Kai saalon baad mere aur meri bahan Pammi ke bachapan ki chudai ka khel poora hua
उसी के खेलते रहते थे।एक बार हम दोनों अपने बगीचा गए थे जो मेरे घर के जस्ट सामने था।वही पर खेलने तो वहाँ पर मेरे परिवार के ही बड़े पापा के लड़का यानी भैया भी वही थे। वो भैया आया और हमदोनों को बोला चलो तुम दोनों को एक अच्छा खेल सिखाते है।हम दोनों बहुत छोटे थे क्या अच्छा। क्या बुरा नही पता था। हम दोनों तो बच्चा ही थे ।भैया बोला तो हम दोनों बोल दिए ठीक है।फिर भैया ने हम दोनों को बगीचा के लास्ट छोर पे ले गए जहाँ पर जंगल कुछ ज्यादा ही था और वहाँ पर चारा का बहुत बड़ा ढेर था। भैया हम दोनों को बोले कि अपना अपना पेंट उतार दो ।हम दोनों को तो बुद्धि था नही।जो वो बोल रहे थे हम दो कर रहे थे। फिर भैया ने पम्मी को घास के ढेर पर लेटा दिया और फिर हमको उसके ऊपर लेटा दिया।फिर भैया ने मेरा जो तभी मेरा छोटा लंड था उसे हाथ से पकड़ कर पम्मी की छोटी चुत में घुसा दिया। फिर बोले धक्का लगाने। हम धक्का लगाने लगे लेकिन चुत से निकल जा रहा था तो भैया उसे बार बार पकड़ पकड़ कर चुत में डाल देते थे।करीब करीब आधा घंटा तक हम दोनों से भैया ये सब करवाया।हम दोनों को ये खेल अच्छा लगा था।फिर हम दोनों घर आ गए।फिर हम दोनों ये खेल खेलने लगे।ऐशे ही एक दिन हम अपने दरवाजे पर मेरे नोकर का रहने के लिए एक कमरा था ।उसी बहुत से बच्चे खेल रहे थे तो।हम पम्मी से बोले की भैया वाला खेल खेल तो पम्मी बोली हां।फिर पम्मी अपनी पेंट खोल कर बेड पर लेट गयी।फिर हम भी अपना पेंट उतार दिया और फिर हम पम्मी की चुत को फैला कर देखने लगा।फिर हम पम्मी के चुत में लंड डाल ही रहा था कि मेरा चाची आ गई। और मम्मी को बुलाने लगी और बोलने लगे ये क्या कर रहा है।हम दोनों जल्दी से पेंट पहन कर भाग गया।पहली बार उस समय लग की ये सायद गलत काम है।सच बताये उसके बाद हम फिर हम ये खेल नही खेले।फिर कुछ साल बाद हमलोगों के घर पर सब अलग हो गए ।और मेरा पापा दूसरे जगह घर बना लिए। तभी से ही मेरा लंड खड़ा रह गया फिर हम दोनों बड़े हो गए ।हम हायर एजुकेशन के लिए बड़े शहर चले गए।वो वही से हायर एजुकेशन लेने लगी।ऐशे हम दोनों के बीच अब भी बहुत दोस्ती थी। फिर कुछ साल बाद शादी हो गया उनकी। और उनके दो साल की एक बच्ची भी है। एक बार हम उनके सुसराल गए हुए थे। ऐशे उनके पति विदेश में रहते है।जो 3 साल में आते है।हम उनके सुसराल पहली बार गए थे ।पम्मी हमको देखकर बहुत खुश थी।मेरा वहाँ पर बहुत ज्यादा खातेरदारी की।उनकी बहुतस्वीट बेबी थी। हमको अपने भांजी के साथ बहुत मज़ा आ रहा था।दिन भर बहुत अच्छा गुजरा।रात में पम्मी कहना बनाई और हम सब खाना खाएं।और सोने का बारी आई तो पम्मी की सास बोली अपने भाई को अपने ही रूम में सुला लो।पम्मी बोली ठीक है माँ जी।फिर हम पम्मी के रूम में सोने चले गए।फिर हम दोनों सोने लगे बीच मे भांजी को सुलाया ।फिर हम दोनों बात करने लगे। हम दोनों बहुत दिन बाद मिले थे। फिर हम पम्मी से पूछे जीजू की याद नही आती है तो बोली आती है बहुत लेकिन करे क्या।किसी तरह हम रह लेते है बस। फिर पम्मी हमको पूछने लगी गर्ल फ्रेंड बनाया तो मैं बोला नही। फिर हमदोनों पुराने बात करने लगे।उसी में पम्मी ने वही हमदोनो के चुदाई वाली बात उसको याद आ गया।और बोलने लगी उस दिन क्या हुआ था। उसी में हम बोले पता है पम्मी उसी समय से मेरा खड़ा है उसके बाद हम कभी नही किये ये सब। हम बोले तुम तो बहुत की।वो सरमा गयी।तो वो बोली कहा भाई ज्यादा हुआ तुम्हरे जीजू रहते कहा है।उसके साथ तो हम 6 महीना ही रहे है । बात बात में ही पम्मी बोली भाई एक बात बोलू हम बोले हाँ तो उसने बोली भाई क्या हम उस दिन के खेल को पूरा करे।हम बोले हाँ क्यो नही। तभी तो बच्चे थे कुछ याद भी नही है। फिर पम्मी बच्चे को किनारे पर कर दिया फिर हम दोनों अपना खेल चालू कर दिए।हम पम्मी को किस करने लगे ।पम्मी भी करने लगी। ऐशे पम्मी नाइटी पहनी हुई थी।फिर हम पम्मी को लेटा दिए और उसके बूब्स को दबाने लगे पम्मी सिसकिया लेने लगी।फिर हम पम्मी के नाईटी को उतार दिया ।पम्मी सिर्फ पेन्टी पहनी थी ।
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ब्रा नही पहनी थी। फिर हम पम्मी के बूब्स को चुसने लगा पम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था ।फिर एक हाथ को हम पम्मी के पेन्टी में डाला तो चुत पूरा गीली हो चुकी थी मेरे हाथ परते ही पम्मी के शरीर मे करेन्ट दौर गया मानो। फिर मैं हाथ से सहलाने लगा ।और वो सिसकियाँ लेने लगी।धिरे धीरे ही सिसकियाँ ले रही थी ताकि कोई सुने न फिर हम उनके पेन्टी उतार दिया उसके चुत पर एक भी बाल नही था एक दम गुलाबी चिकनी चुत थी।अपने होंश में पहली बार चुत को देख रहा था ।और फिर हम उसके चुत पर एक किश किया तो मेरी बहन उछल पड़ी फिर हम चुत को चुसने लगा। उसे बहुत मज़ा आ रहा था हमको भी। वो कमर उठा उठा कर चुत चुस्वा रही थी मेरे सर को दोनो हाथो से दबा रही थी।लग रहा था मुझे आज अपने चुत में समा लेगी।ऐशे उसके चुत की खुशबू बहुत मस्त थी।मेरे मुँह में दो बार झर गयी हम उसके चुत के सारा पानी पी गए।पम्मी एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी और आगे पीछे कर रही थी।फिर मेरी बहन बोली भाई अब लंड को चुत में डाल दो अपनी बहन की बरसों की प्यास बुझा दो अब हम भी देरी न करते हुए कुछ देर बाद हम उसके पेर को फैला दिया और हम अपना लंड को चुत पर रख दिया दो बार झटका दिया पूरा लंड चुत में समा गया। पम्मी को थोड़ा दर्द हो रहा था क्यो की दो साल बाद उसके चुत में लंड गया था उसके चुत अब भी थोड़ा टाइट था।फिर हम धक्का लगाने लगे उसे बहुत मज़ा आने लगा वो आ आ आ ।………आ आ ऊ ऊ ऊ करने लगी और बोलने लगी और जोर से चोदो अपनी बहन को आज अपनी बहन की चुत की भोसड़ा बना दो। हम 15 मिनट तक जोर जोर से चोदा फिर कुछ देर उसकी शरीर अकड़ने लगा हम समझ गए अब वो झरने वाली है हम और जोर से धक्के लगाने लगा फिर वो झर गयी और निढ़ाल हो गयी फिर हम भी कुछ देर बाद पम्मी को बोले कि मैं भी झरने वाला हूँ। तो वो बोली भाई मेरे चुत में ही गिरा दो प्लीज फिर हम कुछ देर बाद उसके चुत में झर गया उसके चुत को अपने पानी से भर दिया। हम उसके उपर ही लेटा रहा कुछ देर फिर पम्मी उठाया हमको फिर पम्मी मेरा लंड को मुँह में ले ली और चुसने लगी और फिर । पम्मी बोली भाई पहली बार इतना मज़ा आया चुदाई में। और बोली कल ipill ला के दे देना नही तो प्रेग्नेट हो जाऊँगी।हम बोले ठीक है। मैं उस रात 3 बार जम के पम्मी का चुदाई।किया हम 5 दिन वहाँ रहे कंडोम लगा कर खूब चोदा उसे और।उसके सालो की प्यास बुझाया। इस तरह हम दोनों भाई बहन का 18 साल बाद असली चुदाई हो पाया।।।कैसी लगी मेरी ये कहानी।।।।प्लीज कमेंट करें।