मकान मालकिन का सम्पूर्ण चोदन
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजदीप है और मेरी उम्र 29 की है. एक सच्ची घटना जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और में उसे आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. यह बात आज से तीन साल पहले की है और तब में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी के सिलसिले में गुजरात में सेट था और में वहां पर एक रूम किराए पर लेकर रहता था और में उस मकान के ऊपर वाले हिस्से में अपने एक दोस्त के साथ रहता था और उसी मकान के नीचे वाले हिस्से में मेरा मकान मलिक जो कि एक भैया ही थे और वो अपने माता, पिता और अपनी पत्नी और दो छोटे बच्चो के साथ रहते थे.
दोस्तों मेरे मकान मलिक की पत्नी मतलब कि मेरी भाभी जी की उम्र करीब 32 के करीब होगी और उनका क्या फिगर था? उस सेक्सी जिस्म के बारे में आज भी सोचकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता है. उनके बूब्स बहुत ही भरे हुए थे और क्या मस्त सेक्सी फिगर था? दोस्तों मैंने जब से उन्हें पहली बार देखा था तब से मेरे मन में उनको चोदने का ख्याल हमेशा आता रहता था, लेकिन बहुत समय तक ऐसा हो ना सका और जब भी वो मुझसे मिलती तो बस मेरी तरफ एक प्यारी सी स्माईल कर देती थी, मुझे उनका इस तरह मेरी तरफ देखकर मुस्कुराना, मुझसे हंस हंसकर बातें करना, मेरे साथ हंसी मजाक मस्ती करना बहुत अच्छा लगता था, जिसकी वजह से में बहुत ही कम समय में उनकी तरफ एकदम झुक सा गया था.
दोस्तों उनका पति किसी कम्पनी में बाहर के ट्यूर की नौकरी किया करता था और इस वजह से वो हमेशा कई कई दिनों तक अपने घर से बाहर ही रहता था और उसके जाने के बाद घर पर भाभी के सास, ससुर रहते थे, लेकिन वो दोनों भी ज्यादातर समय इधर उधर घूमते ही रहते थे और इस वजह से भाभी घर पर बिल्कुल अकेली थी.
दोस्तों करीब एक साल तक लगातार हमारे बीच में बस ऐसे ही चलता रहा और में बस उनको सोच सोचकर मुठ मार लेता था और करीब एक साल बाद मेरे दोस्त का किसी अलग जगह पर तबादला हो गया और अब उसके चले जाने के बाद में अपने रूम पर अकेला रह गया. फिर उसके चले जाने के बाद बहुत दिन तो ऐसे ही गुजर गये, लेकिन फिर एक दिन मैंने गौर किया कि भाभी जी भी अब मेरी तरफ कुछ ज्यादा ही ध्यान देती है और वो मुझसे कुछ ज्यादा ही हंस हंसकर, खुलकर अपनी सभी तरह की बातें किया करती है, लेकिन मैंने उनकी इन सभी बातों को बिल्कुल अनदेखा कर दिया.
मैंने मन ही मन सोचा कि शायद भाभी के मन में मेरे लिए ऐसा कुछ ना हो जैसा में उनके बारे में सोचता हूँ और मेरा उनके साथ यह सब करना या सोचना भी बहुत गलत बात है. दोस्तों भाभी दोपहर के समय कभी कभी जब उनका पति ऑफिस चला जाता तो एक या दो बार मेरे रूम में किसी ना किसी बहाने से कभी कोई बैंक का फॉर्म या फिर कभी और कोई अपनी समस्या लेकर आ जाती थी, लेकिन फिर भी में उनका बार बार मेरे पास आने और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने का मतलब बिल्कुल भी समझ ही नहीं सका.
एक दिन दोपहर के समय में अपने रूम में लेटकर ना जाने क्या सोच रहा था और तभी अचानक भाभी जी मेक्सी पहने हुए मेरे रूम में आ गई और उनके आने का मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला और फिर उन्होंने रूम का दरवाजा अंदर से बंद करके मुझे पकड़कर ज़ोर से हग कर लिया और अब वो मुझसे बोलने लगी कि क्या में तुमसे एक बात कहूँ, लेकिन तुम किसी को कुछ मत बोलना? फिर मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को कुछ नहीं कहूँगा. तब वो मुझसे बोली कि वो मुझे बहुत पसंद करती है और में उन्हें बहुत अच्छा लगता हूँ और ना जाने कब से मुझसे इस तरह मिलने को तैयार थी.
दोस्तों उनके मुहं से यह सब सुनकर मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था, लेकिन कुछ देर बाद मैंने उनसे दोबारा पूछा और उन्होंने अब भी वही कहा जो सब उन्होंने पहले कहा था और फिर मैंने भी उस इतने अच्छे मौके का फायदा उठाते हुए उन्हें अपने मन की बात को बता दिया. मैंने उनसे कहा कि हाँ में भी उन्हें बहुत पसंद करता हूँ और फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो मुझसे दोबारा लिपट गई और हम दोनों ने ज़ोर से हग किया और हमारा यह हग कुछ देर चला, लेकिन इसके बाद हम दोनों पूरी तरह से जोश में आकर गरम हो चुके थे.
फिर इतने में भाभी ने अपनी मेक्सी में से अपना एक बूब्स बाहर निकाल लिया और फिर उन्होंने मुझे अपना बूब्स चूसने को दे दिया. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से उनका बूब्स चूसा, उनका क्या मोटा, मुलायम बूब्स था. मैंने आज पहली बार उसे छूकर देखा था और आज उसके पूरे मज़े भी ले रहा था. फिर वो मेरा लंड हाथ में पकड़कर सहलाने लगी और वो मुझसे बोली कि प्लीज इस बारे में किसी को मत बताना, यहाँ तक कि अपने दोस्तों को भी नहीं.
मैंने बोला कि हाँ ठीक है और इतने में उन्होंने मेरी केफ्री को उतारकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और फिर वो ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी, वाह क्या मज़ा आ रहा था. दोस्तों आज अचानक से हुई इस घटना के बाद मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा वो सपना आज सच हो गया जिसको में इतने दिनों से देखता आ रहा था.
अब मैंने भी भाभी की मेक्सी को उतारकर उनके बूब्स को एक एक करके बारी बारी से ज़ोर से दबाते, मसलते हुए चूसता रहा और करीब दस मिनट तक लगातार चूसकर दबाकर मैंने दोनों बूब्स को पूरा लाल कर दिया था और ठीक उसके बाद मैंने उनकी चूत को चाटना, चूसना शुरू किया तो वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी, मेरे जीभ को उनकी चूत से छूने अंदर बाहर करने से वो एकदम तड़पने, मचलने लगी थी और उनको इस तरह तड़पते हुए देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद बहुत समय से उनकी सेक्स की प्यास नहीं बुझी थी और मैंने उनकी चूत को चाटकर, बूब्स को दबाकर, चूसकर उनके जिस्म में लगी उस आग को और भी बड़ा दिया था और उस आग को शांत करने के लिए वो बहुत व्याकुल परेशान सी दिख रही थी.
फिर उन्होंने ज्यादा देर ना करते हुए मेरा लंड पकड़कर अपनी गरम, गीली चूत के मुहं पर लगा लिया और फिर उन्होंने मुझे अपने लंड को अंदर करने का एक इशारा किया. फिर मैंने भी उनकी आज्ञा का पालन करते हुए अपने लंड का उस प्यासी चूत पर थोड़ा सा दबाव बना दिया और चूत बहुत गीली होने और भाभी के एक हाथ से अपनी चूत को पकड़कर फैलाने की वजह से लंड एक ही बार में पूरा का पूरा फिसलता हुआ अंदर चला गया, वाह दोस्तों मुझे क्या मज़ा आया था उस चिकनी चूत में लंड डालने का? फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से भाभी के मुहं से बहुत प्यार भरी सिसकियाँ आहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा और अंदर डालो, आईईईइ हाँ थोड़ा और प्लीज आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ बस ऐसे ही हाँ बस लगातार धक्के देकर मुझे तुम ऐसे ही चोद चोदकर मेरी इस चूत को शांत कर दो, आह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ थोड़ा सा और अंदर डालो, उह्ह्हह्ह की आवाज़ आ रही थी.
फिर में भी उनकी बातें सुनकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देता रहा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देती रही, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने मुझे मेरी कमर से कसकर पकड़ लिया और अब वो भी नीचे से अपनी चूतड़ को उठा उठाकर पूरा ज़ोर लगाकर धक्का देने लगी और उनका यह जोश देखकर में बहुत दंग रह गया, क्योंकि में आज पहली बार उन्हें चोद रहा था, लेकिन फिर भी मुझसे ज्यादा जोश भाभी में भरा हुआ था, शायद भैया ने अब तक उन्हें जमकर नहीं चोदा था, इसलिए उनकी चूत अब तक इतनी प्यासी, बैचेन थी.
दोस्तों हमारी यह ताबड़तोड़ चुदाई करीब बीस मिनट तक लगातार चली, लेकिन ज्यादा जोश से भरे होने की वजह से हम दोनों थोड़ी देर बाद एक एक करके झड़ गये और हम एक दूसरे से ऐसे ही लिपटे हुए एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे और में उनके नंगे बदन से खेलता रहा और उनके बूब्स को चूसता, सहलाता रहा. कुछ समय बाद हमारे बीच एक बार फिर से दोबारा चुदाई का दौर शुरू हुआ, लेकिन इस बार मैंने भाभी को डॉगी स्टाईल में बैठाकर चोदना शुरू किया.
दोस्तों वाह मुझे इस बार क्या मज़ा आ रहा था? और भाभी भी क्या उठ उठकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, में ऊपर से धक्का लगाता तो वो नीचे से अपना ज़ोर लगाती और इस तरह हमने करीब 20 मिनट तक इस चुदाई के मज़े लेकर अपनी इस दूसरी चुदाई को पूरा किया और हमारी यह चुदाई थोड़ा ज्यादा लंबे समय तक चली. उसके बाद में करीब आधे घंटे के बाद उठकर अपने कपड़े पहनकर भाभी के साथ बैठ गया. तब तक वो भी अपने कपड़े पहन चुकी थी और मेरी बाहों में लेटी हुई थी.
दोस्तों इस तरह करीब आठ महीने तक हम दोनों के बीच लगातार इस तरह से सेक्स चलता रहा और हमारी चुदाई का दौर ऐसे ही चलता रहा, हमें जब भी मौका मिलता तो हम चुदाई में लग जाते. मैंने उनके जिस्म की आग को ठंडा करने के साथ साथ अपने लंड को भी शांत किया और वो मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट थी, उन्होंने मुझसे कई बार अपने बेडरूम में भी अपनी चुदाई करवाई और मैंने उनको वो चुदाई का सुख दिया जो अब तक भैया ने अपनी व्यस्त जिन्दगी में भाभी को नहीं दिया और जिसके लिए वो अब तक तड़प रही और हमारी यह चुदाई तब तक चली जब तक कि मेरा तबादला नहीं हो गया. में उनको दिन रात हर कभी चोदता रहा और वो मुझे अपना पति मानकर मुझसे चुदवाती रही, लेकिन अब मेरा तबादला जयपुर में हो गया है और में अभी भी अपनी भाभी को बहुत याद करता हूँ और अब में उन्हें याद करके बहुत बार मुठ मार लेता हूँ.