Maa ne dost ka bistar garam kiya – माँ ने दोस्त का बिस्तर गरम किया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है और में कानपुर उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह कहानी जो में आज आप सभी के सामने रखने जा रहा हूँ यह मेरी रंडी मम्मी सुजाता और मेरी क्लास में पढ़ने वाले मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त सचिन के बीच बने नज़ायज़ संबंधो के बारे में है. दोस्तों मेरी माँ सुजाता एक बहुत गोरी, सुडोल और कामुक महिला है जिसे देखकर किसी का भी उसे चोदने का मन करने लगेगा. उसके बूब्स एकदम गोल और उसके बूब्स का साईज़ 34 है और उसकी गांड तो ऐसी है कि जब भी वो साड़ी पहनकर चलती है तो उसकी वो बड़ी उभरी हुई गांड मटकती है और बाकी लोग उसको ठोकने के सपने देखते है.
दोस्तों उस समय मेरी माँ की उम्र 45 होगी और मेरा वो दोस्त जिसने मेरी माँ को चोदा उसकी उम्र करीब 23 की थी, वो मुझसे तीन साल बड़ा था, लेकिन वो मेरी ही क्लास में पढ़ता था. दोस्तों मेरे पापा एक प्राईवेट फेक्ट्री में काम करते है और वो ज्यादातर समय गुजरात में ही रहते है इसलिए घर पर में और मेरी चुदक्कड़ मम्मी ही रहती है और मुझे पहले ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता था कि मेरी माँ कभी ऐसी भी होगी.
दोस्तों अब में सीधे अपनी घटना पर आता हूँ और अपनी माँ की उस चुदाई को पूरा विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों एक दिन में मेरे दोस्त सचिन को अपने घर पर लेकर आया और मैंने उससे मम्मी का परिचय करवाया और वो मेरी मम्मी को घूरता हुआ देखता ही रह गया. फिर हम लोग बैठकर बातें कर रहे थे और तब भी वो लगातार मम्मी को ही देख रहा था और इस बात पर मैंने गौर किया.
दोस्तों सचिन शुरू से आंटियों का बहुत बड़ा दीवाना है और मैंने और उसने बहुत बार कई आंटियों को चोदा है, लेकिन मुझे बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता था कि उसकी नज़र मेरी मम्मी पर भी होगी या वो मेरी मम्मी को भी अपने जाल में फंसाकर चोद सकता है और वो मेरे एक बार घर पर लाने के बाद वो अब खुद घर पर हर दिन आने लगा और मम्मी के साथ अपनी दोस्ती को बढ़ाने लगा और कई बार तो वो मेरे घर पर नहीं होने पर भी आ जाता था. एक दिन मुझे सचिन को किसी काम की वहज से फोन करना था तो मैंने गलती से मम्मी के फोन से उसे फोन कर दिया तो मैंने देखा कि मम्मी के मोबाईल में सचिन का मोबाईल नंबर पहले से मौजूद है और अब मुझे कुछ शक हुआ और फिर मैंने सब कुछ खोलकर देखा तो में वो सब देखकर बिल्कुल चकित रह गया. मैंने देखा कि मम्मी उससे चेटिंग कर रही थी और उनकी चेटिंग भी अब बहुत आगे हो चुकी थी. मम्मी फोन पर पूरी नंगी हो चुकी थी और अब बस बिस्तर ही बाकी था.
फिर मैंने अब रोज़ चुपचाप मम्मी का फोन चेक करना शुरू किया तो मुझे पता चला कि यह दोनों बस हमेशा मेरे बाहर होने का ही इंतजार कर रहे है और फिर मैंने भी एक दिन जानबूझ कर उन्हें मौका देने की बात मन ही मन सोची, क्योंकि में मम्मी को ब्लॅकमेल करना चाहता था जिससे वो हमेशा मेरे वश में रहे, बस फिर क्या? मैंने मम्मी से झूठ बोला कि में कल अपने एक दोस्त के साथ लखनऊ जा रहा हूँ और में अगले दिन दोपहर तक आ जाऊंगा. में दोपहर के दो बजे अपने घर से निकल गया और घर से थोड़ा दूर खड़ा होकर छुपकर देखने लगा करीब तीन बजे के आस पास सचिन मेरे घर पर आया और फिर उसने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और मेरी मम्मी ने दरवाजा खोला. मैंने देखा कि उस समय मम्मी ने एक काली कलर की सेक्सी जालीदार साड़ी और उसी कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और उस ब्लाउज में से उसके आधे आधे बूब्स बाहर झांक रहे थे. फिर वो दोनों एक दूसरे की तरफ मुस्कुराते ख़ुशी ख़ुशी अंदर चले गये और में भी अपनी जेब से दूसरी चाबी से दरवाजा खोलकर उनके पीछे से अंदर आ गया, लेकिन जब मैंने अंदर आकर देखा तब तक वो दोनों बेडरूम में जा चुके थे.
अब में कमरे की एक छोटी सी खिड़की से अंदर का वो सब नजारा देखने लगा और साथ में उनके फोटो भी लेने लगा. मैंने देखा कि मम्मी अब सचिन की बाहों में थी और सचिन ने उनकी साड़ी का पल्लू हटा दिया था और वो अब उनके बूब्स मसल रहा था और वो लगातार किस कर रहा था. फिर उसने मम्मी के होंठो पर स्मूच करना शुरू किया, मम्मी भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और अब वो भी स्मूच कर रही थी और सचिन ने भी धीरे से स्मूच करते करते अपना एक हाथ सुजाता के पेटिकोट में डाल दिया और उसकी पेंटी को उतार दिया. फिर सचिन ने मम्मी की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया जिससे मम्मी मचलने लगी, उस दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ लेने लगी, लेकिन सचिन ने उसका मुहं अपने मुहं से स्मूच करते हुए बंद कर दिया था.
फिर सचिन ने उसके ब्लाउज को एक ऐसे जोरदार झटके से खोला कि वो फट गया और मम्मी के लटकते, झूलते हुए दूध के गोदाम को एक ही पल में पूरी तरह से आज़ादी मिल गयी और अब सचिन उनको कभी मसल रहा था तो कभी काट रहा था और मम्मी मज़े कर रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियों के साथ आहे भर रही थी. अब सचिन ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मम्मी के सामने पूरा नंगा हो गया. उसका वो सात इंच का खड़ा हुआ लंड अब मेरी माँ की चूत के स्वाद को चखने का इंतजार कर रहा था. फिर माँ उसे अपने एक हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी तो सचिन ने कुछ देर बाद उसे चूसने को कहा तो माँ उसकी इस बात से आनाकानी करने लगी, लेकिन सचिन ने उस काम को करने के लिए बहुत बार कहा तो वो भी धीरे धीरे चूसने लगी.
फिर सचिन जैसे ही गरम हुआ तो उसने पूरा लंड मम्मी के मुहं में ठूंस दिया और मम्मी के सर के बाल पकड़कर अपने लंड को लगातार अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से अब मम्मी कुछ नहीं कर पा रही थी और जब उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मम्मी लंबी लंबी साँस ले रही थी और सचिन का लंड एकदम चमक रहा था. अब सचिन की बारी थी और उसने मम्मी का पेटिकोट हटाया तो उसमें से मानो जन्नत निकलकर बाहर आई थी.
मम्मी की वो गुलाबी बिना झांटो की चूत और अब सचिन उसके ऊपर टूट पड़ा और उसे चाटने लगा. अब तो मम्मी एकदम गरम हो गई थी और सचिन का चेहरा अपनी चूत में घुसा रही थी और वो आह्ह्ह्ह आम्म्म्मम अहमम्म्म की मस्ती भरी आवाज़ निकाल रही थी और अब सचिन ने मम्मी की ब्रा को उतारकर फेंक दिया और उसके बूब्स को मसल रहा था और चूत को चाट रहा था. मम्मी तो जैसे अब सातवें आसमान पर पहुंच गई थी और फिर अचानक से उनकी अहमम्म्ममहहां एमेम आहह्ह्ह की आवाज़ और तेज़ हो गई और फिर मम्मी झड़ गयी, वो बिल्कुल चित होकर पड़ी रही और उसे देखकर लग रहा था कि जैसे उसे जन्नत नसीब हो गई है.
सचिन ने अब अपने तनकर खड़े औज़ार को माँ की चूत से सटाया और मम्मी के दोनों पैरों को फैला दिया और एक प्यारा सा झटका दे दिया जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मम्मी की प्यासी चूत में घुस गया और मम्मी ने आहह्ह्ह आईईईई करके एक गरम आह भरी और अपनी दोनों आखें बंद कर ली. फिर सचिन ने एक और लेकिन थोड़ा दमदार झटका दे दिया और अब उसका लंड मम्मी की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया और उस दर्द से मम्मी एकदम चीख पड़ी.
अब सचिन मम्मी को धीरे धीरे, लेकिन लगातार धक्के देकर चोदने लगा. वो पहले अपने लंड को पूरा अंदर से बाहर निकलता और फिर पूरा का पूरा एक ही जोरदार धक्के से अंदर डाल देता जिसकी वजह से मम्मी उतनी ही ज़ोर से आहे भरती आह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा आराम से आहम्म्म प्लीज धीरे करो, सचिन की आवाज़े पूरे कमरे में गूंज रही थी.
फिर सचिन अचानक रुक गया और उसने मम्मी को कुतिया बनने को कहा, मम्मी अब एक पालतू कुतिया की तरह उसकी बात मान रही थी और अब उसने पीछे से मम्मी की चूत को चोदना शुरू कर दिया और उसने अपनी स्पीड को भी बढ़ा दिया था. पूरे कमरे में अब मम्मी की आईईईइ आम्म्म्महह जैसी गरम आहों के अलावा उसकी जाँघो से मम्मी के चूतड़ की ठुकाई की फच फच फच जैसी मधुर आवाज़ गूँज रही थी, लेकिन अब वो झड़ने वाला था तो उसने मम्मी के सर के बाल पकड़कर वो मम्मी को और तेज़ से धक्के देकर चोदने लगा जैसे वो किसी घोड़े की सवारी कर रहा हो और मम्मी भी आह्ह्ह आईईई सचिन प्लीज थोड़ा धीरे आह्ह्ह्ह सचिन म्म्म्मममहह बस करो ओमम्म्मममहह चिल्लाने लगी और फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक साथ झड़ गये और वो मम्मी के ऊपर ही थककर पड़ा रहा.
फिर कुछ देर बाद वो दोनों एक दूसरे से अलग हुए तो मैंने देखा कि उन दोनों की सांसे बहुत तेज़ चल रही थी और मम्मी के चेहरे पर एक अजीब सी चमक के साथ साथ अपनी चूत चुदाई की संतुष्टि भी साफ साफ नजर आ रही थी. दोस्तों इस घटना के बाद उसने मम्मी को कई बार चोदा और उसने मम्मी की गांड भी मारी. तो दोस्तों मैंने भी उसे एक दिन बहुत डराकर उसकी माँ को चोदा और अब हम दोनों अपनी अपनी मम्मी को एक दूसरे के साथ चुदवाने के लिए भेज देते है और उनकी चुदाई के बहुत मजे लेते है. दोस्तों यह थी मेरी माँ की चुदाई की कहानी जिसके बाद मैंने अपने दोस्त की माँ को बहुत बार उसी के सामने चोदा और उसने मेरी माँ को मेरे सामने चोदा.