Subscribe now to get Free Girls!

Do you want Us to send all the new sex stories directly to your Email? Then,Please Subscribe to indianXXXstories. Its 100% FREE

An email will be sent to confirm your subscription. Please click activate to start masturbating!

Desi Sex Stories माल दे माल ले

Desi Sex Stories माल दे माल ले

फिर पास रखी विसलरी की बोतल उठाकर सारा पानी गट-गट कर के पीने लगा। हाथ की पांचों अंगुलियों में सोने की अंगुठियां चमक रही थीं। गले की चमकती हुई सोने की चेन टी-शर्ट के साथ चमक रही थी।
बगल में बैठी एक खूबसूरत युवती ने अपनी तरफ का दरवाजा खोला और गाड़ी से बाहर निकली। उस गोरी हसीन युवती को हर कोई देख रहा था। सिर से पैर तक कयामत ही कयामत लग रही थी वह। हर कोई उसकी गजब की पर्सनेलिटी व सुंदरता को अपलक निहार रहा था।
धूप वाला काला चश्मा उसने सिर से हटाकर बड़ी अदा के साथ अपनी आंखों के ऊपर चढ़ा लिया। उसके बाद मिश्रा को टाटा करने के बाद, वो आॅटो रिक्शा स्टैण्ड की ओर बढ़ी। फिर पास खड़े आॅटो-रिक्शा में सवार होकर युवती वहां से चली गई।
अभी वह कुछ ही दूर पहुंची ही थी कि उसका मोबाइल फोन घनघना उठा…
‘‘हैलो!’’ रोजी ने रिसीव करते हुए कहा, ‘‘हां कहो, क्या बात है?’’
‘‘कहां हो तुम?’’ दूसरी तरफ से गुर्राते हुए एक महिला बोली, ‘‘कब से तुम्हारा फोन लगा रही हूं, लगता ही नहीं।’’ वह महिला झल्ला कर बोली, ‘‘कहां बिजी थी?’’
‘‘मैडम मैं रास्ते में हूं। आॅटो रिक्शा से आ रही हूं। बस पहुंचने ही वाली हूं।’’ रोजी ने सफाई देते हुए कहा, ‘‘और वैसे भी मैंने आपको बताया तो था, कि मैं किसी क्लांइट के साथ गई हूं?’’
‘‘ओ. के. साॅरी मैं भूल गई थी।’’ उक्त महिला कुछ नरम होते हुए बोली, ‘‘हां… हां बताया था। अच्छा ये बताओ कितनी देर में पहुंच रही हो?’’
‘‘अभी बताया तो आॅटो-रिक्शा में हूं पहुंचने वाली हूं।’’ रोजी बोली।
‘‘ठीक है, जल्दी आ जाओ।’’ वह महिला बोली, ‘‘एक क्लाइंट बैठा हुआ है।’’
थोड़ी देर के बाद आॅटो-रिक्शा राजेन्द्र नगर इलाके में पहुंच कर एक मकान के सामने रूका। आॅटो का किराया युवती ने भीतर बैठे-बैठे ही दिया। फिर उसने सिर के ऊपर का चश्मा आंखों पर रखा और बाहर निकलते ही छतरी तान दी।
उसके बाद युवती उस मकान के भीतर दाखिल हो गई। उसने अंदर से गेट बंद कर लिया। घर के भीतर जाकर वह सोफे धम्म से बैठ गई। पानी लेकर आई विनीता ने उससे कहा, ‘‘लगता है बहुत थक गई हो बन्नो?’’
‘‘हां थक तो गई हूं।’’ थके हुए स्वर में मुंह बनाते हुए बोली रोजी, ‘‘साला बड़ा ही जोरदार व ठरकी क्लाइंट था। अभी तक तो ऐसा कस्टमर हाथ नहीं लगा।’’ वह अपने संवेदनशील अंगों को सहलाते हुए बोली, ‘‘पूरा बदन दुख रहा है। जान ही निकाल ली उसने।’’
‘‘गलती तेरी नहीं, मेरी बन्नो।’’ मुस्करा कर बोली विनीता, ‘‘सारा कसूर उस ऊपर वाले का है, जिसने तुझे ऐसे बेमिसाल हुस्न से नवाजा है। तभी तो बच्चे से लेकर बूढ़े तक तुझ पर लार टपकाते फिरते हैं।’’ वह शरारतपूर्ण स्वर में बोली, ‘‘जरा एक बार खुद बिना कपड़ों के शीशे में अपने बदन को निहारेगी, तो खुद-ब-खुद जान जाएगी, कि तेरे चाहने वाले तुझमें क्या देखकर तुझे ही पसंद करते हैं?’’

 

‘‘यहां उस जल्लाद कस्टमर ने मेरे जिस्म का भुरता बनाकर रख दिया और तुम्हंे मजाक सूझ रहा है।’’ वह एक मादक अंगड़ाई लेती हुई बोली, ‘‘एक-एक अंग दुख रहा है मेरा। पहले मैं जरा नहाऊंगी। फिर कुछ खाकर, थोड़ी देर आराम करूंगी।’’ फिर एकाएक बोली रोजी, ‘‘अरे हां, तुम फोन पर इतनी उतावली क्यों हो रही थीं?’’
‘‘वही तो बताना है तुझे। अभी बारह बजे वही क्लाइंट आने वाला है। उसने फोन किया था। अपने किसी दोस्त के साथ आयेगा।’’ पुनः मजाकिया स्वर में मुस्करा कर बोली, ‘‘न जाने तेरा जादू उस पर क्या असर कर गया, कि वो तो तेरा दीवाना ही हो गया।’’
‘‘नहीं।’’ रोजी एकाएक बोली, ‘‘मैं अभी बिना आराम किये किसी कस्टमर को डील नहीं कर सकती।’’ वह बोली, ‘‘तुम किसी दूसरी लड़की को कह दो।’’
‘‘हाय! री किस्मत!’’ तभी दूसरी लड़की रोजी के पास आकर एक ठंडी आह भरते हुए बोली, ‘‘यहां हमें कोई कस्टमर पूछने को राजी नहीं है और तू है कि भाव खा रही है। अरे नसीब वाली हो तुम, जो एक के बाद एक तेरे ही क्लाइंट आ रहे हैं। हमारी औकात तो यहां दो कौड़ी की रह गई है।’’

‘‘इतना ही मचल रही है, तो बारह बजे आने वाले कस्टमर को तू ही क्यों नहीं अपने जिस्म में झेल लेती।’’ मुस्करा कर छेड़ करती हुई बोली रोजी, ‘‘तेरे कुछ पैसे भी बन जाएंगे, साथ ही तेरी बदन में जो आग लगी हुई है, वो भी बुझ जाएगी। क्यों सही है न?’’
‘‘चाहती तो मैं भी यही हूं मेरी जान।’’ वह लड़की एक ठंडी आंह भरते हुए बोली, ‘‘काश! हमारी किस्मत भी तेरे जैसी होती। मैं तो खुद उस क्लाइंट के नीचे बिछना चाहती हूं, मगर वो क्लाइंट तो तेरे सिवाये किसी का नाम ही नहीं लेता। उसे तो बस तेरे ही जिस्म से खेलकर अपने प्यार का लावा बहाना है।’’
‘‘मुझे नहीं पता यार!’’ रोजी ने टावल पकड़ा और बाथरूम की ओर बढ़ते हुए बोली, ‘‘जब कस्टमर आयेगा, तब की तब ही देखेंगे।’’ और वह फ्रेश होने के लिए बाथरूम में घुस गई।
दो घंटे बाद जब बारह बजकर पैंतालीस मिनट हुए, तो रोजी को विनीता मैडम ने आकर जगाया उसने कहा, ‘‘चलो, तुम्हारे चाहने वाले दो आदमी आये हैं।’’ वह अदा से बोली, ‘‘आज तो तेरी चांदी ही चांदी रहेगी।’’
न चाहकर भी रोजी ने उठकर पहले तो शराब के दो पैग लगाये। फिर उसके बाद बोली, ‘‘मैडम भेज दो उन्हें।’’
बाहर जाकर मैडम ने आने वाले युवकों से कहा, ‘‘जाओ जी। अंदर जाओ और मजे करो।’’
‘‘मगर रेट तो बता दो।’’ दो में से एक कस्टमर बोला, ‘‘आज तो हम दो हैं न, इसलिए पूछ रहा हूं। वरना तो मैं अकेला ही आता हूं, तो दो हजार देता हूं।’’ वह बोला, ‘‘मैं चाहता हूं, कीमत जो भी लो, मगर आज मेरा दोस्त भी निहाल हो जाए बस।’’
‘‘अब आपसे क्या कहूं?’’ अदा के साथ बोली विनीता, ‘‘आपसे तो पुराना नाता है।’’ वह पेशेवर अंदाज में बोली, ‘‘वैसे तो दो के पांच हजार लेती हूं, मगर आप चार ही दे देना।’’ वह बोली, ‘‘बाकी माल कैसा है, ये तो तुम जानते ही हो और कई बार बंद कमरे में परख भी चुके हो। क्यों सही कह रही हूं न?’’
‘‘ठीक है डन।’’ हजारझार के दो नोट विनीता की ओर बढ़ाकर बोला कस्टमर, ‘‘तुम पर और तुम्हारे माल पर पूरा भरोसा है, इसलिए ये दो हजार पेशगी रखो। बाकी काम होने के बाद तुम्हारी आइटम को थमा देंगे।’’
‘‘जैसी आपकी इच्छा मेरी सरकार।’’ मुस्करा कर बोली विनीता, ‘‘हम तो आपके हुक्म के तलबागार हैं।’’
फिर विनीता ने दो हजार रुपए अपने ब्लाउज में ठूंस लिए और वह दोनों कस्टमर कमरे के अंदर दाखिल हो गए, जहां रोजी निश्चिंत होकर सो रही थी। दरअसल शराब का सुरूर व थकान होने के कारण उसकी आंख लग गई थी।
उस समय रोजी ने अपने बदन पर केवल महीन सी ढीली-ढाली काले रंग की मैक्सी पहनी हुई थी। जिसके अंदर उसका गोरा, गदराया बदन स्पष्ट नुमाया हो रहा था। उसकी नाईटी उसके चिकनी गदराई जांघों से ऊपर सरक आई थी। साथ ही ढीली मैक्सी मंे उसके दुधिया उभार बाहर आने को बेताब थे।

 

अंदर कमरे में ऐसा मस्त नजारा देखकर दोनों कस्टमर एक जगह रूक गए और वासनामयी निगाहों से रोजी के बदन को ऐसे घूर रहे थे, मानो एक ही निवाले में निगल जाएंगे। दोनों ने अपने होंठो पर जीभ फिराई। उसके बाद एक दूसरे की तरफ देखकर बोले, ‘‘यार वाकई क्या माल है। सिर से पैर तक कयामत ही कयामत है।’’ दोनों चहकते हुए बोले, ‘‘आज तो मजा आ जायेगा।’’
फिर दोनों कस्टमर, रोजी के बगल में पलंग पर बैठ गए। पुराने कस्टमर ने रोजी के उभारों को वस्त्रों के ऊपर से ही सहलाते हुए कहा, ‘‘हाय! क्या हुस्न है तेरा। जालिम अब उठ भी जा।’’
एकाएक अपने अंगों पर मर्दाना हाथ का स्पर्श महसूस करते ही उचक कर उठ बैठी रोजी। सामने दो पुरूषों को देखकर मादक अंगड़ाई लेती हुई बोली, ‘‘माफ करना थक गई थी, सो आंख लग गई।’’ वह मुस्करा कर बोली, ‘‘कब आये अंदर? मुझे उठाया क्यों नहीं?’’

Desi Sex Stories माल दे माल ले

Desi Sex Stories माल दे माल ले

‘‘जानेमन तुम इस अंदाज व अवस्था में सोई थीं, कि हम दोनों खुद ही अपने होश खो बैठे।’’ इस बार साथ में आया नवयुवक(नया कस्टमर) बोला, ‘‘हम तो खुद ही अपने होश में नहीं थे, तो तुम्हें कहां से उठाते।’’
‘‘बड़े रंगीन मिजाज लगते हैं आपके ये मित्रा।’’ रोजी अदा से बोली, ‘‘क्या दोनों को खुश करना होगा इस नाचीज को?’’ उसने नवयुवक कस्टमर को देखते हुए कहा, ‘‘साथ में ही आओगे दोनों या अलग-अलग।’’
‘‘आज तो दोनों को एक ही साथ खुश करना होगा तुम्हें।’’ पुराना कस्टमर बोला, ‘‘मेरा ये दोस्त अभी कुंवारा है, बेचारा मुझसे भी ज्यादा बेचैन है।’’ वह शरारतपूर्ण अंदाज में बोला, ‘‘और जबसे इसने तुम्हें सोते हुए तुम्हारे नग्न अंगों का मुआयना किया, है तबसे तो इसके सोये शैतान न जगकर हलचल मचाना शुरू कर दिया है।’’ वह मजाक भरे लहजे में बोला, ‘‘अब जल्दी से मेरे मित्रा की मुराद पूरी कर दो, वरना तो ये इतना उतावला हो रहा है, कि कहीं मेरे साथ ही न शुरू हो जाए।’’
कहकर तीनों खिलखिला उठे।
फिर तीनों एक-एक शराब पैग अपने हलक से नीचे उतारे और देखते ही देखते तीनों पूर्ण निर्वस्त्रा होकर जन्मजात अवस्था में आ गए।
‘‘हां, तो पहले कौन बाजी मारेगा?’’ बिस्तर पर लेटते हुए पूछा रोजी ने।
‘‘हम तो साथ ही हमला करेंगे।’’ दोनों कस्टमर बिस्तर पर पूर्ण निर्वस्त्रा लेटी रोजी की गोरी चिकनी काया को देखकर लार टपकाते हुए बोले, ‘‘और जी भरकर तुम्हें नांेचेंगे।’’
कहकर दोनों तपाक से बिस्तर पर आ गए और अपनी-अपनी कमान संभाल ली। पुराना कस्टमर रोजी की गोरी गदरायी जांघों को सहला कर चूमने चाटने लगा, तो दूसरा नवयुवक रोजी के सख्त उभारों में मस्त हो गया। वह दीवानों की तरह रोजी के उभारों को चूमे व मसले जा रहा था। उसका उत्साह बढ़ाने के लिए रोजी भी मादक सिसकियां भरे जा रही थी।
तभी अपने खेल में माहिर रोजी ने नये कस्टमर को अपना दीवाना बनाने के लिए उसके बेताब ‘तोते’ को मौखिक प्यार देने का क्रम चालू कर दिया।

 

रोजी की इस क्रिया से वह अंदर तक दहक उठा। उसके मुख से कामुक स्वर फूटने लगे, ‘‘ओह! तुम तो वाकई कमाल हो। आह! नारी किस-किस तरह मर्द को खुश कर सकती है, तुम बखूबी जानती हो।’’ वह नवयुवक अपनी कमर को हरकत देते हुए बोला, ‘‘ऐसा तो मैंने आज तक अश्लील फिल्मों में ही देखा था, मगर आज अपने तन के साथ…।’’
तभी पुराने कस्टमर ने रोजी की देह में धावा बोल दिया। वह उसकी सवारी करता हुआ बोला, ‘‘ओह! रोजी जानेमन! आज तो पूरे वैसे वसूल करेंगे हम तुम्हारी देह से।’’ वह अपने साथी की ओर देखकर बोला, जो रोजी द्वारा मौखिक सुख पाने पर दूसरी ही दुनियां में विचरण कर रहा था, ‘‘शाबाश प्यारे तू भी लगा रह। आज पूरे पैसे वसूलने हैं इस हसीना से। लगा रह बेटा लगा रह।’’
रोजी भी दोनों का पूरा साथ दे रही थी। कभी पहला, रोजी की देह में समा जाता और दूसरा मौखिक सुख लेने लगता, तो कभी दूसरा पुनः रोजी की देह में समा जाता और पहला पुनः मौखिक सुख प्राप्त करने लगता। जैसा दोनों कह रहे थे, न चाहते हुए भी रोजी बड़ी ही अदा से उन्हें खुश करने में लीन थी।
तभी रोजी अपने ऊपर झुके पुराने कस्टमर से बोली, ‘‘जनाब, अपने कुंवारे साथी को भी जन्नत की सैर करने का अवसर दीजिए।’’ वह मुस्करा कर बोली, ‘‘मेरा मतलब है, कि अभी कुंवारे हैं, कहीं ऐसा ना कि पहले ही फुस हो जाएं और पैसे वसूलने की तमन्ना इनके सफेद पसीने के साथ ही बह जाए।’’
‘‘सही कहती हो मेरी रानी।’’ कहकर वह उठा और अपने साथ को इशारा किया।
उसके बाद वह नवयुवक साथी रोजी की देह में समा गया और पूरी रफ्तार से रोजी को भोगने लगा। दूसरा कस्टमर रोजी के उभारों को चूमने सहलाने में व्यस्त हो गया।
‘‘हाय! मेरे राजा!’’ रोजी भी नीचे से उचक-उचक कर उसका साथ देती हुई बोली, ‘‘तुम्हारी गाड़ी तो बड़ी ही तेज रफ्तार से मेरी संदली देह में सरपट दौड़ी जा रही है।’’ वह उसके कान के पास फुसफुसाते हुए बोली, ‘‘वैसे एक बात कहूं, तुम्हारे साथ बहुत मजा आ रहा है। तुम्हारे मित्रा में तो कुछ खास बात नहीं है।’’ वह उसकी आंखों में आंखें गढ़ाते हुए बोली, ‘‘लगे रहो प्यारे।’’
‘‘नहीं अब जरा उठो।’’ वह नया कस्टमर रोजी को पेट के बल लेटने का इशारा करता हुआ बोला, ‘‘अब जरा पोजिशन बदल ली जाए।’’ वह बांयी आंख मारते हुए बोला क्यों क्या विचार है?’’
‘‘बहुत ही बढ़िया विचार है।’’ रोजी बेट के बल लेटते हुए बोली, ‘‘ऐसे तो तुम पूर्णतया मेरी देह में समा जाओगे और अपने साथ-साथ मुझे भी पूरा मजा दोगे।’’ वह उसकी प्रशंसा में बोली, ‘‘तुम हो तो कुंवारे पर हो बड़े उस्ताद खिलाड़ी।’’
‘‘अभी तो देखती जाओ मेरी रानी मेरा कमाल।’’ कहकर वह रोजी की पीठ के ऊपर झुका और उसकी कमर पकड़ कर सरपट से उसकी देह में समा गया।

‘‘आह!’’ एकपल को सकपका कर बोली रोजी, ‘‘ऐसे में तो तकलीफ हो रही है।’’ फिर दूसरे ही पल मादक सिसकियां लेते हुए बोली, ‘‘मगर लगता है मजा भी पूरा आयेगा, क्योंकि तुम मेरी देह में पूरी तरह समा गए हो।’’
‘‘ऐसी बात है, तो लो जानेमन।’’ कहकर वह कस्टमर राजधानी एक्सप्रेस की तरह दौड़ने लगा।
फिर कुछ ही देर में नया कस्टमर ढेर हो गया और वह बुरी तरह हांफता हुआ अपने सह मित्र से बोला, ‘‘आओ जी अब तुम्हारी बारी है। लग जाओ तुम भी।’’ वह मुस्करा कर बोला, ‘‘वैसे पहले मुझे मौका देने के लिए शुक्रिया!’’
उसके बाद दूसरा भी आया और जल्द ही अपनी कीमत वसूल ली। इसी प्रकार तीन बार ये दौर चला। दोनों ही बेहद खुश दे रोजी की दैहिक सेवा से। रोजी ने दोनों युवकों को उनकी कीमत चुकाने के आधार पर वो सब दिया, जिसके बाद दोनों की अंतर्रात्मा तक तृप्त हो गई।
फिर शेष दो हजार रुपए रोजी को थमा कर जब दोनों कस्टमर जाने लगे, तो पेशेवर अंदाज में कातिल मुस्कान लिए हुए बोली रोजी, ‘‘फिर आइएगा जनाब।’’ वह कुंवारे कस्टमर की ओर इशारा करती हुई बोली, ‘‘इन कुंवारों के दिलों से पत्नी का अरमान निकल जाये और सिर्फ मुझे यानी इस रोजी को ही याद रखें, ऐसा मैं चाहती हूं।’’
‘‘ऐसा ही होगा जानेमन!’’ कहकर दोनों कमरे से बाहर चले गये।
जाते-जाते उन्होंने मैडम से कहा, ‘‘वाह! मैडम मजा आ गया। वाकई अगर तुम्हारे पास कोई असली नगीना है, तो वो है रोजी। इसे सिर्फ हमारे लिए रखना। किसी और के साथ सुलाओगी, तो वो इसे मैली कर देगा।’’
‘‘जो हुक्म मेरे आका।’’ अदब से सिर झुका कर बोली मैडम, ‘‘जनाब के दोबारा तशरीफ लाने का बेसब्री से इंतजार रहेगा इस नाचीज को।’’
फिर दोनों बाहर आकर अपनी कार में सवार होकर वहां से चले गये।
इस मकान में पिछले काफी समय से देह व्यापार का धंधा चल रहा था। इसकी भनक आसपास के लोगों को थी, लेकिन कोई इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहता था। पड़ोसियों को माहौल बिगड़ता दिखाई दे रहा था। फिर भी पहल करने की हिम्मत किसी में नहीं थी।

कहानी कल्पना मात्र पर आधारित है व इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्र हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.