दोस्त की बहन ने लंड लिया | Dost ki behan ne mera lund chut mei liya – Chudai ki kahani
अगले ही दिन तानी का कॉल आया और वो बोली “डिम्पी मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ” मैं हैरान क्यूंकि जिस लड़की नए मुझे आप से नीचे नहीं पुकारा वो आज मेरा नाम ले रही थी और तू तडाके से बात कर रही थी, मैंने कहा “तानी तू भूल रही है तू किस से बात कर रही है” तो तानी नए कहा “मैं जानती हूँ तुम मेरी जान हो और मेरे ही रहोगे और हाँ चुपचाप मिलने आजाना और मेरे घर वालों या किसी को भी कुछ मत बताना”. मैं थोड़ी देर सोचता रहा और मैंने तानी को फ़ोन कर के कहा तेरे कॉलेज के बाहर हूँ आजा” तानी आई और उसने मुझे अपनी बाइक वहीँ पार्क करने को कहा और मुझे पानी कार में बिठा कर ले गयी. वो हाईवे पर जा रही थी और मेरी गांड फट के गुडगाँव हुई जा रही थी, मैं कहा “तानी कहाँ जा रहे हैं” तो बोली “बैठे रहो आज हम अकेले हैं और खुश हैं” फिर उसने जगजीत सिंह की ग़ज़लें लगा दी जो मेरी भी फेवरेट थीं.
तानी नए गाड़ी को कच्चे में उतार दिया जहाँ उसके पापा नए फ्लैट्स बना रहे थे, वहां पहुँच कर उसने चोव्किदर को गाड़ी की चाबी दी और कहा “सैंपल वाला फ्लैट रेडी है साहब को दिखाना है” चोकीदार ने मुस्कुरा कर दरवाज़ा खोल दिया और तानी मुझे सैंपल फ्लैट में ले गयी. ये फ्लैट पूरी तरह साफ़ सुथरा सजा धजा था और हर सामान ऐसे करीने से लगा हुआ था जैसे यहाँ आ कर बस रहना शुरू कर दो. तानी नए मुझे ड्राइंग रूम में बिठाया और बात शुरू की “देखो डिम्पी मैं बचपन से सिर्फ तुम्ही से प्यार करती हूँ और तुम्हारे बिना मर जाउंगी” मैंने समझाया पर उसने मेरी एक ना सुनी और मुझ पर कूद पड़ी मैंने उसे हटाने की कोशिश भी की लेकिन तानी की खुशबु और उसके जिस्म की छुं से मैं पगला गया था और उसका साथ देने लगा.
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तानी मुझे ड्राइंग रूम से बेडरूम में ले गयी और बोली “आज मैं तुम्हे अपना बना कर ही मानूंगी और तुम उस मिस एक्स चंडीगढ़ को भूल जाओगे”. बेडरूम में जा कर तानी और वाइल्ड हो गयी और उसने मेरे शरीर को ऐसे चूमना शुरू किया जैसे मैंने कोई स्वर्ग से उतरा हूँ, मैं भी तानी की रौ में बह गया और उसके कपडे उतारने लगा. उसका वो दुधिया जिस्म वो कमाल की मुस्कान और वो सेक्सी आवाज़जो तभी निकलती थी जब वो मूड में होती थी सब कितना मदहोश कर देने वाला था. तानी के कपडे उरने के बाद उसका चाँद जैसा बदन मेरे आगोश में था और वो हुस्न की मलिका मेरे जिस्म से खेलने को आतुर थी, मैंने तानी के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठों को चूमा और खूब चूसा और तानी भी मेरे होठों और जीभ को चूस रही थी. उसका ये सेक्सी रूप देखने लायक था.
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हम दोनों बेड पर पड़े एक दुसरे के जिस्म से ऐसे खेल रहे थे जैसे ये सेक्स ना हो कर बचपन का कोई खेल हो, तानी नए मेरे लंड को सहला सहला कर इतना तो होश में ला ही दिया था कि मैं उसकी चूत को धन्य कर सकूँ लेकिन वो नहीं मानी और उसने अपने मुंह में मेरा लंड ले कर उसकी वो चुसाई की जो आज तक किसी ने भी नहीं की थी. मैंने तानी को सीधा लिटाया और उसकी टांगों को चौड़ी कर के उसकी चूत जिस पर एक भी बाल नहीं था घुसा दिया तो तानी की चीख निकल गई और वो बोली “देखो डिम्पी मैं कहा था ना मैं तुम्हारे लिए ही सब कुछ संभाल रखा है, अब आज इस चमन को तुम्ही गुलज़ार करोगे” वो बिलकुल मेरी कविताओं वाली भाषा में बात कर रही थी. मैंने तानी को वो जमकर चोदा की उसकी चूत में से खून निकल आया लेकिन उसने कहा “डरो नहीं मैं सब चेंज करवा दूंगी और किसी को कुछ नहीं पता लगेगा” तानी खून निकलने के बावजूद बस चुदे जा रही थी और अंततः झड़ भी गयी हालाँकि मैं उसे फिर भी चोदना जारी रखा क्यूंकि ऐसी कमाल की चूत मिले और आप उसे अधूरे में छोड़ दो ये कहाँ का इन्साफ है.
तानी ने जमकर मेरा लंड लिया और फिर मेरे झड़ने तक एक और बार झड़ी और फिर मुझसे लिपट कर सो गयी, शाम होने पर उसने मुझसे फिर प्रणय निवेदन किया जिसे मैंने स्वीकार भी किया और उस से वादा किया की मैं उसी से शादी करूँगा और फिर से हमने चुदाई मचाई. इस घटना के लगभग छह महीनों तक तानी को मैंने अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरीकों से चोदा और एक दिन जब उसके पिता नए उसकी सगाई उस से बिना पूछे कहीं और कर दी तो तानी ने अपननी नसें भी काट लीं लेकिन उसके पिता नहीं माने. उन्होंने मुझे सम्जहय और तानी की शादी कहीं और कर दी, शादी के बाद तानी ने मेरा मुंह देखना भी बंद कर दिया था लेकिन कुछेक महीनों बाद वो वापस चुदने आई और इस बार तो पहले से भी ज्यादा हॉर्नी तरीके से चुदी और बोली “जब तक ममेरी जान में जान है मैं तुम्हारी ही रहूंगी फिर भले किसी की भी बीवी रहूँ और तुम भी मेरे ही रहना भले तुम्हारी भी शादी हो जाए”.
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