मुझ पर हमारी अनजान से मेरा छोने का अहसास हुआ, बिल्कुल हलाके से, जेल से मैं कौन हूं वह अभी नहीं है, लेकिन फिर भी जाये मेरी आतम को छुू रहा है। ऐस लीग रहीं था कि हर बार जब उनकी अनलगियान मुह्छितिये, मात्र पेअर ख़ुद-ब-खद थोडा सच ख़ल जाट। मुझ में अहसास हो गया […]