मैं अपनी मालिक की बिटिया के साथ इंडियन सेक्स की कहानी बड़े ही मनमौजी मन से बताने जा रहा हूँ | दोस्तों वो मेरे साथ बड़ी घुल मिल चुकी थी क्यूंकि मैं अपने मालिक के घर में नौकर का काम कर रहा था करीब ५ साल से | मेरा मालिक और उसकी बीवी अक्सर घर से बहार ही रहा करते थे जिससे बस घर में मैं और उसकी बेटी रह जाया करते थे | उन दिनों मुझे ज्यादा चुत चुदाई के बारे में नहीं पता था जब तक मैंने एक कामुक फिल्म टीवी पर नहीं देखि थी | उस दिन के बाद से मुझे भी किसी लड़की के साथ वैसे रोमांटिक पल बिताने का खूब मन होने लगा और बस अपने मन पर काबू पाना भी मुश्किल होता जा रहा था |
अब जब मेरे साथ एक ही लड़की मालिक की बेटी तो मैं उसके साथ इन बासना के पलों को जीने के बारे में कैसे नहीं सोचता | हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा तो बात करते ही थे पर आज मैं उसके बदन को हौले हौले सहला रहा था और वो भी अपने पुरे बदन को मेरी बाहों में निढाल होती जा रही थी तभी मैंने उसके होठो चूम लिया | वो हेरा तो हो गयी और पर मुझे रोकने की हालत में नहीं थी और फिर मेरा भी हौंसला बढ़ने लगा और मैं उसे चूमता हुआ उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया | मेरे अंदर चुदेली गर्मी बढती गयी तो मैंने उसकी कुर्ती को भी उतार फेंका और उसके मोटे – मोटे चुचों को अपने हाथों में भर लिया | मैं उसके चुचों की मालिश करता हुआ उसके होठों को चूसते हुए उसकी सलवार को भी उतार दिया |
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अब मेरा सामने वो बिलकुल नंगी हो गयी मैं अब उसके चुचों को पी रहा था जिसके सतह ही मैंने पैंटी को भी नीचे उसकी पिलपिली चुत में ऊँगली अंदर – बाहर करना चालू कर दिया वो किसी मछली की तरह बस रहम की भीक मांग रही थी और उसका चेहरा पूरा लाल पड चूका था | बस उसकी तडपती हुई हालत मेरे लंड को बढ़ावा देने लगी और मैंने समय बर्बाद ना करते हुए अपने लंड को उसकी चुत पर टिकाया और वहीँ सोफे पर उसके उप्पर लेटे हुए धक्का मारने शुरू कर दिया | वो दर्द से जूझ रही थी क्यूंकि उसकी चुत का हेमं फट चूका था जबकि मैं उसकी चुचियों की कस के चूस्कियां लेने लगा |
मालिक की बेटी की दर्द से उसकी चींखें निकल रहीं थी और बढते समय के साथ सारा दर्द भी घटता जा रहा था | मैं अब फिरसे उसके साथ रोमांटिक होता हुआ उसकी चुत में ऊँगली करने लगा और इस बार उसे कोई दर्द ना रहा तो और उसकी चुत भी मेरे लंड को लेने के लिए चौड गयी थी | मैं उसकी टमाटर जैसे लाल गांड में अपने लंड का बिलकुल इंडियन सेक्स फिल्म की तरह तीर चलाता चला गया और और हम दोनों मुंह से मुंह मिलाए अपने कामवासना को जी रहे थे | मेरी मालिक की बेटी मुझे इतना हवसी राहत दे सकती मैंने कभी सोचा था और अब इसके बाद कभी उसकी चुत चोदने का मौका भी हाथ से नहीं गंवाया |
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