, तो तब मैंने भी जाकर लेटने की सोची और फिर में भी अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी, लेकिन अब मेरी आँखों के सामने तो मम्मी पापा की पिक्चर चल रही थी और पापा का वो भयानक हथियार पता नहीं मुझे क्यों बहुत अच्छा लग रहा था? अब मेरा दिल कर रहा था कि में भी उनके हथियार अपने हाथ में लेकर देखूं। उस रात मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी। फिर मैंने उस रात पहली बार हस्तमैथुन किया। अब मेरे ख्यालों में और कोई नहीं बल्कि मेरे पापा ही थे। फिर जब मेरी चूत का रस निकला, तो तब में इतनी थक चुकी थी कि कब मेरी आँख लग गयी? मुझे पता ही नहीं चला। फिर सुबह मम्मी ने जब आवाज लगाई तो मेरी आँख खुली। फिर मम्मी बोली कि बेटा सुबह के 7 बज रहे है, स्कूल नहीं जाना है क्या? तो तब में उठकर सीधी बाथरूम में गयी और नहाने के लिए अपने कपड़े उतारे। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
[irp]
फिर तब मैंने देखा कि मेरी पेंटी पर मेरी चूत के रस का धब्बा अलग ही दिख रहा है। अब मेरी आँखों के सामने फिर से वही नज़ारा आ गया था। अब मुझे फिर से मस्ती आने लगी थी तो मैंने फिर से अपनी चूत में उंगली करनी चालू कर दी और तब तक करती रही जब तक कि में झड़ नहीं गयी। दोस्तों मुझे इतना मज़ा आया था कि में यह सोचने लगी कि जब उंगली करने में ही इतना मज़ा आता है तो सेक्स में कितना मज़ा आता होगा? और फिर में अपने पापा के साथ ही यह मज़ा लेने की सोचने लगी और सोचने लगी कि कैसे पापा के साथ मज़ा लिया जाए? खैर जैसे तैसे करके में स्कूल जाने के लिए तैयार हुई और ड्रेस पहनकर बाहर आई तो नाश्ते की टेबल पर मेरा पापा से सामना हुआ, में रोज सुबह पापा को गुड मॉर्निंग किस करके विश करती थी। तो तब मैंने उस दिन भी पापा को किस करके ही विश किया, लेकिन इस बार मैंने कुछ ज़्यादा ही गहरा किस किया और थोड़ा अपनी जीभ से उनके गाल को थोड़ा चाट लिया, जिससे मेरे पापा पर कुछ असर तो हुआ, लेकिन उन्होंने मेरे सामने ज़ाहिर नहीं किया था।
अब में उनके ठीक सामने जाकर कुर्सी पर बैठकर नाश्ता करने लगी थी और फिर नाश्ता करने के बाद में स्कूल की बस पकड़ने के लिए बाहर जाने लगी, लेकिन मेरा मन पापा को छोड़कर जाने का नहीं हो रहा था, तो तब में बाहर तो गयी, लेकिन कुछ देर के बाद वापस आकर मैंने बहाना बनाया की मेरी बस निकल चुकी है। अब ऐसी स्थिति में पापा मुझे स्कूल छोड़कर आया करते थे, तो तब मम्मी बोली कि जा पापा से कह दे, वो तुझे स्कूल छोड़ आएँगे। फिर में खुशी-खुशी पापा के कमरे में गयी। अब पापा सिर्फ़ अपने पजामे में थे। फिर मैंने पापा से कहा तो वो मुझे स्कूल छोड़ने के लिए राज़ी हो गये। अब पापा अपनी पेंट पहनने लगे थे। फिर मैंने उनके हाथ से पेंट लेते हुए कहा कि पापा पजामा ही रहने दीजिए, में लेट हो रही हूँ। तो तब पापा बोले कि ठीक है, में टी-शर्ट तो पहन लूँ, तू मेरा बाहर इन्तजार कर, तो में बाहर आकर इन्तजार करने लगी। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
पापा मुझे ज़्यादातर स्कूल कार में ही छोड़ते थे, लेकिन उस दिन मेरे कहने पर उन्होंने मुझे हमारी एक्टिवा स्कूटर पर स्कूल छोड़ने के लिए गये। दोस्तों यहाँ तक तो मेरा प्लान सफल रहा था, लेकिन आगे के प्लान में थोड़ा खतरा था और मुझे यकीन नहीं था कि वो सफल हो जाएगा। फिर में उनके पीछे बैठ गयी और फिर हम स्कूल की तरफ चल दिए। मेरा स्कूल घर से लगभग 10 किलोमीटर दूर था, रास्ता लंबा था और सुबह का वक़्त था, तो रोड सुनसान थी। फिर जब हम घर से 2 किलोमीटर दूर आ गये, तो तब मैंने पापा से कहा कि गाड़ी में चलाऊँगी। तो तब पापा बोले कि बेटी तुझसे गाड़ी नहीं चलेगी, तो में तो ज़िद्द करने लगी। तो तब पापा परेशान होकर बोले कि ठीक है, लेकिन हैंडल में ही पकडूँगा। अब मुझे मेरा प्लान कामयाब होता दिख रहा था। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
फिर तब मैंने कहा कि ठीक है और पापा ने गाड़ी साईड में रोककर मुझे अपने आगे बैठाया और मेरी बगल में से अपने दोनों हाथ डालकर हैंडल पकड़ा और धीरे-धीरे चलाने लगे। लेकिन अब गाड़ी चलाने में किसका ध्यान था? अब मेरा ध्यान तो पापा के पजामे में लटके उनके लंड पर था। तो तभी गाड़ी जैसे ही खड्डे में गयी, तो मैंने हिलने का बहाना करके उनका लंड ठीक मेरी गांड के नीचे दबा लिया। अब पापा कुछ अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे। अब में अपनी गांड को उनके लंड पर रगड़ने लगी थी। अब गर्मी पाकर उनका लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था, जिससे मुझे भी मस्ती आने लगी थी। अब पापा को भी मज़ा आ रहा था और फिर इस तरह मस्ती करते हुए में स्कूल पहुँच गयी। फिर पापा को जाते वक़्त मैंने एक बार फिर से किस किया। अब पापा शायद मुझे लेकर कुछ परेशान हो गये थे और में मेरी तो पूछो मत, मेरी हालत तो इतना करने में ही बहुत खराब हो गयी थी और मेरी पेंटी इतनी गीली हो चुकी थी कि मुझे लग रहा था मेरी स्कर्ट खराब ना हो जाए। दोस्तों ये कहानी आप Crazy Sex Story पर पढ़ रहे है। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
फिर पूरे दिन स्कूल में मेरे दिमाग में पापा का लंड ही घूमता रहा और अब मेरा दिल कर रहा था कि में पापा के लंड पर ही बैठी रहूँ। अब पता नहीं मुझे क्या हो गया था? ऐसा कौन सा वासना का तूफान मेरे अंदर था कि में पापा से चुदने के लिए ही सोचने लगी थी। खैर आगे बढ़ते है, फिर में चुदाई की इच्छा और गीली पेंटी लेकर घर पहुँची। अब उस वक़्त लगभग 3 बज रहे थे। अब घर में दादा, दादी के अलावा कोई नहीं था, मम्मी कहीं गयी हुई थी और पापा अपने ऑफिस में थे। ख़ैर फिर में बाथरूम में गयी और गंदे कपड़ो में से पापा की अंडरवेयर ढूंढकर अपनी चूत पर रगड़ते हुए हस्तमैथुन किया। अब मुझे बहुत मज़ा आया था और फिर में सो गयी। फिर मेरी आँख खुली तो शाम के 5 बज रहे थे। फिर मैंने नहा धोकर कपड़े पहने और मैंने कपड़े भी उस दिन कुछ सेक्सी दिखने वाले पहने थे, मैंने एक शॉर्ट स्कर्ट और फिटिंग टी-शर्ट पहनी थी। अब पापा के आने का टाईम हो गया था, लेकिन मम्मी का कोई पता नहीं था। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
[irp]
फिर शाम के 6 बजे पापा ने घंटी बजाई तो में दौड़ती हुई गयी और दरवाजा खोला। फिर पापा मुझे देखकर थोड़े मुस्कुराए और मुझे गले लगाकर मेरे गालों पर किस करते हुए बोले कि बेटा आज तो बहुत स्मार्ट लग रही हो। अब मुझे इतनी खुशी हुई थी कि में पापा को फंसाने में धीरे-धीरे सफल होती जा रही थी। फिर अंदर आकर पापा ने चाय का ऑर्डर कर दिया तो में किचन में जाकर चाय बनाने लगी। फिर पापा भी फ्रेश होकर किचन में आ गये और इधर उधर की बातें करने लगे थे। फिर थोड़ी देर में पापा मेरी गोरी जांघो देखकर गर्म हो गये और मेरे पीछे खड़े होकर अपना लंड मेरी गांड से सटाने की कोशिश करने लगे थे। तब में भी अपनी गांड को उनके लंड पर रगड़ने लगी। अब मुझे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे में जन्नत में हूँ और बस ऐसे ही खड़ी रहूँ। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
ख़ैर अब चाय बन चुकी थी और फिर मैंने पापा से डाइनिंग रूम में जाकर बैठने को कहा और चाय वहाँ सर्व करके बाथरूम में जाकर फिर से उंगली करने लगी थी। फिर में झड़ने के बाद बाहर आई, तो तब तक मम्मी भी आ चुकी थी। मुझे मम्मी पर बहुत गुस्सा आया, क्योंकि मुझे पापा से अभी और मज़ा लेना था और मम्मी के सामने में कुछ नहीं कर सकती थी। अब पापा भी मम्मी के आने से थोड़े दुखी हो गये थे, क्योंकि ना तो वो कुछ करती थी और ना ही उन्हें कुछ करने देती थी। अब पापा मुझे देखकर बार-बार अपना लंड पजामे के ऊपर से ही सहला रहे थे और मुझे भी उन्हें सताने में बहुत मज़ा मिल रहा था। फिर खाना खाने के बाद पापा मुझसे बोले कि बेटी चल थोड़ा घूमकर आते है और मुझे लेकर घर के बाहर आ गये। फिर बाहर आकर उनका मूड चेंज हुआ और मुझसे बोले कि चल बेटा पिक्चर देखने चलते है। तो तब मुझे पापा पर इतना प्यार आया कि पापा मेरे साथ अकेला रहने की कितनी कोशिश कर रहे है? खैर फिर हम एक्टिवा पर सवार होकर एक सिनिमा में पहुँच गये और रास्ते में ही मम्मी को फोन कर दिया कि हम पिक्चर देखने जा रहे है। जब सिनिमा में कोई पुरानी मूवी लगी होने की वजह से ज़्यादा भीड़ नहीं थी, पूरे हॉल में लगभग 30-40 लोग ही होंगे। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
अब मुझे पापा की समझदारी पर बहुत खुशी हुई थी, वो चाहते तो मुझे किसी बढ़िया पिक्चर दिखाने ले जाते, लेकिन उन्हें शायद कुछ ज़्यादा मज़े लेने थे। फिर उन्होने सबसे महेंगे टिकट लिए और फिर हम लोग बालकनी में जाकर बैठ गये। हमारा नसीब इतना बढ़िया चल रहा था की बालकनी में सिर्फ़ हमारे अलावा सिर्फ़ एक ही लड़का था, जिसकी उम्र लगभग 18 साल थी और वो भी आगे की सीट पर बैठ गया था। अब तो हम दोनों को और भी आराम हो गया था। फिर पिक्चर चालू हुई, लेकिन पिक्चर पर तो किसका ध्यान था? अब मेरा दिमाग तो पापा के लंड की तरफ था और पापा भी तिरछी नजर से मेरी छोटी-छोटी चूचीयों की तरफ देख रहे थे। अब बस शुरुआत करने की देर थी कि कौन करे? अब में तो पापा का स्पर्श पाने के लिए वैसे ही मरी जा रही थी और फिर उसी वक़्त जैसे बिल्ली के भागों छिका टूटा हो, मेरे पैर पर किसी जानवर ने काटा हो, में उउउइई करती हुई खड़ी हो गयी। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
फिर तब पापा ने घबराते हुए पूछा कि क्या हुआ? तो तब मैंने बताया कि मेरे पैर पर किसी कीड़े ने काटा है। तो तब पापा बोले कि बैठ जा और अब काटे तो तुम मेरी सीट पर आ जाना। तो में बैठ गयी और फिर 5 मिनट के बाद फिर से उछलती हुई खड़ी हो गयी, लेकिन इस बार मुझे किसी ने काटा नहीं था बल्कि में जानबूझकर खड़ी हुई थी। खैर फिर पापा हंसते हुए बोले कि तू मेरी सीट पर आ जा। फिर तब में बोली कि पापा कोई बात नहीं जैसे उस कीड़े ने मुझे काटा है, ऐसे ही आपको भी काट लेगा। तो तब पापा बोले कि तू एक काम कर मेरी गोद में बैठ जा। अब में तो पहले से ही तैयार थी तो पापा के बोलते ही में उनकी गोद में बैठ गयी और पर्दे की तरफ देखने लगी थी। अब में उनकी गोद में बैठी हुई बिल्कुल छोटी सी लग रही थी, मेरी उम्र उस वक़्त 18 साल ही तो थी। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
अब पापा मेरी गर्मी पाकर गर्म होने लगे थे। अब उनका लंड फिर से खड़ा होने लगा था। अब मुझे भी उनके लंड पर बैठना बहुत अच्छा लग रहा था, वैसे तो हमारी नजर पर्दे की तरफ थी, लेकिन ध्यान सिर्फ़ अपनी-अपनी टाँगो के बीच में था। अब मेरा तो बदन जैसे किसी भट्टी की तरह तप रहा था। अब मेरी स्कर्ट में मेरी चड्डी बिल्कुल गीली हो रही थी। अब पापा का लंड ठीक मेरी गांड के छेद पर था और पापा धीरे-धीरे मेरा पेट सहला रहे थे। अब मेरा मन कर रहा था कि पापा अपना लंड ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत पर रगड़ दे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था, क्योंकि हम दोनों ही एक दूसरे से शर्मा रहे थे। खैर फिर कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहने के बाद मैंने अपने हाथ में पानी की बोतल थी वो नीचे गिरा दी और फिर उसको उठाने के लिए झुकी तो पापा का लंड बहाने से अपनी चूत पर सेट किया और फिर सीधी बैठकर मज़े लेने लगी। अब 1 घंटा 30 मिनट निकल गये थे और हमें पता ही नहीं चला कि कब इंटरवेल हुआ? Papa Ne Apne Lund Par Baitha
फिर पापा मुझे पैसे देते हुए बोले कि कैंटीन से जाकर कुछ ले आओ तो में बाहर गयी और कैंटीन से कुछ खाने की चीज़े खरीदी और फिर टॉयलेट में चली गयी और फिर जब तक वापस आई तो पिक्चर चालू हो चुकी थी। फिर मैंने पापा की गोद में बैठते हुए कहा कि पापा मुझे आपकी गोद में बैठने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है। फिर तब पापा बोले कि तो फिर 1 मिनट रुक और बैठे हुए ही अपने लंड को सेट करने लगे थे। अब मुझे अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था और फिर जब उन्होंने मुझे बैठने को कहा, तो उन्होंने अपना हाथ कुछ इस तरह से मेरी स्कर्ट पर लगाया कि मेरी स्कर्ट ऊपर हो गयी और में उनकी गोद में फिर से बैठ गयी। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे अहसास हुआ कि पापा ने अपना लंड अपनी पेंट में से बाहर निकाल रखा है और इस अहसास के साथ ही जैसे मेरे बदन ने एक तगड़ा झटका लिया और अब मेरा भी मन अपनी चड्डी उतारकर पापा का लंड मेरी चूत से चिपकाने का करने लगा था। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
[irp]
फिर उसके लिए मैंने फिर से एक प्लान बनाया और मेरे हाथ में कोल्डड्रिंक का जो गिलास था, उसे अपनी जांघों पर उल्टा दिया तो सारी कोल्डड्रिंक मेरे पैरो और चड्डी पर गिर गयी, तो तब पापा चौंकते हुए बोले कि यह क्या किया? तो तब मैंने कहा कि सॉरी पापा गलती से हो गया, में तो पूरी गीली हो गयी और मेरे कपड़े भी गीले हो गये। तो तब कपड़ो का मतलब समझते हुए पापा बोले कि जा और टॉयलेट में जाकर साफ कर आ और कपड़े ज़्यादा गीले हो तो उतारकर आ जाना, जल्दी सूख जाएँगे। अब मेरा मन पापा को छोड़ने का नहीँ था, तो मैंने वहीं खड़े होकर मेरी चड्डी उतारी और दूसरी सीट पर रखी और फिर से पापा के लंड पर बैठकर पापा के लंड को अपनी दोनों टाँगों के बीच में ले लिया। अब उनका लंड बिल्कुल मेरी चूत पर था। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई गर्म लोहे की रोड मेरी जांघों में दबी पड़ी है। अब तो मेरा मन कर रहा था कि जल्दी से पापा अपना लंड मेरी चूत में डालकर ज़ोर से रगड़ दे, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते थे। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
अब मेरी बारी थी। फिर मेरा मन अपनी चूत को उनके लंड पर रगड़ने का हुआ तो तब में अपनी चड्डी उठाने के लिए झुकी और ज़ोर से अपनी चूत पापा के लंड पर रगड़ दी और फिर ऐसे ही 3-4 बार ज़ोर से रगड़ी, तो तब मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरा पानी निकल जाएगा। अब में कभी किस बहाने से तो कभी किस बहाने से हिलती और अपनी चूत पापा के लंड पर रगड़ देती थी। अब पापा समझ गये थे कि मेरा मन रगड़ने का हो रहा है। तब पापा ने मेरे पेट पर अपना एक हाथ रखकर दबाया और अपना जूता खोलने के बहाने से कभी खुजाने के बहाने से अपना लंड रगड़ने लगे थे। फिर कुछ ही देर में मुझे लगा कि जैसे मेरे जिस्म में से सारा खून फटकर मेरी चूत में से निकलने वाला है और फिर इसी के साथ मेरा पानी झड़ गया। अब में बिल्कुल ठंडी हो चुकी थी, लेकिन पापा ने 2-3 बार और अपना लंड रगड़ा और फिर पापा भी जैसे अकड़ से गये और उनका भी पानी निकलकर मेरी चूत और मेरे पेट पर फैल गया। Papa Ne Apne Lund Par Baitha
अब हम दोनों बिल्कुल शांत थे और बहुत थक गये थे। फिर 5 मिनट के बाद ही पिक्चर ख़त्म हो गयी और लाईट जलती इससे पहले ही मैंने अपनी चड्डी यह कहते हुए पहन ली कि अब वो सूख चुकी है। अब दोनों पिक्चर ख़त्म हो चुकी थी एक जो पर्दे पर चल रही थी और एक जो हम बाप बेटी के बीच में चल रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद लाईट जली और फिर हम दोनों हॉल से बाहर निकले। फिर बाहर आकर पापा मुस्कुराते हुए बोले कि पिक्चर कैसी लगी? तो तब मैंने जवाब दिया कि इससे बढ़िया पिक्चर मैंने आज तक नहीं देखी, तो तब पापा बोले कि मेरे साथ घूमा करेगी तो और भी बढ़िया चीज़े देखने को मिलेंगी और फिर में मस्कुराती हुई गाड़ी पर बैठ गयी और फिर हम घर की तरफ चल पड़े ।
[irp]