चुदाई की चेन में नये माल की चूत | Bisexual chut ke maze liye – Lesbian sex story
मेरी कजिन निक्की से शुरू हुआ चुदाई का सिलसिला उसकी छोटी बहन सुरभि को चोदने तक पहुँचा और सुरभि इसे आगे ले कर गयी मुझे ऋतू से मिलवा कर, ऋतू और सुरभि पहले साथ साथ पढ़ते थे लेकिन फिर सुरभि नए कॉलेज बदला तो ऋतू अलग हो गयी पर अब कुछ दिनों से सुरभि और ऋतू फिर साथ साथ घूमने फिरने लगी थीं. मुझे एक दिन सेक्स करते करते सुरभि नए बताया “भैया आप बुरा ना मानो तो मैं एक बात कहूँ” मैंने कहा “पगली तेरा क्या बुरा मानना बोल तो सही” तो उसने झिझकते हुए कहा “मैं और मेरी सहेली ऋतू दोनों बाई सेक्सुअल हैं, हमें जितना मज़ा लंड लेने में आता है उतना ही एक दुसरे की चूत से खेलने में भी आता है. और ऋतू कई बार मुझसे आपके बारे में बात कर चुकी है क्यूंकि मैंने उसे बताया था की आप बड़े ही प्यार से चोदते हो तो प्लीज़ एक बार ऋतू से मिल लो अगर अच्छी ना लगे तो मत करना सेक्स”.
मैंने सुरभि को कहा “तू सेक्स इ चिंता मत कर लेकिन बस वो कहीं और इसका ज़िक्र ना कर दे” सुरभि ने वादा किया कि ऋतू और वो दोनों इस चुदाई को राज़ ही रखेंगी. सुरभि नए मुझे ऋतू से मिलवाया तो मेरे होश उड़ गए क्यूंकि ऋतू इतनी सुन्दर और कड़क लड़की थी कि मेरा तो खड़े खड़े ही पानी छूटने को था पर मैंने अपने आप पर कण्ट्रोल किया और सुरभी ऋतू को मेरे पास छोड़ कर चली गयी. मैं ऋतू को ले कर अपने शहर से अबाहर एक होटल में ले गया जहाँ इस तरह के इंतज़ाम आम थे ताकि किसी को चुदाई में प्रॉब्लम ना हो, ऋतू खुश खुश सी नज़र आ रही थी और मन ही मन मैं भी खुश था क्यूंकि मुझे भी काफी दिन बाद एक नया माल चोदने को मिल रहा था. होटल में रूम लेने के बाद हम थोड़ी देर के लिए रेस्ट करने लगे तो ऋतू मेरे पास आकर लेट गयी और उसने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख कर कहा “आप थक गए हो क्या” मैंने कहा “नहीं नहीं मैं तो बस सोच रहा हूँ की तुम्हारेजैसी कमाल सुन्दर लड़की को कैसे चोदुंगा”.
ऋतू हालाँकि शर्माने जैसी नहीं दिख रही थी फिर भी उसने अपना मुंह हाथों में छुपा लिया जिस से मैं खुश हुआ और मैंने उसकी लचीली कमर में हाथ दाल कर उसे अपने पास खिसका कर अपनी चेस्ट पर सुला लिया, ऋतू मेरे चेस्ट पर उंगलियाँ फिरा रही थी और मुझे अपने और सुरभि के सेक्स रिलेशन के बारे में बता रही थी. मैं तो हमेशा से ही लेस्बियन सेक्स का दीवाना रहा हूँ सो मुझे उसकी बातों में इंटरेस्ट आ रहा था और सुनते सुनते मेरा लंड भी खड़ा हो गया था तो मैंने ऋतू के टॉप में हाथ ले जा कर एक ही क्लिक में उसकी ब्रा खोल दी तो वो इम्प्रेस हो गयी. ऋतू के चुचे अभी भी बिलकुल कमसिन लड्कियोंजैसे ही थे हालाँकि उसकी उम्र तेईस बरस हो चली थी, उसके राईट चुचे के नीचे छूने पर उसे दर्द हुआ तो मेरे पूछने पर उसने बता की सुरभि नए उत्तेजना में यहाँ काट लिया था.
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मैंने उसका टॉप उतारकर उसकी ब्रा को अलग किया और अपनी जीभ से हौले हौले उसके चुचे चाटने लगा जसी से उसकी बॉडी में एक करंट सा दौड़ गया और वो बोली “उफ़ भैया आपने तो आग ही लगा दी एक सेकंड में” मैंने कहा “मेरी जान अभी तो खेल शुरू हुआ है अभी तो तुम्हे और बहुत कुछ मिलेगा”. मैंने अपने रंग दिख्हने शुरू कर दिए थे और अप्पने नाखूनों से उसके जिस्म पर मीठी मीठी खरोंचे मारता हुआ मैं उसकी पीठ और मखमली गांड को सहला रहा था जो काफी छोटी थी लेकिन थी एक दम मस्त. मैंने अपनी चेस्ट की वैक्सिंग करवाई थी क्यूंकि अब तो मेरे चेस्ट पर भी इक्का दुक्का सफ़ेद बाल आने लगे थे पर जब ऋतू ने मेरी चेस्ट पर चाटना शुरू किया तो मेरे शरीर में एक गनगनाहट दौड़ गयी, मेरी चौड़ी चाहती को देख कर ऋतू ने कहा “भैया आप अभी भी जिम करते हो” तो मैंने बोला “जिम तो नहीं मगर घर पर ही पुश आपस वगेरह कर लेता हूँ, इस से फिट भी रहता हूँ और सुना है रेगुलर एक्स्सरसाईज से सेक्स पावर भी बढती है”.
ऋतू मुझे और मैं उसे चाट रहा था दोनों ही रंग के गोर और दिखने में सुन्दर और उस पर र्रितु की जवानी का जोश, मेरे तो होश वैसे ही उड़ चुके थे और ऋतू भी मेरे स्पर्श से बावली हुई पड़ी थी. मैंने ऋतू को अपने ऊपर बिठाया और उस से कहा “तुम अपनी चूत को इम्रे होंठों तक लाओ और उन पर रगडो” ऋतू ने वैसा ही किया और वो तो मेरे होठों की छुअन से ही चिहुंक पड़ी, मेरे होंठ उसकी चिकनी और मक्खनी चूत पर रगड़ खा रहे थे और उसकी चूत में पानी आने लगा जिसे मैंने अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर दिया और पूरे जी जान से ऋतू की चूत को चाटने लगा. ऋतू नए मेरा डेडिकेशन देखा और वो सिक्सटी नाइन के पोज़ में आ कर मेरे लंड को चाट चाट कर उसकी सेवा करने लगी, मुझे मज़ा आया क्यूंकि ऋतू सिर्फ लेने में ही नहीं देने में भी विश्वास करती थी और इसी कारण उसने अपने होश गवाते हुए मेरे लंड पर अपने मुंह जीभ और होठों का ऐसा जादू चलाया की हम दोनों ही सातवें आसमान पर पहुँच गए थे.
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मैंने ऋतू को अपने लंड पर बिठाया और खुद भी बैठ गया और लोटस पोजीशन बना ली, अब ऋतू की संकरी सी चूत में मेरा नौ इंच लम्बा और मोटा लंड पैवस्त हो गया जिस से ऋतू की चीख निकल गयी लेकिन एक दो झटकों के बाद वो रवां हो गयी. मैंने उसे लोटस पोजीशन में ही अपनी गोदी में बिठा कर अपनी गांड हिला हिला कर ग्राइंडिंग की और उसने अपनी गांड मचका मचका कर ग्राइंडिंग की, इस दो तरफ़ा ग्राइंडिंग में हम दोनों ही सुख के चरम पर जल्दी ही पहुँच गए और एक दुसरे को चूमते हुए झड़ गए. ऋतू नए मेरा सारा वीर्य अपनी चूत में ही निकालने को कहा क्यूंकि उसे वो गरमा गरम अहसास बहुत अच्छा लगा था. वो मेरे ऊपर से हटी नहीं बल्कि फिर से मेरे होठों और मेरी चेस्ट को चाटने और चूमने लगी जिस से मेरा लंड फिर खडा हो गया और इस बार मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में चोदना शुरू किया.
मिशनरी में ऋतू को मेरे शरीर का बोझ लग रहा था तो मैं खड़ा हो गया और उसके बेड पर अधलेटा कर के मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पर ले कर उसकी चूत में पेला जारी रखा जिस से ऋतू की आहें और चीखें तेज़ हो गईं उसने दो मिनट भी ना लगाए झड़ने में लेकिन मेरा तो लंड खड़ा था सो उसने कहा “भैया अगर आपको बुरा ना लगे तो चूत की बजाए मैं मुंह में ले लूँ” मैंने कहा “इसमें बुरा मानने की क्या बात है लंड भी तेरा है और मैं भी” बबास ये सुनकर ऋतू खुश हो गयी और ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ कर उसने मेरे लंड को इतने प्यार से चूसा की पूछो ही मत और फिर जब पानी निकल्न्ने लगा तो ऋतू ख़ुशी ख़ुशी सब पी गयी और थोडा बहुत उसने पने चेहरे और चूचों पर भी लगा लिया. ऋतू के साथ ये चुदै सुपर हिट थी और आज तक मैं और ऋतू और कभी कभी तो सुरभि मैं और ऋतू सब मिल कर सेक्स करते हैं.
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