Antarvasna Hindi Font Stories मेरे सैंय्यां की छोटी पिस्तौल
जब कैरीना नगोमेनी ब्याह करके अपने पति के घर आई थी, तब उसे पति का साथ बेहद प्रिय लगा था। पति देव भी खूब छक कर अपनी पत्नी को अपना दैहिक प्रेम प्रदान किया और साथ ही पत्नी से वसूल भी किया था।
बस इसी तरह दिन गुजरने लगे और उन्हीं गुजरे दिनों में कैरीना दो बच्चों को जन्म दे चुकी थी। बच्चे बड़े होने लगे, तो शादी के चार साल बाद तुली बम्बाईल की नौकरी छूट गई।
दरअसल शादी के चार साल बाद तुली बम्बाईल को शराब पीने की आदत पड़ गई थी। शाम होते ही तुली बम्बाईल ठेके पर जाकर शराब का अध्धा य पव्वा ले आता था। फिर प्लास्टिक के गिलास में या फिर थर्मोकोल के गिलास में शराब डालकर पीने लगता था।
पानी की बोतल का भी वह हर वक्त अपने पास जुगाड़ रखता था और नमकीन इत्यादि का जुगाड़ वह अपनी जेब में रखता था। बस छुप-छुप कर अपनी ड्यूटी से नदारद होकर वह आॅफिस के पीछे चला जाता था और पैग लगा कर पुनः अपनी ड्यूटी पर तैनात हो जाता था।
दरअसल तुली बम्बाईल एक चपरासी का तथा आॅफिस के मेन गेट की निगरानी का काम करता था, इसलिए ज्यादातर वह आॅफिस के मेन गेट पर ही खड़ा रहता था, ताकि वह आॅफिस के अंदर बाहर आने-जाने वालों पर निगाहें भी रख सके और आॅफिस के अंदर काम करने वाले आॅफिसरों की भी जी हुजूरी कर सके।
बस, उस शाम तुली बम्बाईल की किस्मत बड़ी खराब थी। सुबह ड्यूटी पर आते वक्त ही उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हो गया था और झगड़े की वजज थी, दैहिक मिलन में पत्नी की न-नुकुर।
पति प्रणय निवेदर पत्नी बुरा सा मुंह बनाते हुए बोली, “देखो जी, ये सुबह-सुबह मुझे अच्छा नहीं लगता। अरे ईश्वर का नाम लो और शांति से ड्यूटी पर जाओ। शाम को आओगे तो तब देखा जायेगा मिलन के बारे में।“
“तुम्हारा दिमाग तो नहीं खराब हो गया है।“ पति झल्ला कर बोला, “भूख लगी है अभी और खाना खाने के लिए तुम कह रही हो, कि शाम को खाना।“
“पर कभी-कभी पेट को भी आराम दे देना चाहिए, उपवास कर लेना चाहिए, इससे तंदुरूस्ती बनी रहती है।“ पत्नी भी पति की भांति गोपनीय भाषा में बोली, “वैसे भी अभी मेरा मासिक चक्र आरम्भ हो गया है, समझा करो कुछ।“
“अरे तेरे मासिक का समय तो अभी नहीं हुआ है, क्योंकि ड्रामा कर रही हो?“
“यह सब बातें औरतों की अंदरूनी बातें हैं, तुम नहीं समझोगे।“ पत्नी, को पति दरवाजे का रास्ता दिखाकर बोली, “चलो अब जाओ और टाईम पर ड्यूटी पर पहुंचो। इस बारे में कल-परसों तक देख लेंगे।“
“तू हरामन चीज है यार तू तो।“ पति खीझ कर बोला, “अभी कुछ देर पहले शाम का कह रही थी और अभी-अभी तेरा कल-परसों हो गया।“
“अरे लेकिन मना भी तो नहीं कर रही हूं न।“ पत्नी भी भड़क कर बोली, “जब भी होगा, तुम्हारा मूड बना दूंगी। फिर चाहे आज शाम को हो, या फिर कल हो या परसों।“
बस फिर क्या था… इस टाॅपिक को लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई और मामला गाली-गलौज तक जा पहुंचा। पर पत्नी ने बाद में किसी तरह पति को ड्यूटी पर भेज दिया।
पर उस वक्त कैरीना के घर में मामला कुछ और ही चल रहा था। दरअसल कैरीना अश्लील फिल्म देखने लगी थी और न अश्लील फिल्मों के पुरूषों के निर्वस्त्र ‘पात्र’ को देखकर कैरीना सोचने लगी कि उसके पति का ‘पात्र’ इन अश्लील फिल्मों के पात्रों के मुकाबले कुछ भी नहीं है। वह यह भी सोचने लगी, कि शायद उसके पति का ‘पात्र’ साधारण होने की वजह से ही वह पति से संतुष्ट नहीं हो पाती है।
इसके बाद कैरीना ने वह अश्लील फिल्म देखनी बंद की और अपनी सहेलियों से मिलने चली गई। सहेलियों से मिलने पर कैरीना ने उनके पतियों के ‘पात्रों’ के बारे में मालूमात की, तो सभी सहेलियों ने अपने-अपने पतियों ‘पात्र’ के बारे में अंदाजे से बता दिया, कि उनके पति का ‘पात्र’ ऐसा है, वैसा है।
सभी सहेलियों से उनके पतियों के पात्रों की जानकारी लेने के बाद कैरीना ने महसूस किया, इन सबके पतियों के मुकाबले में उसके पति का ‘पात्र’ कमतर है और कमजोर भी।
हालांकि वह गर्भवती जरूर हो गई थी और दो बच्चे भी पैदा कर लिये थे, पर उसे सही मायनों में चर्मसुख कभी प्राप्त नहीं हुआ था।
उस शाम तुली बम्बाईल ने यौनिक गम में अपने आॅफिस में अधिक शराब पी ली थी। तब नशे के झोंक में तुली बम्बाईल ने अपने बाॅस की सेक्रेटरी को अपनी पत्नी समझ कर उसके साथ बेहद अश्लील हरकत कर दी थी। फलस्वरूप तुली बम्बाईल को तुरन्त नौकरी से निकाल दिया गया था।
इस प्रकार उसकी लगी लगाई नौकरी छूट गई। तुली बम्बाईल ने दूसरी नौकरी तलाशने की बहुतेरी कोशिशें की, पर उसे नौकरी नहीं मिली।
दो-तीन महीनों बाद तुली बम्बाईल के पास जो जमा-पूंजी थी, वह खत्म हो गई और घर में खाने के लाले पड़ने लगे, तो कैरीना ने एक वैकेन्सी भर दी। वह भी पढ़ी-लिखी थी, अतः उसे नौकरी मिल गई थी। कैरीना ने नौकरी ज्वाईन कर ली और उसके घर के हालात सुधरने लगे। इस बीच तुली बम्बाईल भी नौकरी की तलाश में भटकता रहा, पर उसे कोई नौकरी नहीं मिली।
धीरे-धीरे समय गुजरता गया और कैरीना नौकरी करती रही। उसका पति नौकरी ढूंढता रह गया, मगर उसे कहीं नौकरी नहीं मिली। छः महीने बाद तुली बम्बाईल ने नौकरी तलाशना ही बंद कर दिया था, क्योंकि उस समय तक कैरीना की तनख्वाह से ही घर का खर्च चलने लगा था।
कैरीना शाम को छः बजे काम से लौटती थी, तो तुली बम्बाईल उसे दबोच कर अपनी हवस पूरी कर लेता था। फिर कैरीना अपने बच्चों के लिए तथा पति के लिए खाना बनाती थी और शाम को जल्दी सो जाती थी, क्योंकि अगले दिन उसे काम पर जाना होता था।
पर तुली बम्बाईल सातों दिन घर पर पड़ा रहता था और शाम को शराब पीकर मौज-मस्ती करते हुए अपनी पत्नी को भोगने के लिए तैयार रहता था।
अब तो पति अपनी पत्नी से पैसे लेकर भी शराब पीने लगा था और उसे रात को तंग भी करने लगा था, कि उसकी दैहिक पिपासा को शांत करे। आखिर कोई पत्नी अपने निठल्ले पति की इस प्रकार की हरकतें कब तक बर्दाश्त करती रहती?
एक रात जब पतिदेव ज्यादा शराब पीकर घर आया, तो उसने अपनी पत्नी को रात के 11 बजे उठा दिया और बोला, “चलो, मेरे कमरे में चलो। तुमसे कुछ बात करनी है।“
“मैं जानती हूं कि आपको ‘क्या’ बात करनी है?“ पत्नी, पति की मंशा को भांपते हुए बोली, “तुम जिस प्रकार की ‘बात’ करना चाहते हो, वो सुबह कर लेना। अभी मेरा मूड नहीं है। अभी मुझे सोने दो, कल मुझे काम पर जाना है।“
“तेरे काम की एैसी की तैसी।“ पति झल्लाते हुए बोला, “पहले मेरा ‘काम’ निपटा दे, उसके बाद कल अपने काम की सोचिओ।“
“ठीक है चलिए।“ पत्नि ने कहा, क्योंकि वह जानती थी, कि उसका पति अपनी मनमानी किए बिना नहीं रहेगा।
अतः वह उठकर पति के कमरे में चली गई। उस वक्त बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे। पत्नी बेहद तीव्रता से अपने वस्त्र शरीर से जुदा कर दिये, ताकि उसका पति अपना ‘कार्य’ जल्दी निपटा कर सो जाये।
पत्नी समपर्ण की मदु्रा में आकर बोली, “चलो, अब अपना कार्य निपटाओ और मुझे निजात दो।“
पति को तो जैसे मनचाही मुराद मिल गई हो। उसने भी अपने वस्त्र हटाये और लग गया कार्य निपटाने में। उस वक्त तुली बम्बाईल अपना कार्य निपटाने के लिए दैहिक रूप से पूर्णतया तैयार नहीं हो पाया था। इसलिए उसने काफी देर तक इधर-उधर मुंह मारा और थोड़ी सी कोशिशें के बाद अपने मन्तव्य में कामयाब हो गया।
उस वक्त भी पत्नी चुपचाप निश्चेष्ट पड़ी रही। जब पतिदेव अपना ‘कार्य’ आगे बढ़ाने लगा, तो पत्नी बोली, “रहने दो, ज्यादा आगे बढ़ने की या जोश दिखाने की कोशिश मत करो। बेकार में थक जाओगे। वैसे भी मुझे तुम्हारी मौजूदगी का एहसास अपने अंदर होता ही नहीं है। शायद तुम्हारा कार्यशील ‘प्राणी’ बहुत ही छोटा व नादान है। तभी तो मुझे कुछ महसूस नहीं होता।“ पत्नी जैसे उपहास करती हुई बोली, “ऐसा लगता है, जैसे ऊंट के मुंह में जीरा।“
“ये क्या कह रही है तू कमीनी!“ पति, पत्नी की अपमानजनक बातें सुनकर तिलमिला कर बोला, “मैं तो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हुआ, बहुत आगे तक बढ़ गया हूं, मगर तुझे कोई एहसास तक नहीं हो रहा है।“ पति गरजा हुआ बोला, “लगता है, तुझे जरूर और कोई बड़े ‘दिल’ वाला पुरूष मिल गया है।“
“छोड़ो बेकार की बातें मत करो। तुम अपनी तरीके से काम करो, मेरी संतुष्टी बात छोड़ो, क्योंकि तुम्हारा छोटा तथा पतला ‘साथी’ मेरी ‘साथिन’ का साथ नहीं दे पायेगा।“
“तेरी यह मजाल।“
कहकर तुली बम्बाईल ने अपने तन का पूरा जोश दिखा दिया, मगर फिर भी कैरीना के चेहरे पर संतुष्टी के भाव प्रदर्शित नहीं हुए।
बेहद अधिक जोश दिखाने के कारण पतिदेव के प्यार का पारा एकदम से द्रवित होकर उतर गया और बेतरह हांफाने लगा…
“हो गई तसल्ली।“ पत्नी जैसे व्यंयात्मक स्वर में बोली, “नाम बड़े और दर्शन छोटे। हटो अब, मुझे सोना है।“ फिर बिस्तर से उठते हुए बोली, “कल किसी डाॅक्टर से मिल लेना और पूछ लेना, कि आपका शरीर सामान्य है भी या नहीं? या फिर सामान्य से भी सामान्य तो नहीं है?“
कहकर कैरीना ने अपने वस्त्र पहने और फिर बच्चों के पास जाकर सो गई।
उसके बाद सारी रात तुली बम्बाईल सोचता रहा, कि उसका मिलानांग छोटा तथा दुबला कब से हो गया…? पहले तो उसकी पत्नी ने ऐसी बात नहीं कही थी। क्या अब कैरीना के किसी ऐसे पुरूष से यौनिक संबंध बन गये हैं, जिसका ‘दिल’ मेरे ‘दिल’ से कहीं अधिक विशाल है?
इस तरह की उल-जलूल बातें सोचकर तुली बम्बाईल का मन न केवल परेशान होने लगा था, बल्कि वह तनावग्रस्त भी होने लगा था।
उस घटना के बाद तो जब भी तुली बम्बाईल कैरीना से संसर्ग करता, तो उसे कैरीना यह जरूर एहसास कराती थी, कि उसका यानी उसके पति तुली बम्बाईल का जोशीला दिल बेहद छोटा है। उससे उसे रत्ति भर संतुष्टी नहीं होती है।
कई दफा तो कैरीना अपने पति के ठंडे हो जाने के तुरन्त बाद अपने पति को उकसाने लगती थी। उसे उत्तेजित करने का निरर्थक प्रयास करते हुए कहती थी, “अभी तो आग लगी ही थी, कि आपने प्रेम युद्ध में हार मार ली। फिर से दोबारा तुरन्त युद्ध कीजिए न, मुझे अभी संतुष्टी नहीं मिली है।“
“ऐ कुतिया! अभी तो मैंने तुझे भरपूर प्रेम किया है, अब इतनी जल्दी कैसे दोबारा प्यार करूं?“ झल्लाते हुए बोला।
“तो फिर तो तुम मर्द ही नहीं हो।“ पत्नी बोली, “ऐसे स्वार्थी मर्द को नामर्द ही कहते हैं, जो अपनी भड़ास तो निकाल लेता है, मगर पत्नी को बीच मझधार में ही छोड़ देता है।“
“हरामजादी मुझ पर लांछन लगाती है। मैंने दो बच्चे पैदा कर दिये, यदि मैं तेरे लायक नहीं होता, तो बच्चे कैसे पैदा कर दिये?“ पति भी पलटवार में बोला, “दो बच्चे पैदा करने की वजह से ही तेरे बदन की सर्प कंदरा अब कुंआ बन गई है। कसूरा मेरा नहीं, बल्कि तेरी ही देह काफी ढीली है।“
“अरे बच्चे तो कुत्ता भी पैदा कर लेता है।“ पत्नी भी पति को पलट कर गुस्से में जवाब देते हुए बोली, “मर्द तो वह होता है, जो पत्नी को संतुष्ट कर सके।“
“साली कुत्तिया!“ पति बुरी तरह भड़क कर बोला, “मुझे कुत्ता कहती है।“
तुली बम्बाईल ने अपनी पत्नी को मारना-पीटना आरम्भ कर दिया।
तब पत्नी भी गुस्से में बिलखते हुए बोली, “निकम्मे, हरामी, मुझे मारता है।“ वह पुनः पति को नीचा दिखाती हुई बोली, “जहां जोश और ताकत दिखानी चाहिए, वहां तो तेरे से कुछ होता नहीं, मगर अपनी कमी छिपाने के लिए उल्टे मुझे पीटकर अपनी मर्दानगी और ताकत के जलवे दिखा रहा है। वाकई तू नामर्द है। तेरा बदन भी और तू भी दोनों ही नकारा है।“
अपनी पत्नी की इस तरह की बातें सुनकर तुली बम्बाईल ने खूब छक कर कैरीना की पिटाई की और उसे अधमरा करके अपने कमरे में जाकर सो गया। पर उसे नींद नहीं आई। वह बार-बार अपने मिलनांग को देखकर भ्रमित होने लगा और सोचने लगा, कि वाकई उसका ‘दिल’ छोटा होगा, इसीलिए उसकी पत्नी उससे संतुष्ट नहीं होती।
“ओह माई गाॅड! अब मैं क्या करूं? अपनी पत्नी को कैसे संतुष्ट करूं?“
सोचते-सोचते तथा करवटें बदलते हुए उसे नींद आ गई। सुबह जब कैरीना काम पर जाने के लिए तैयार होने लगी, तो तुली बम्बाईल उसके पास पहुंच गया और अपनी पत्नी को मनाने लगा, तो पत्नी ने उसके मुंह पर चांटा मार दिया…
“परे हट! मुझे मनाने की जरूरत नहीं है। मैं तुझे तलाक दे दूंगी। आज ही तलाक के कागजात बनवा लूंगी, क्योंकि तेरा दिल बहुत छोटा है और मेरे लिए एकदम बेकार है, जिसकी वजह से एक शादीशुदा औरत सुखी रहती है। मुझे तेरे साथ नहीं रहना।“
“अच्छा ऐसी बात है, तो फिर तू भी देख लेना कि मैं क्या करता हूं?“ पति भी बौखला कर बोला, “मुझे भी पता चल गया है, कि तुझे क्यों मेरा ‘दिल’ छोटा लगने लगा है? क्योंकि तूने कोई और बड़े ‘दिल’ वाला साथी ढूंढ लिया है और उसी का ‘दिल’ तो अपने ‘दिल’ से मिलती रहती है। वेश्या बन गई है तू वेश्या।“
कहते ही तुली बम्बाईल अपने घर से कपड़े पहन कर निकल गया और अपनी पत्नी का जवाब तक उसने नहीं सुना।
तुली बम्बाईल तैयार होकर सीधे ही अपनी पत्नी के उस आॅफिस में पहुंचा, जिस आॅफिस में कैरीना नौकरी करती थी। उस आॅफिस में पहुंच कर तुली बम्बाईल ने हंगामा खड़ा कर दिया।
वह सीधे ही कैरीना के बाॅस के केबिन में पहुंचा और कैरीना के बाॅस को गलियां बकते हुए कहने लगा, “हरामजादे तेरा दिल मुझसे ज्यादा बड़ा है? तू मेरी पत्नी की वादियों को और ज्यादा फैलाता है। क्या तू नहीं जानता कि कैरीा शादीशुदा स्त्री है? तू उसके साथ कुकर्म करता है। कुत्ते के पिल्ले, मुझे दिखा कि तेरा दिल कितना विशाल है? मेरी पत्नी तेरे कारण मुझे तलाक देने जा रही है। क्या तेरा दिल मेरी पत्नी के दिल को संतुष्ट करता है। अगर करता है तो कैसे? बता, वरना मैं तुझे पीट डालूंगा।“
आॅफिस में हंगामा हो गया और सारे कर्मचारी बाॅस के केबिन के सामने एकत्र हो गये, तो बाॅस ने अपना गिरेबान छुड़वा कर चपरासी को बुलाकर हुक्म सुनाया, “इस हरामजादे को आॅफिस से बाहर निकाल फंेको। दोबारा यह आॅफिस में न आने पाये।“
बाॅस का हुक्म सुनकर दो चपरासियों ने तुली बम्बाईल को पकड़ कर आॅफिस से बाहर निकाला और उसे बाहर ले जाकर अच्छी तरह से पीटा, फिर उसे धमकी दे दी, कि वह आईन्दा यहां कभी न आये।
आधे घंटे बाद जब कैरीना आॅफिस पहुंची, तो उसे अपने केबिन में बुलाकर बाॅस सारी बातें बता कर काफी बुरा-भला कहा और उसे फौरन नौकरी से निकाल दिया। कैरीना को पता चल चुका था, कि उसे नौकरी से क्यों निकाला गया था…?
वह मन ही मन अपने पति को गालियां बकती हुई अपने माईके चली गई और उसी रोज तुली बम्बाईल ने बुलावेयो की अदालत में अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी।
शिकायत में तुली ने लिखा था, “मेरी पत्नी कैरीना मुझसे इसलिए तलाक लेना चाहती है, क्योंकि मेरा दिल छोटा लगता है उसे। यह उसकी बेहुदा दलील है। मेरे दो बच्चे हैं, यदि मेरा दिल छोटा होता, तो मैं कभी बाप नहीं बन सकता था। मेरी पत्नी कैरीना को लंबे तथा विशालकाय पुरूष पसंद हैं, इसलिए वह मुझसे तलाक लेना चाहती है। मैं बेरोजगार हूं और मेरी पत्नी नौकरी करती है और हर महीने 150 डाॅलर कमाती है, इसलिए यदि मेरी पत्नी मुझे तलाक देती है, तो मुझे 50 डाॅलर प्रतिमाह का मेन्टीनेन्स मुआवजा दिया जाये और मेरे दोनांे बच्चों को मेरे पास रखने की अनुमति दी जाये।“
यह सभी बातें उसने बुलावेयो के मजिस्ट्रेट के सामने बयां की थी और लिखित रूप में अपना शिकायती पत्र भी दिया था। अपने बयान में तुली बम्बाईल ने अपनी पत्नी कैरीना पर लांछन लगाते हुए आगे कहा, “माई लाॅर्ड! मेरी पत्नी कैरीना लंबे समय से मुझे धोखा देती आ रही है, मुझे जलील करती रही है, यह कहकर कि मेरा दिल बेहद छोटा है। मुझे अंदाजा हो गया था, कि उसके जरूर किसी ऐसे पुरूष से संबंध बन गये थे, जिसका दिल विकराल होगा। बातों-बातों मेरी पत्नी ने कई दफा मुझे यह भी बताया था, कि उसका एक ब्वाॅयफ्रैंड है, जो सी.आई.डी. में काम करता है, उसका दिल भी मुझसे बड़ा है। वह कैरीना को भोगने की एवज में उसे पैसा भी देता है।“
“जब मैं घर पर नहीं होता था, तब कैरीना अपने ब्वाॅयफ्रैंड को घर में बुलाकर आनंद लेती थी और मेरे आने से पहले अपने प्रेमी को भगा देती थी। मैंने अपने घर के कूडे़दान में कई दफा इस्तेमाल किए हुए कंडोम भी देखे थे। अतः मेरी आपसे गुजारिश है, कि मुझे अपनी पत्नी से तलाक लेने के एवज में 50 डाॅलर प्रति माह मेन्टीनेन्स की रकम अदा करने का फरमान सुनाया जाया।
मजिस्ट्रेट ने तुली बम्बाईल का बयान नोट कर लिया और उसके द्वारा लिखित शिकायती पत्र भी ले लिया और फिर कैरीना के नाम के सम्मन जारी कर दिये। भरी अदालत में तुली बम्बाईल का विचित्र बयान तथा आरोप सुनकर मजिस्ट्रेट तथा अन्य उपस्थित लोग बड़े हैरान हुए, क्योंकि इस तरह तलाक का मामला पहली दफा अदालत में आया था।
अदालत में अपनी शिकायत दर्ज करवा कर सीधे ही तुली अपने घर पहुंचा, तो उसने पाया कि उसके घर में उसकी पत्नी तथा बच्चे नहीं हैं। वह समझ गया कि उसकी पत्नी कहां गई होगी बच्चों को लेकर, इसलिए वह तुरन्त अपनी ससुराल पहुंच गया और लड़-झगड़ कर अपने बच्चों को अपने साथ ले आया। साथ ही उसने अपनी सास को भी कैरीना की करतूतों के बारे में बता दिया, कि कैरीना को बड़े दिल वाले मर्द पसंद हैं। वह दूसरे पुरूषों से अपनी इज्जत लुटवाती रहती है।“
दो दिनों के बाद अदालती सम्मन, जिसमें तुली बम्बाईल द्वारा लगाये गये सभी आरोपों का जिक्र था, वह सम्मन कैरीना के पास पहुंचा, तो उसने अदालत में प्रस्तुत होकर अपनी सफाई में कहा, “माई लाॅर्ड! मेरे पति तुली ने जो आरोप व लांछन मुझ पर लगाये हैं, वे बेबुनियाद हैं, झूठे हैं। मेरे पति ने मेरी नौकरी छुड़वा दी, क्योंकि जिस आॅफिस में मैं काम करती थी, उस आॅफिस में पहुंच करक तुली ने न केवल मुझे जलील किया, बल्कि वहां खूब हंगामा किया, मेरे बाॅस को भद्दी-भद्दी गालियां बकी, जिसकी वजह से मेरे बाॅस ने मुझे नौकरी से निकला दिया।“
“मैंने अपने पति पर कभी यह इल्जाम नहीं लगाया, कि उसका दिल छोटा है। बल्कि शराब पीकर यदा-कदा मेरा पति मुझे पीटता रहता था। शादी के बाद भी मेरे पति ने मुझे एक पैसा भी नहीं दिया था, जबकि उसने शादी के वक्त मेरे परिजनों से वायदा किया था, कि वह एक गाय उन्हें देगा।“
“एक दफा तो उसने मुझे भरे बाजार ट्रेड गोल्ड बिल्डिंग के सामने पीटा था। फिर भी मैंने उसकी शिकायत पुलिस में नहीं की थी। उसने मेरे बच्चों को भी मुझसे छीन लिया है। एक रोज पहले जब मैं अपने बच्चों को नये कपड़े देने के लिए गई थी, तो उसने मुझे बच्चों से मिलने भी नहीं दिया और कपड़े भी फेंक दिये थे।“
अपनी पत्नी के बयान का प्रतिकार करते हुए तुली ने बताया, “माई लाॅर्ड! मेरी पत्नी सरासर झूठ बोल रही है। मैंने इसे केवल दो बार पीटा था। एक दफा तब पीटा था, जब मेरी पत्नी ने मुझे कहा था कि मैं अपनी मां के साथ हम-बिस्तर होऊं और उससे बच्चे पैदा करूं, तब मैंने उसे पीटा था। और दूसरी दफा मैंने उसे तब पीटा था, जब मैंने घर में प्रयोग किये गये कंडोम देखे थे, जिन्हें मैंने प्रयोग नहीं किया था, क्योंकि मैं कंडोम प्रयोग ही नहीं करता था।“
दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर मजिस्ट्रेट ‘विक्टर मपूफू’ने आदेश सुनाया, “अदालत 28 जनवरी तक मुलतव्वी की जाती है और कैरीना के बाॅस को अदालत में हाजिर होकर यह बताने का हुक्म सुनाती है, कि कैरीना की नौकरी छूटी है या नहीं, अर्थात् करीना अभी नौकरी पर बहाल है या फिर उसे नौकरी से निकाल दिया गया है?“
28 जनवरी के दिन अदालत में कैरीना के बाॅस ने हाजिर होकर बताया, “कैरीना मेरे आॅफिस में काम करती थी, लेकिन इसके पति ने मुझ पर उल्टे-सीधे आरोप लगाये और मुझे भी गालियां बकी। मैं अपने आॅफिस मंे इस तरह के ड्रामें को बर्दाश्त नहीं कर सकता था, इसलिए मैंने कैरीना को नौकरी से निकाल दिया।“
इसके बाद मजिस्ट्रेट ने कैरीना से पूछा, “तुम अपने पति से तलाक लेना चाहती हो या नहीं?“
“हां माई लाॅर्ड! मैं इस ओछे तथा शक्की मिजाज के व्यक्ति से तलाक लेना चाहती हूं। मैं इसके साथ नहीं रहना चाहती हूं।“
“और तुम?“ मजिस्टेªट ने तुली बम्बाईल से पूछा।
इस पर तुली बम्बाईल जवाब दिया, “मैं भी इसके साथ नहीं रहना चाहता। मैं बस इतना ही चाहता हूं कि मेरे बच्चों की कस्टडी मुझे मिल जाये।“
“यदि तुम्हें बच्चों की कस्टडी मिलेगी, तो तुम अपनी कमाऊं पत्नी से मेन्टीनेंस के हकदार नहीं रहोगे।“ जज ने सलाह दी।
“ठीक है, मुझे यह मंजूर है।“ तुली बम्बाईल बोला।
“यदि बाद में भी तुम्हारी पत्नी की कहीं नौकरी लग जाती है, तो भी तुम्हें मेन्टीनेन्स नहीं मिलेगा, बल्कि तुम्हारी नौकरी लगने पर तुम अपनी पत्नी को मेन्टीनेन्स की राशि दोगे।“ जज बोला।
“यह मुझे मंजूर नहीं है।“ तुली ने कहा और साथ ही उसकी पत्नी ने भी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई।
तब जज ने उन्हें आगे की तारीख दे दी थी। अभी वह मामला अदालत में विचाराधीन है। अदालत में ऐसा विचित्र केस पहले नहीं आया था, इसलिए जज को भी फैसला लेने में काफी उलझन महसूस हुई थी, क्योंकि तलाक के बाद ज्यादातर तलाकशुदा औरतें ही अपने पति से मेन्टीनेन्स की राशि की मांग करती हैं।
पर इस केश में मामला एकदम उल्टा था। वैसे देखा जाये, तो यह कुछ मामलों में सही भी है, कि यदि कोई तलाक लेने वाली औरत कामगार है और उसकी अच्छी खासी तनख्वाह है और पति बेरोजगार या फिर लाचार है, तो उस बेरोजगार को भी कमाऊ पत्नी से मेन्टीनेन्स लेने का हक होना चाहिए। ऐसे मामलों में लिंग भेद को अधिक महत्व नहीं देना चाहिए।
कहानी लेखक की कल्पना मात्र पर आधारित है व इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्र हो सकता है।