Meri pyaas bujhai chote bhai ne – usaka lund ghacha ghach mere bur mei andar bahar ho raha tha
मेरा एक छोटा भाई है रोहित, २६ साल का जवान छोकरा है. दिखने में काफी हैंडसम है. जिम जाकर अच्छी बॉडी बना रखी है. मैं अपने भाई की तरफ आकर्षित हूँ, मैं उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हूँ. इसीलिए मैं उसको काफी सडके करती हूँ. मैंने उसके साथ जिम जाना भी सुरु कर दिया. जिम में मैं हमेशा टाइट कपडे पहनती हूँ, जिससे मेरी गदरायी जवानी और कयामत लगती है. मेरा भाई भी मेरे बदन को घूरता रहता है. जब मैं ट्रेडमिल में दौड़ती हूँ, तो वो मेरे पास आकर मेरी हिलती हुई चूचियों को देखता है, इसकी नजरे मेरी हिलती हुई अधनंगी चूचियों पर ही टिकी रहती है. और चुपके चुपके मेरी टाइट चुत्तड़ो को ताड़ते रहता है. मेरी गांड जब मटकती है तो उसके मुँह से आह निकल अति है. मुझे भी भाई को तरसाना अच्छा लगता है. डेली जिम के बाद मेरे नाम की मूठ मरता है. रोहित का लंड बहुत बड़ा है, पूरा ९” का है. अब मैं भी अपने भाई का लंड अपनी बूर में लेना चाहती थी. मैंने टाइट और छोटे कपडे पहनकर रोहित को सेदूस करने लगी. किसीभी वजह से झुककर अपनी चूचियों के दर्शन करवा देती और उसके सामने गांड हिलाते हुए चलती हूँ. मेरा भाई अपना लंड मसलते रह जाता है.
एक बार हम अपने रिलेटिव की शादी में जा रहे थे. रोहित तैयार हो चूका था, और वो मेरे कमरे में आ गया. उससमय मैं ब्लाउज का बटन लगा रही थी.
मैं: अरे रोहित तू है, आ जरा ये बटन लगा दे
रोहित: ओके दीदी
मैं: भाई लगता है मैं मोटी हो रही हूँ, ब्लाउज आ नहीं रही है.
रोहित: नहीं दीदी, आप मोटी थोड़े ना हो, आपकी चूचियां बड़ी बड़ी है
मैं: क्या बोला तूने? शर्म नहीं अति तुझे ऐसे बात करते हुए
रोहित: सच दीदी, आपकी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी है फुटबॉल के जैसी, इसलिए ब्लाउज टाइट हो रही है
मैं: तू बहुत बदमाश हो गया, चल किसी तरह बटन लगा दे
रोहित ने मौका का फयदा उठाते हुए, मेरी चूचियों को दबाकर ब्लाउज का बटन बंद कर दिया. मेरी अह्ह्ह निकल आयी.
मैं: आआह्ह्ह्हह्ह रोहिततत.. क्या बत्तमीजी है
रोहित: अरे दीदी अपने ही तो कहा किसी तरह लगा दो
मैं: ठीक है, मैं साड़ी पहन लेती हूँ
फिर मैंने साड़ी पहन ली, साड़ी काफी टाइट बाँधी थी, जिससे गांड बाहर निकल आये. मेरा भाई मुझे घूर रहा था. ब्लाउज के क्लीवेज से आधी से ज्यादा चूचियां दिख रही थी.
मैं: और भाई कैसी लग रही हूँ
रोहित: एकदम फटाका लग रही हो दीदी
मैं: ओह्ह्ह्हह .. मस्का मार रहा है
रोहित: नहीं दीदी, आज आप सेक्सी माल लग रही, ऊपर से निचे तक रस से लबालब
मैं: ओह्ह हो .. कुछ ज्यादा हो रहा है
रोहित: सच में दीदी, क्या गदराया बदन है आपका. आज तो आप दुल्हन लग रही हो
मैं: तू भी दूल्हा दिख रहा
रोहित: दीदी .. मुझे लगता है इस दूल्हा दुल्हन को आज सुहागरात मना लेनी चाहिए
मैं: अह्हह्ह्ह्ह.. भाई तूने मेरे दिल की बात कर दी
रोहित: उफ्फ्फ्फ़ शालिनी मेरी जान, आज जमकर चोदूंगा आपको. आज सुहागरात मनाऊँगा मैं अपनी माल बहन के साथ..
मैं: हाँ भाई, आ चूस ले मेरा बदन, भोग ले इस जिस्म को और चोद दाल मुझे
रोहित मुझे किश करने लगा और मेरी चुत्तड़ो को खूब मसलने लगा. उसने मेरा पल्लू गिरा दिया, उसे अब मेरी अधनंगी चूचियों के दर्शन होने लगे, जो मेरी सांसो के साथ ऊपर निचे हिल रही थी.
रोहित: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी.. क्या xxx story चूचियां है आपकी, फुटबॉल के सामान
मैं: अह्ह्ह्ह भाई.. दबा ले भाई, तेरे भोगने के लिए ही है यह बदन
रोहित मेरी चूचियों को दबाने लगा, और मैं काफी तेज मोअन करने लगी …
मैं: आआआआअह्ह्ह्हह .. अह्हह्ह्ह्ह.. और दबा भाई, चूस डाल इन्हे
रोहित: उफ्फफ्फ्फ़.. अह्ह्ह्ह.. बहुत मूठ मारा हूँ दीदी, आपकी चूचियों को देख देख कर.. आज पूरा बदला लूँगा
रोहित ने मेर ब्लाउज एक ही झटके में फाड़ दिया. अब मेरी चूचियां नंगी आजाद हवा में उछाल रही थी. जिसे रोहित ने पकड़ लिया और निप्पल को चूसने लगा
रोहित: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी.. ये तो बहुत बड़ी और सॉफ्ट है.. मजा आ रहा है इससे खेलने में
मैं: अह्ह्ह्हह भाई… मेरी चुत गीली हो गयी, कुछ कर निचे में
रोहित ने मेरी गांड को खूब दबाया, और अपना लंड मेरी गांड में रगड़ने लगा. उसका लंड पूरा खड़ा हो चूका था . उसने मेरी साड़ी निकल कर फेंक दी, फिर उसने पेटीकोट भी खोल दिया. अब मैं बिलकुल नंगी खड़ी थी रोहित के सामने. रोहित मेरी कामुक गदरायी जवानी को निहार रहा था. रोहित ने मुझे गोद में उठाया और मेरे बिस्तर पर मुझे फेंक दिया.
रोहित: उफ्फ्फ्फ़.. शालिनी माय जान .. कितना सेक्सी बदन है तेरा. पूरा रस पि जाऊँगा तेरी जवानी का
फिर उसने मेरे बदन के हर हिस्से को चूमा, मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गयी.
मैं: अह्ह्ह्हह भाई.. बस कर कितना एक्ससिटेड करेगा अपनी दीदी को.. जल्दी से चोद दे न
रोहित: नहीं दीदी.. आज हमारी सुहागरात है.. पूरा मजा लूंगा मैं
रोहित मेरे बदन को चूमते हुए, मेरी बूर के पास आ गया और मेरी बूर चूसने लगा. मेरी तो हालत ख़राब हो रही थी….१५ मिनट में मेरा माल निकल दिया उसने….
मैं: अह्ह्ह्हह.. उईईईईई मर गयी भाई… बस कर चोद ना भाई..
रोहित: ठीक है दीदी.. तैयार हो जाओ अपने पति का लंड लेने के लिए.
रोहित अपना मुसल लंड मेरी अनचुदी कुंवारी बूर में रगड़ने लगा. मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था.
मैं: अबे हरामी .. क्यू तरसा रहा है…चोदता क्यू नहीं है बहनचोद. लंड में दम नहीं है क्या बूर चोदने के लिए..
मैंने जानभूझकर गंदे शब्द का इस्तेमाल किया, रोहित को उत्तेजित करने के लिए..
रोहित: रुक जा मेरी रांड, ऐसा बूर चोदूंगा साली की याद रखेगी
फिर रोहित ने एक जोरदार झटका मारा और अपना सुपाड़ा मेरे बूर में पेल दिया.
मैं: अह्हह्ह्ह्ह.. बहनचोद .. कितनी जोर से पेला है साले.. उउइइइइइइइ माँ
रोहित: रुक जा रंडी, अभी लंड का दम दिखाता हूँ.
रोहित ने एक और जोरदार झटका मारा और लंड मेरा बूर को चीरता हुआ पूरा घुस गया.. मेरी तो जान ही निकल गयी.
मैं: उईईईईई माँ .. मार डाला रे .. फाड़ दिया तूने मेरा बूर
रोहित: और गाली दे मुझे
मैं: भाई मैं तो तुझे एक्ससिटेड करने के लिए बोला तूने तो पूरा बूर फाड़ दिया
मेरी बूर से थोड़ा खून निकल रहा था, और काफी जलन हो रही थी. थोड़ी देर बाद रोहित ने अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. धीरे धीरे मुझे भी मजा आ रहा था..
मैं: अह्हह्ह्ह्ह…. आआह्ह्ह्हह भाई
रोहित: अह्ह्ह्हह .. दीदी आपका बूर तो जन्नत है..
मैं: आआह्ह्ह्ह.. उईईईईई .. और तेज भाई…
रोहित तेजी से मेरी चुदाई करने लगा, उसका लंड घचा घच मेरी बूर में अंदर बाहर हो रहा था. पूरा रूम चुदाई के मधुर संगीत से गूंज रहा था..
मैं: आआह्ह्ह भाई.. कैसा लगा बहनचोद बांके
रोहित: आह्ह्ह्हह मेरी चुदक्कड़ बहना.. तेरी इन चूचियों को दबा दबाकर चोदने में बहुत आनंद आ रहा है. ये ले साली… अह्ह्ह्ह ले अपने भाई का लंड
रोहित बहुत तेजी से मुझे चोद रहा था, मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबाकर अपना लंड पेल रहा था. १ घंटे से चुदाई चल रही थी मेरी. रोहित रगड़ रगड़ कर सुहागरात मना रहा था मेरे sath
मैं: आअह्ह्ह भाई.. फ़क मी हार्डर बेबी
रोहित: अह्ह्ह्ह दीदी.. मेरा झड़ने वाला है.. आअह्ह्ह्ह
मैं: और चोद भाई….. अह्ह्ह्हह्हह .. मेरी बूर में ही झड जा
रोहित अब अपने अंतिम पड़ाव पर था, लम्बे लम्बे शॉट से मेरी बूर को चोद रहा था. १० मिनट और चोदा उसने मुझे और मेरी बूर में ही झड गया.