कभी-कभी जानबूझ कर अपने वक्ष पर से साड़ी का आंचल गिरा लेती, तो कभी खुजलाने के बहाने अपनी गोरी, नग्न पिंडलियों को दिखा-दिखाकर जतन राय की व्याकुलता बढ़ाने लगती थी। एक रोज जतन राय ने शन्नो को आंगन में बैठकर निर्वस्त्रा नहाते देख लिया, तो वह खुद को संभाल नहीं पाया। जाने वह कैसी बचैनी […]